भीलवाड़ा: प्रदेश में इस बार मानसून काफी सक्रिय रहा. इस कारण कई जिलों के बांध व तालाब लबालब हो गए हैं, लेकिन जलसंसाधन विभाग के तहत आने वाले भीलवाड़ा जिले के भीलवाड़ा, शाहपुरा व ब्यावर क्षेत्रों के साठ बांधों व तालाबों में से 55 अभी भी पानी का इंतजार कर रहे हैं, जबकि जिले में अब तक 499 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है.
सावन बीत चुका है और भादवा माह का आगाज हो चुका है. इस बार सावन खुशियों भरा रहा. मानसून के दो माह में ही औसत के मुकाबले इस बार अब तक अच्छी बारिश हुई है. भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले में अच्छी बारिश हुई है. इस कारण किसानों ने खरीफ की फसल के रूप में मूंग, उड़द, तिल, ग्वार, ज्वार, मक्का व सोयाबीन की फसल की बुवाई की थी. वर्तमान में फसल खलियानों में लहलहा रही है. बीते दिनों अब तक भीलवाड़ा व शाहपुरा जिले में सबसे ज्यादा शाहपुरा जिले के कोटड़ी में 827 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है. वहीं, सबसे कम शंभूगढ़ में 341 मिलीमीटर बरसात ही हुई है.
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जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता सोजी सिंह प्रतिहार ने कहा कि भीलवाड़ा जिले में बरसात का औसत 601 मिलीमीटर है. उसमें से अब तक 499 मिलीमीटर बरसात हो चुकी है, जोकि 83 प्रतिशत है. जिले के भीलवाड़ा, शाहपुरा व ब्यावर जिले के 60 बांध व तालाब भीलवाड़ा जलसंसाधन विभाग के अधीन है. उसमें से पांच बांध ओवरफ्लो हो चुके हैं, बाकि बांधों व तालाबों को पानी का इंतजार है. उन्होंने कहा कि अभी मौसम विभाग ने वापस मानसून सक्रिय होने की भविष्यवाणी की है. उम्मीद है कि आने वाले समय में खाली बांधों व तालाबों में पानी की आवक हो जाएगी.
अधिकारियों को फील्ड में रहने के निर्देश: अधीक्षण अभियंता ने बताया कि बारिश के मौसम में विभाग के अधिकारियों को फील्ड में मौजूद रहने के निर्देश दिए गए हैं. बांधों के पास रेत के कट्टे भरवाकर रखवाए गए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर काम में लिए जा सकें. उन्होंने कहा कि जनता से अपील करना चाहूंगा कि जब भी कोई बांध और तालाब ओवरफ्लो हो, तब उसके पास या उसके पानी में उतरने से परहेज करें.