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69000 शिक्षक भर्ती: अभ्यर्थियों ने घेरा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का आवास, प्रदर्शन के दौरान दो अभ्यर्थी हुए बेहोश - 69000 teacher recruitment - 69000 TEACHER RECRUITMENT

69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं. बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के आवास का घेराव किया.

अभ्यर्थियों ने घेरा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का आवास.
अभ्यर्थियों ने घेरा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का आवास. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 4, 2024, 4:45 PM IST

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का आदेश आने के बाद से लगातार 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं. यह सभी अभ्यर्थी लगातार एक के बाद एक मंत्री, नेता के आवसों का घेराव कर रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के आवास का घेराव किया. यहां बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी नारेबाजी करते हुए हाईकोर्ट डबल बेंच के फैसले का पालन करने व नियुक्ति दिए जाने की मांग करते रहे. प्रदर्शन के दौरान दो अभ्यर्थी बेहोश हो गए. जिसमें से एक अभ्यर्थी महोबा निवासी हसीन को सिविल अस्पताल ले जाया गया है. वहीं हरदोई निवासी स्मिता को प्रदर्शन से हटाकर दूसरी जगह पुलिस ले गई है.

6800 शिक्षक अभ्यर्थी लगातार तीसरे दिन यह प्रदर्शन जारी है. पहले दिन उन्होंने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया था वहीं दूसरे दिन इन्होंने प्रदेश सरकार में मंत्री आशीष पटेल और अपना दल कार्यालय का घेराव किया. जबकि आज तीसरे दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह के आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि हम ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं और मंत्रियों के आवास का घेराव इसलिए भी कर रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मामले का समाधान कराएं. हम सभी अभ्यर्थी पिछले 4 साल से सड़कों पर भटक रहे हैं. अब कोर्ट का फैसला आया है तो इसका पालन किया जाना चाहिए.

अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया. एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है. लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली कर रही है हम चाहते हैं की सरकार जल्द से इस प्रकरण का समाधान करें और एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है.

पटेल ने कहा कि, कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है. लेकिन सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है केवल एक मीटिंग की है. हमारी मांग है कि सरकार हमारी चयन संबंधित प्रकिया का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दे. प्रदर्शन करें अभ्यर्थियों का कहना था कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करेगा तब तक रोज किसी न किसी बड़े नेता या मंत्री के आवास का घेराव इसी तरह किया जाएगा.

यह भी पढ़ें : देखें VIDEO; सेना के सबसे खतरनाक कमांडो मार्कोस, जानिए कौन से हथियार से पानी में करते हैं दुश्मनों पर हमला - Know Your Army Festival

लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच का आदेश आने के बाद से लगातार 69000 शिक्षक भर्ती के अंतर्गत नियुक्ति की मांग को लेकर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं. यह सभी अभ्यर्थी लगातार एक के बाद एक मंत्री, नेता के आवसों का घेराव कर रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के आवास का घेराव किया. यहां बड़ी संख्या में पहुंचे अभ्यर्थी नारेबाजी करते हुए हाईकोर्ट डबल बेंच के फैसले का पालन करने व नियुक्ति दिए जाने की मांग करते रहे. प्रदर्शन के दौरान दो अभ्यर्थी बेहोश हो गए. जिसमें से एक अभ्यर्थी महोबा निवासी हसीन को सिविल अस्पताल ले जाया गया है. वहीं हरदोई निवासी स्मिता को प्रदर्शन से हटाकर दूसरी जगह पुलिस ले गई है.

6800 शिक्षक अभ्यर्थी लगातार तीसरे दिन यह प्रदर्शन जारी है. पहले दिन उन्होंने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आवास का घेराव किया था वहीं दूसरे दिन इन्होंने प्रदेश सरकार में मंत्री आशीष पटेल और अपना दल कार्यालय का घेराव किया. जबकि आज तीसरे दिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह के आवास के बाहर धरने पर बैठे हैं. आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि हम ओबीसी और एससी वर्ग के नेताओं और मंत्रियों के आवास का घेराव इसलिए भी कर रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस मामले का समाधान कराएं. हम सभी अभ्यर्थी पिछले 4 साल से सड़कों पर भटक रहे हैं. अब कोर्ट का फैसला आया है तो इसका पालन किया जाना चाहिए.

अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया. एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है. लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली कर रही है हम चाहते हैं की सरकार जल्द से इस प्रकरण का समाधान करें और एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है.

पटेल ने कहा कि, कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है. लेकिन सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है केवल एक मीटिंग की है. हमारी मांग है कि सरकार हमारी चयन संबंधित प्रकिया का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दे. प्रदर्शन करें अभ्यर्थियों का कहना था कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करेगा तब तक रोज किसी न किसी बड़े नेता या मंत्री के आवास का घेराव इसी तरह किया जाएगा.

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