लखनऊ: जिले में मंगलवार की रात शिक्षा भर्ती घोटाले के खिलाफ 69000 शिक्षक अभ्यर्थियों ने धरना प्रदर्शन किया. पुलिस ने देर रात महिला अभ्यर्थियों सहित कुछ पुरुष अभ्यर्थियों को धरने से हटाकर सुरक्षित स्थानों पर भेजा. पुलिस की चार गाड़ियों में उन्हें अलग-अलग दिशाओं में ले जाकर छोड़ गया.अत्यधिक बारिश और महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस और जिला प्रशासन के लोगों ने महिला अभ्यर्थियों को प्रदर्शन स्थल से ले जाकर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर छोड़ा है. साथ ही कुछ पुरुष अभ्यर्थियों को भी मौके से हटाने में पुलिस कामयाब रही. हालांकि, बुधवार की सुबह अभ्यर्थीयों ने फिर से अपने धरना दिया.
प्रदर्शनकारियों ने बताया, कि रात करीब 1:00 बजे के आसपास भारी संख्या में पुलिस बल पहुंची और लोगों को गाड़ियों में बैठना शुरू कर दिया. इस दौरान वहां अफरा तफरी का माहौल बन गया. महिला अभ्यर्थियों ने इसका विरोध किया, लेकिन पुलिस बल ने उनकी एक न सुनी. उन्हें जबरदस्ती गाड़ियों में भरकर उन्हें वहां से ले गए. प्रदर्शन पर बैठे अभ्यर्थियों का कहना था, कि पुलिस ने रात भर सभी को गाड़ियों में बैठकर पहले इधर-उधर घुमाया. बाद में सभी को अलग-अलग डायरेक्शन में ले जाकर छोड़ दिया. अभ्यर्थियों की माने तो, एक गाड़ी को फैजाबाद रोड तो दूसरी गाड़ी को कानपुर रोड ले जाकर अभ्यर्थियों को उतारा गया. इसी तरह तीसरे और चौथे गाड़ियों को भी शहर के बाहर ले जाकर छोड़ा गया.
नए अधिकारीयों को सूची बनाने की जिम्मेदारी दी जाए:अभ्यर्थियों का कहना है कि हाई कोर्ट का जो फैसला आया है सरकार उसे जल्द से जल्द लागू करें और आरक्षित वर्ग अभ्यर्थियों को न्याय देते हुए उनकी नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त करें. अभ्यर्थियों का कहना है दूध की रखवाली बिल्ली से नहीं कराई जा सकती, इसलिए पुरानी सूची बनाने वाले अधिकारियों को हटाकर नए अधिकारीयों को जिम्मेदारी दी जाएं और नई सूची बनाकर सभी की नियुक्ति की जाए.
देर होने पर मामला कोर्ट में फंस सकता है: धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया, कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया. एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद अब लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है. लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली कर रही है. हम चाहते हैं की सरकार जल्द से इस प्रकरण का समाधान करें और एक शेड्यूल जारी करके बताएं कि हम पीड़ितों की नियुक्ति कब की जा रही है.उन्होंने कहा कि, कोर्ट ने 69000 शिक्षक भर्ती मूल चयन सूची रद्द करते हुए सरकार को तीन महीने के अंदर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का आदेश दिया है. लेकिन सरकार ने अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया है, केवल एक मीटिंग की है. हमारी मांग है कि सरकार हमारी चयन संबंधित प्रकिया का कार्यक्रम शेड्यूल जारी कर दे.