चंडीगढ़: हरियाणा में अक्टूबर महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं. इसको देखते हुए सीएम नायब सैनी एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. एक के बाद एक बड़ी घोषणा कर रहे हैं. इसी के तहत मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार ने शनिवार को हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में एक साथ कुल 80 स्वास्थ्य अधिकारियों को पदोन्नति दी गई और साथ ही ट्रांसफर भी किया.
एसएमओ, डीएमएस व डीडी पद पर पदोन्नति: सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को सीनियर मेडिकल ऑफिसर, डिप्टी मेडिकल सुपरिंटेंडेंट और डिप्टी डायरेक्टर के पद पर पदोन्नति दी गई है. साथ ही हरियाणा के लगभग अधिकांश जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों को एक जिले से दूसरे जिले में स्थानांतरित भी किया गया है.
इन शर्तों के अधीन हुई पदोन्नति: जब भी दिल्ली/चंडीगढ़ में पूर्व-कैडर पद पर प्रतिनियुक्ति पर अधिकारी स्वास्थ्य विभाग में शामिल होता है, तो कनिष्ठतम पदोन्नत व्यक्ति को बिना किसी सूचना के वापस कर दिया जाएगा. पदोन्नत अधिकारी एक वर्ष की अवधि के लिए प्रोबेशन पर रहेंगे, जिसे हरियाणा सिविल मेडिकल (ग्रुप-ए) नियम, 2014 के अनुसार नए कार्यभार की तिथि से तीन साल तक बढ़ाया जा सकेगा.
पदोन्नति उनके वरिष्ठों के अधिकार पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना होगी, यदि कोई अनुशासनात्मक कार्यवाही उपरोक्त डॉक्टरों में से वरिष्ठ के पक्ष में तय की जाएगी, तो सबसे कनिष्ठ डॉक्टर को वापस कर दिया जाएगा.
पदोन्नति इन अधिकारियों की कुछ वर्षों की एसीआरएस के संबंध में सत्यनिष्ठा प्रमाणित होने के अधीन है. यदि किसी भी समय यह पाया जाता है कि विकलांग व्यक्ति पदोन्नति के लिए पात्र पाया जाता है, तो सबसे कनिष्ठ अधिकारी को बिना किसी सूचना के उसके मूल पद पर वापस भेज दिया जाएगा. पदोन्नतियां सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय में लंबित मामलों के अंतिम परिणाम के अधीन हैं.
एक साथ पदोन्नति कर ट्रांसफर सामान्य: 80 स्वास्थ्य अधिकारियों की पदोन्नति और साथ ही ट्रांसफर के आदेश को रूटीन वर्क बताया गया है. हालांकि ये अलग बात है कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की सरकार में बड़े स्तर पर ये पहली पदोन्नति और ट्रांसफर सूची है.