अजमेर: विश्वविख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 813वां उर्स आने वाला है. उर्स से पहले दरगाह विवाद प्रकरण को लेकर सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों ने लोगों के बीच असमंजस का माहौल बना दिया था. देशभर के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले लोग भी अजमेर के माहौल को लेकर चिंतित थे. हालांकि, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 पर दिए गए फैसले का अजमेर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
होटलों में बुकिंग शुरू हो चुकी है और व्यापारी अपनी दुकानों पर माल भरने लगे हैं. कारोबारियों को उम्मीद है कि इस बार का उर्स मेला उनकी अपेक्षाओं से भी बेहतर रहेगा. अजमेर में हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक स्थल पुष्कर में स्थित जगत पिता ब्रह्मा का विश्व का इकलौता मंदिर है. वहीं, अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह भी है. इन दोनों स्थलों के कारण अजमेर का व्यापार फला-फूला है.
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दरअसल, अजमेर और पुष्कर में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं, जिससे होटल, रेस्टोरेंट, कपड़ा, मिठाई समेत विभिन्न कारोबारों को लाभ मिलता है. आम दिनों में भी श्रद्धालुओं की आवक से बाजार गुलजार रहते हैं. वहीं, पुष्कर मेला और उर्स मेले के दौरान यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है. ऐसे में व्यापारियों को इन मेलों से पूरे साल की कमाई की उम्मीद रहती है.
दरगाह विवाद और सोशल मीडिया का प्रभाव : दरगाह विवाद के बाद कुछ असामाजिक तत्वों ने सोशल मीडिया पर झूठी और भ्रामक जानकारियां फैलाईं, जिससे जायरीन की संख्या में कमी आने लगी थी. इससे व्यापारियों के हौसले पस्त होने लगे और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद अब स्थिति में सुधार हुआ है और व्यापारियों के चेहरे खिल उठे हैं.
उर्स मेले के लिए तैयारियां शुरू : दरगाह बाजार और आसपास के क्षेत्रों में 450 से 500 होटल और गेस्ट हाउस हैं, जबकि 300 से अधिक रेस्टोरेंट्स हैं, जो पूरी तरह जायरीन की आवक पर निर्भर हैं. दरगाह बाजार में होटल संचालक दिलीप ने बताया कि अब माहौल बिल्कुल ठीक है और होटलों की बुकिंग शुरू हो गई है. उन्होंने विश्वास जताया कि इस बार का उर्स मेला शानदार रहेगा. वहीं, अजयमेरु व्यापार संघ के सचिव रमेश लालवानी ने कहा कि अजमेर का व्यापार पूरी तरह पुष्कर और दरगाह पर निर्भर है. छोटे से बड़े व्यापार सभी यहां आने वाले श्रद्धालुओं से जुड़े हैं. व्यापारी चाहते हैं कि अमन-चैन का माहौल बना रहे, ताकि व्यापार बेहतर हो सके.
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मंदी की भरपाई का अवसर : दुकानदार आशीष साहू ने कहा कि पहले लग रहा था कि इस बार उर्स मेला सफल नहीं होगा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जायरीन की संख्या बढ़ने लगी है. उन्होंने बताया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने पुराने वीडियो सोशल मीडिया पर डालकर माहौल खराब करने की कोशिश की थी, जिससे लोग डर जाएं और मेले में न आएं, लेकिन अब उम्मीदें बढ़ गई हैं और व्यापारी अपनी तैयारियों में जुट गए हैं.
नला बाजार मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष हीरा लाल जीनगर ने कहा कि उर्स मेले को लेकर व्यापारी उत्साहित हैं. दुकानों पर माल भरा जा रहा है और मेले के दौरान अच्छी बिक्री की उम्मीद है. जीनगर ने विश्वास जताया कि ख्वाजा गरीब नवाज का 813वां उर्स मेला शानदार रहेगा और जायरीन बड़ी संख्या में मेले में शामिल होंगे. इस बार उर्स मेला व्यापारियों के लिए उम्मीदों का केंद्र बना हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद व्यापारी और जायरीन दोनों मेले को लेकर उत्साहित हैं. व्यापारियों को विश्वास है कि इस बार का मेला उम्मीद से बेहतर होगा और उन्हें लाभकारी व्यापार का अवसर प्रदान करेगा.