प्रयागराज: हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की 28 सदस्यीय कार्यकारिणी के चुनाव में बुधवार को 85 फ़ीसदी से ज्यादा मतदान हुआ. मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा. मतदान स्थल पर वोट देने के लिए सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक वकीलों का तांता लगा रहा. मुख्य चुनाव अधिकारी वीएम जैदी, चुनाव अधिकारी विनोद कांत श्रीवास्तव, आरसी सिंह, वशिष्ठ तिवारी, चंदन शर्मा और प्रभाकर अवस्थी ने बताया कि बार चुनाव में इस बार कुल 85.15 फ़ीसदी मतदान हुआ है. चुनाव में कुल 9684 मतदाता थे, जिनमें 8246 मतदाताओं ने वोट डाले गए. मतदान सुबह 10 बजे शुरू हो गया था जो शाम पांच बजे तक जारी रहा. मतदान के लिए कुल 16 बूथ बनाए गए थे. चुनाव अधिकारी वशिष्ठ तिवारी व चंदन शर्मा ने बताया कि वोट डालने के लिए प्रत्येक बूथ में दो दर्जन केबिन बनाए गए थे. पूरा चुनाव सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में हुआ। कहीं से कोई अप्रिय घटना या वारदात सामने नहीं आई. मतदान के बाद मतपेटियों को सीलबंद करके कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है. मुख्य चुनाव अधिकारी वीएम जैदी ने बताया कि मतपत्रों की छंटाई का काम शुक्रवार से शुरू होगा. उसके बाद मतगणना प्रारंभ की जाएगी.
इस बार भी नहीं लगे पंडाल
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के चुनाव में पिछले वर्ष की तरह इस बार भी प्रत्याशियों की ओर से लगाए जाने वाले बड़े-बड़े पंडाल नदारद रहे. आमतौर पर चुनाव में प्रत्याशी बड़े-बड़े पंडाल लगाते हैं, जिनमें पूडी-सब्जी, मिठाईसे लेकर नाश्ते और पानी-चाय आदि की व्यवस्था रहती है ताकि वे समर्थकों और वोटरों की खातिरदारी व आराम करने और खाने-पीने का इंतजाम कर सकें लेकिन गत वर्ष की तरह इस बार भी चुनाव समिति के कड़े रुख के कारण किसी भी प्रत्याशी ने सड़क पर पंडाल नहीं लगाया. हालांकि कुछ लोगों ने अपने स्तर से पूड़ी सब्जी, नाश्ता आदि के पैकेट की व्यवस्था कर समर्थकों और वोटरों के बीच वितरित किए.
पांच प्रत्याशियों को चिह्नित किया गया
प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन कर गलियारों में जुलूस निकालने, नारेबाजी व शोर-शराबा कर न्यायिक कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न करने के मामले में पांच प्रत्याशियों और उनके सहयोगियों को चिन्हित किया गया है. रजिस्टार प्रोटोकॉल ने बुधवार को अदालत में इसकी जानकारी दी और अन्य लोगों को चिन्हित करने के लिए और समय मांगा है. जिन प्रत्याशियों को चिंहित किया गया है उनमें एक संयुक्त सचिव पद का, दो उपाध्यक्ष पद के और दो गवर्निंग काउंसिल पद के उम्मीदवार थे। रजिस्टार प्रोटोकॉल ने कोर्ट को बताया कि जुलूस और नारेबाजी करने में शामिल अन्य वकीलों की पहचान की जा रही है इसके लिए और समय मांगा हैं. कोर्ट ने इसे मंजूर करते हुए मामले की सुनवाई टाल दी है.
यह आदेश न्यायमूर्ति एमके गुप्ता एवं न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने मेसर्स होटल प्राइड इन की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका पर मंगलवार सुनवाई हो रही थी, तभी कोर्ट के दोनों ओर से नारेबाजी व शोर होने लगा, जिससे न्यायिक कार्यवाही में बाधा आई और सुनवाई नहीं हो सकी.