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डीयू के 12 कॉलेजों में स्थायी शिक्षकों के 618 पद खाली, दो साल से लंबित है भर्ती प्रक्रिया

दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 सरकारी कॉलेजों में शिक्षकों की भर्ती का मामला लंबित है. इसके कारण छात्रों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है.

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डीयू के 12 कॉलेजों में स्थाई शिक्षकों के 618 पद खाली (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 14, 2024, 7:29 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबद्ध दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का मामला पिछले दो साल से लंबित है. इस समय में डीयू के अन्य कॉलेजों में 4000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है और 574 पदों पर प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया भी जारी है. हालांकि, इन 12 कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर स्थिति अस्थिर है.

दिल्ली विश्वविद्यालय और दिल्ली सरकार के बीच इन कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के गठन को लेकर संघर्ष बना हुआ है, जिसके चलते भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हो रही है. इसके कारण छात्रों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है. इन कॉलेजों के लिए दिल्ली सरकार ने कुल 1146 शिक्षकों के पद स्वीकृत किए हैं, जिनमें से 528 स्थायी शिक्षक कार्यरत हैं. इसका अर्थ है कि 618 स्थायी पद खाली हैं, जिससे शिक्षण कार्य में परेशानी उत्पन्न हो रही है.

ऐडहॉक शिक्षकों पर निर्भरता: कॉलेजों में अस्थायी रूप से 296 ऐडहॉक टीचर्स को रखा गया है. इसके बावजूद 300 से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. इस स्थिति के कारण शिक्षण कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिल पाने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो रही है, क्योंकि दिल्ली सरकार द्वारा समय से फंड जारी नहीं किया जा रहा है.

डूटा की मांग: दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी ने बताया कि उन्होंने कई बार दिल्ली सरकार को इन पदों के लिए पत्र लिखा है. इसके अलावा फंड जारी करने की मांग को लेकर भी डूटा आंदोलनरत है. प्रोफेसर भागी ने यह भी उल्लेख किया कि हाल में दिल्ली की मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री आतिशी ने इन कॉलेजों के लिए तीसरी तिमाही के लिए 100 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, लेकिन यह राशि अभी भी बकाया धनराशि की तुलना में बहुत कम है. वर्तमान में 150 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान दिल्ली सरकार पर बकाया है. जबकि, उसने केवल 100 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.

यह भी पढ़ें- डीयू एसओएल छात्रों के लिए शुरू करेगा कॉल सेंटर, फीस से लेकर डिग्री तक की मिलेगी जानकारी

प्रभावित कॉलेजों की सूची: दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले जिन 12 कॉलेजों में शिक्षकों के पद खाली हैं, उनमें शामिल हैं:

  1. आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज
  2. अदिति महाविद्यालय
  3. भगिनी निवेदिता कॉलेज
  4. भास्कराचार्य कॉलेज
  5. दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज
  6. डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज
  7. इंदिरा गाँधी इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज
  8. केशव महाविद्यालय
  9. महाराजा अग्रसेन कॉलेज
  10. महर्षि वाल्मीकि कालेज
  11. शहीद राजगुरु कॉलेज
  12. शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज

यह भी पढ़ें- दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर के 574 पदों पर भर्ती का सुनहरा मौका, जानें योग्यता और आवेदन की अंतिम तिथि

नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) से संबद्ध दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का मामला पिछले दो साल से लंबित है. इस समय में डीयू के अन्य कॉलेजों में 4000 से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है और 574 पदों पर प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया भी जारी है. हालांकि, इन 12 कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर स्थिति अस्थिर है.

दिल्ली विश्वविद्यालय और दिल्ली सरकार के बीच इन कॉलेजों की गवर्निंग बॉडी के गठन को लेकर संघर्ष बना हुआ है, जिसके चलते भर्ती प्रक्रिया प्रभावित हो रही है. इसके कारण छात्रों को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है. इन कॉलेजों के लिए दिल्ली सरकार ने कुल 1146 शिक्षकों के पद स्वीकृत किए हैं, जिनमें से 528 स्थायी शिक्षक कार्यरत हैं. इसका अर्थ है कि 618 स्थायी पद खाली हैं, जिससे शिक्षण कार्य में परेशानी उत्पन्न हो रही है.

ऐडहॉक शिक्षकों पर निर्भरता: कॉलेजों में अस्थायी रूप से 296 ऐडहॉक टीचर्स को रखा गया है. इसके बावजूद 300 से ज्यादा पद खाली पड़े हैं. इस स्थिति के कारण शिक्षण कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है. इसके अलावा शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिल पाने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो रही है, क्योंकि दिल्ली सरकार द्वारा समय से फंड जारी नहीं किया जा रहा है.

डूटा की मांग: दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (डूटा) के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी ने बताया कि उन्होंने कई बार दिल्ली सरकार को इन पदों के लिए पत्र लिखा है. इसके अलावा फंड जारी करने की मांग को लेकर भी डूटा आंदोलनरत है. प्रोफेसर भागी ने यह भी उल्लेख किया कि हाल में दिल्ली की मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री आतिशी ने इन कॉलेजों के लिए तीसरी तिमाही के लिए 100 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है, लेकिन यह राशि अभी भी बकाया धनराशि की तुलना में बहुत कम है. वर्तमान में 150 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान दिल्ली सरकार पर बकाया है. जबकि, उसने केवल 100 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है.

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प्रभावित कॉलेजों की सूची: दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले जिन 12 कॉलेजों में शिक्षकों के पद खाली हैं, उनमें शामिल हैं:

  1. आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज
  2. अदिति महाविद्यालय
  3. भगिनी निवेदिता कॉलेज
  4. भास्कराचार्य कॉलेज
  5. दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज
  6. डॉ. भीम राव अंबेडकर कॉलेज
  7. इंदिरा गाँधी इंस्टिट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंसेज
  8. केशव महाविद्यालय
  9. महाराजा अग्रसेन कॉलेज
  10. महर्षि वाल्मीकि कालेज
  11. शहीद राजगुरु कॉलेज
  12. शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज

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