गैरसैंण: सरकार के दावों के विपरीत जल जीवन मिशन के अंतर्गत संचालित हर घर जल योजना में धरातल पर अधिकांश नल सुखे ही नजर आ रहे हैं. ठप्प पड़ी पेयजल योजनाओं की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से लेकर विधायक व अधिकारियों तक की जाती है लेकिन कोई समाधान नहीं निकलता है. विकासखंड गैरसैंण के अंतर्गत मेहलचौरी, रंगचौणा व सरोवर गांव की पेयजल योजनाएं पिछले दो माह से ठप पड़ी हैं. जिसके चलते ग्रामीणों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है.
ग्रामीण क्षेत्रों में एक तरफ खेती के कार्यों की मारामारी है तो दूसरी तरफ बारातों का सीजन शुरू होने वाला है. ऐसे में बरसात में क्षतिग्रस्त हुई पेयजल योजनाएं बरसात समाप्त होने के बाद भी सुचारु न होने से ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ गई हैं.असूज के महीने में पर्वतीय क्षेत्रों में एक तरफ खेती के कार्य पूरे करने का दबाब रहता है.
वर्तमान में मेहलचौरी से 10 किलोमीटर दूर सणकोट जंगल के स्रोत से मेहलचौरी,रंगचौडा व सरोवर गांव के लिए पुरानी योजनाओं के साथ ही जल जीवन मिशन के अंतर्गत एक-एक नई योजनाएं बनाई गई हैं. जिनमें से सभी योजनाएं बरसात के सीजन में भूस्खलन की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गई थी. अब मेहलचौरी बाजार की आपूर्ति 2 दिन पूर्व ही सुचारु की जा सकी है. अन्य पांच योजनाएं ठप्प पड़े होने से जहां बाजार में अनियमित पेयजल आपूर्ति हो रही है, जबकि लगभग दस हजार की आबादी वाले गांवों में शामिल सरोवर,रंगचौडा,पाटली,सिलंगा पल्ला, ऊजेटिया,गोगना,आमडली गांव के लोग योजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद पेयजल के लिए तरस रहे हैं.
ग्रामीण नंदन सिंह नेगी ने कहा बरसात के तीन माह पेयजल आपूर्ति बाधित रही. करोडों खर्च करने के बाद भी ग्रामीणों को कई बार अपनी जेब से पैसा खर्च सुधारीकरण करवाना पड़ता है.रंगचौड़ा प्रधान दीपा देवी ने कहा मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल से लेकर विधायक व विभागीय अधिकारियों तक को की गई लेकिन कोई समाधान नहीं हो रहा है. मामले में जल संस्थान के अधिशासी अभियंता मुकेश कुमार ने कहा जल्द ही सभी पेयजल योजनाओं को सुचारु करने के लिए ठेकेदार को निर्देशित किया गया है.
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