दौसा. मेहंदीपुर बालाजी में चल रहे 6 दिवसीय होली महोत्सव की धूम परवान पर है. दूर दराज से मेहंदीपुर बालाजी पहुंच रहे भक्त अपने आराध्य देव के दर्शनों के लिए कई घंटों तक लाइन में लगकर पूरे जोश के साथ दर्शनों की प्रतीक्षा में लगे हुए हैं. ऐसे में मंदिर ट्रस्ट के सुरक्षा गॉर्ड श्रद्धालुओं का ग्रुप बनाकर मंदिर परिसर में प्रवेश करा रहे हैं. साथ ही दर्शनों के बाद ट्रस्ट की ओर से भक्तों को देशी घी से बनी हुई लंगर प्रसादी भेंट की जा रही है.
स्वयंभू बालाजी महाराज को चढ़ाया सोने का चोला: वहीं होलिका दहन के अवसर पर सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर महंत डॉक्टर नरेशपुरी महाराज के सानिध्य में ट्रस्ट की ओर से बालाजी महाराज की स्वयंभू प्रतिमा का पंचामृत से अभिषेक कराया गया. इसके बाद प्रतिमा को सोने के चोले से मनमोहक रूप दिया गया. इस दौरान महाआरती का आयोजन किया गया. इस दौरान महाआरती में हजारों की संख्या में भक्तों ने भाग लिया.
कस्बे के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी से निगरानी: आस्थाधाम में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए उनकी सुरक्षा को लेकर भी मंदिर ट्रस्ट ने कड़े इंतजाम किए हैं. इसके लिए आस्थाधाम के मुख्य बाजार, मंदिर परिसर, उदयपुरा रोड़ सहित आस्थाधाम के चप्पे-चप्पे पर ट्रस्ट की ओर से हाई क्वालिटी के सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. जिनके जरिए आस्थाधाम में पुलिस और ट्रस्ट पदाधिकारियों द्वारा आसामाजिक तत्वों पर विशेष निगरानी की जा रही है. साथ ही सादा वर्दी में तैनात पुलिसकर्मी जेबकतरों पर भी निगरानी करने में जुटे हुए हैं.
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रात सवा 11 बजे होगा होलिका दहन: साथ ही मेहंदीपुर बालाजी में रविवार रात सवा 11 बजे होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन से पूर्व सिद्धपीठ के पीठाधीश्वर महंत डॉक्टर नरेशपुरी महाराज होलिका दहन स्थल पर विशेष पूजा अर्चना करेंगे. इसके बाद विद्वान पंडितों की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महंत होलिका में अग्नि प्रज्वलित करेंगे.
क्या है होलिका दहन की मान्यता?: मान्यता के अनुसार मेहंदीपुर बालाजी में होने वाले होलिका दहन की विशेष मान्यता है. इस अवसर पर प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में भक्त मेहंदीपुर बालाजी पहुंचते हैं. मान्यता के अनुसार मेहंदीपुर बालाजी में होने वाले होलिका दहन की लौ लेने से ऊपरी बाधाओं से पीड़ित रोग मुक्त हो जाते हैं. साथ ही होलिका दहन के बाद श्रद्धालु होलिका दहन स्थल से भबूती लेकर अपने घर जाते हैं. श्रद्धालुओं की मान्यता है कि ऐसा करने से उनके हर दुख और रोग दूर हो जाते हैं.