चंडीगढ़: हरियाणा से इजराइल में नौकरी के लिए 530 युवाओं का पहला समूह रवाना हो गया है. इससे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सैनी ने युवाओं से फोन पर बात कर उन्हें शुभकामनाएं दी. इसके अलावा पूर्व सीएम मनोहर लाल ने भी इजराइल जा रहे युवाओं से बातचीत की. सभी युवाओं ने भी ऑन कैमरा इस सहयोग के लिए प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री का धन्यवाद दिया.
1.37 लाख सैलरी मिलेगी: इजराइल गए अधिकांश युवाओं को 1.37 लाख सैलरी दी जाएगी. प्रदेश सरकार पहले चरण की सफलता के बाद अब दूसरे चरण में युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए दोबारा वैकेंसी निकालेगी. माना जा रहा है कि यह वैकेंसी लोकसभा चुनाव के बाद निकाली जा सकती हैं. जनवरी 2024 में 7 देशों में 13294 पदों के लिए भारत के युवाओं की डिमांड आई थी. इसके लिए पद, योग्यता और सैलरी भी सार्वजनिक की गई थी.
1370 अभ्यर्थियों में से 530 को ही भेजा गया इजरायल: इजराइल में 10 हजार वर्करों की भर्ती के लिए 1370 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. लेकिन इनमें केवल 530 को ही इजराइल भेजा गया. इजराइल बिल्डर्स एसोसिएशन द्वारा सभी युवाओं की टिकट की व्यवस्था की गई है. हरियाणा में ये भर्ती प्रक्रिया 16 से 20 जनवरी तक रोहतक में आयोजित की गई थी.
ओवरटाइम भी मिलेगा: इजराइल में 10 हजार कंस्ट्रक्शन वर्कर्स की डिमांड भी आई है. फ्रेमवर्क, शटरिंग, कारपेंटर, प्लास्टरिंग, सेरामिक टाइल समेत अन्य प्रकार का काम करने वालों की जरूरत है. इस कामकाज के लिए प्रति महीना 1 लाख 37 हजार रुपए वेतन मिलेगा. साथ ही ओवरटाइम भी मिलेगा. इसके लिए योग्यता दसवीं पास, तीन साल का अनुभव, उम्र 25 से 45 साल होनी चाहिए. इसके अलावा चिकित्सा बीमा, खाना और आवास भी मिलेगा. उम्मीदवारों को हर महीने 16515 रुपए बोनस दिया जाएगा.
क्यों है इजराइल में डिमांड?: इजराइल-हमास जंग के बाद इजराइल में बड़ी संख्या में फिलिस्तीनियों के वर्क परमिट रद्द कर दिए गए. इजराइल की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री रिक्त पदों को भरने के लिए भारत समेत अन्य देशों से कर्मचारियों की तलाश में है. इसीलिए वहां बड़ी संख्या में वर्कर की जरूरत है. इसे देखते हुए हरियाणा सरकार ने भी प्रदेश से युवाओं को भेजने का फैसला किया.