देहरादून: प्रदेश के नगर निकायों के आरक्षण तय किए जाने को लेकर उत्तराखंड सरकार ने मानसून सत्र के दौरान संशोधन विधेयक सदन में पेश किया था. इसमें कुछ कमियां होने के चलते विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश नगर निगम अधिनियम- 1959) (संशोधन) विधेयक- 2024 को प्रवर समिति को सौंपने का निर्णय लिया. ऐसे में इस संशोधित विधेयक के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय प्रवर समिति का गठन किया है. ऐसे में प्रवर समिति का गठन होने के बाद ही समिति ने काम करना शुरू कर दिया है. जल्द ही प्रवर समिति की पहली बैठक की जाएगी.
राज्य में नगर निकायों का कार्यकाल दिसंबर 2023 में समाप्त हो गया. उसके बाद ही सरकार ने निकायों को प्रशासकों के हवाले कर दिया है. प्रशासकों का कार्यकाल दिसंबर महीने में समाप्त हो रहा है. ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि दिसंबर महीने से निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं. नगर निकायों का आरक्षण न होने के चलते निकायों का चुनाव नहीं हो पा रहे हैं. यही वजह है कि उत्तराखंड सरकार ने मानसून सत्र के दौरान उत्तराखंड (उत्तरप्रदेश नगर निगम अधिनियम- 1959) (संशोधन) विधेयक- 2024 को सदन के पटल पर रखा. तमाम विधायकों के विरोध के बाद इस संशोधन विधेयक को प्रवर समिति को सौंपने का निर्णय लिया.
प्रवर समिति में ये सदस्य शामिल: जिसके चलते विधानसभा अध्यक्ष ने 9 सितंबर 2024 को शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में प्रवर समिति का गठन किया. इस समिति में भाजपा विधायक विनोद चमोली, मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, बसपा विधायक शहजाद, कांग्रेस विधायक ममता राकेश और हरीश धामी को बतौर सदस्य नामित किया गया है. साथ ही इस समिति को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि वह अगले एक महीने के भीतर रिपोर्ट विधानसभा को सौंपेंगे.
क्या बोले प्रेमचंद अग्रवाल: प्रवर समिति के अध्यक्ष एवं शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा मानसून विधानसभा सत्र के दौरान नगर निगम संशोधन से संबंधित प्रवर समिति बनाने का निर्णय हुआ. ऐसे में प्रवर समिति का गठन कर दिया गया है. लिहाजा, जल्द ही वो समिति की बैठक करने जा रहे हैं. साथ ही कहा वृहद स्तर पर चर्चा करने के बाद जल्द से जल्द प्रवर समिति की रिपोर्ट विधानसभा अध्यक्ष को सौंप दी जाएगी.