रांची: लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में झारखंड की तीन संसदीय सीटों पर 52 उम्मीदवार चुनावी मैदान में ताल ठोकते नजर आ रहे हैं. नाम वापसी के बाद अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित राजमहल में 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में बचे हैं. यहां एक प्रत्याशी के द्वारा नामांकन वापस लिया गया है.
वहीं अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित दुमका सीट पर कोई भी नामांकन वापस नहीं हुआ है. इस वजह से यहां कुल 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. वहीं बात यदि गोड्डा संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की करें तो यहां दो लोगों ने अपना नामांकन वापस लिया है. इसके पश्चात यहां से कुल 19 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. गौरतलब है कि संताल परगना के इन तीन संसदीय सीटों पर अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होना है. इसके लिए नामांकन वापसी की तिथि 17 मई निर्धारित थी.
लोकसभा चुनाव 2024 में सर्वाधिक प्रत्याशी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में झारखंड की 14 सीटों पर कुल 240 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे थे, जिसमें 222 पुरुष और 18 महिलाएं थीं. वहीं 2019 के चुनाव में झारखंड में कुल 229 प्रत्याशी थे, जिसमें 204 पुरुष और 25 महिलाएं थीं. वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में सर्वाधिक 244 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इनमें 212 पुरुष और 31 महिलाओं के अलावा एक ट्रांसजेंडर शामिल है.
निर्वाचन आयोग का फोकस मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि आगामी चरण के चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग का फोकस मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर है. इसके लिए माइकिंग से मतदाताओं को जागरूक करने और मतदाताओं को मतदान केंद्र तक ले जाने के लिए मोबिलाइजेशन पर जोर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि मतदान करने में लोगों को ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़े इसके लिए मतदान की गति बढ़ाने के उपाय किए गए हैं. इसके तहत एक बार में तीन मतदाताओं को मतदान केंद्र के भीतर जाकर मतदान की सुविधा दी जाएगी.
राजमहल में 14 उम्मीदवार मैदान में, लोबिन हेंब्रम को मिली कैंची
राजमहल में नामांकन वापसी की प्रक्रिया के बाद निर्वाचन पदाधिकारी सह डीसी हेमंत सती और एसपी कुमार गौरव ने संयुक्त रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी. डीसी ने बताया कि दिनांक 16 मई को नाम वापसी की तिथि को 15 प्रत्याशियों में से एक प्रत्याशी दाउद मरांडी ने अपना नाम वापस ले लिया है. इस तरह अब राजमहल सीट पर कुल 14 उम्मीदवार चुनाव मैदान में रह गए हैं.
सभी प्रत्याशियों के बीच सिंबल का आवंटन
जिसमें कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार गोपीन सोरेन को चुनाव चिन्ह हथौड़ा कचीया सितारा, भाजपा प्रत्याशी ताला मरांडी को चुनाव चिन्ह कमल, झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार विजय हांसदा को चुनाव चिन्ह तीर कमान, बहुजन समाजवादी पार्टी उम्मीदवार मरियम मरांडी को चुनाव चिन्ह हाथी प्राप्त हुआ.
किसी को फूलगोभी तो किसी को पतंग
राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी के उम्मीदवार अजीत मरांडी को फूलगोभी, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रेटिक के उम्मीदवार खलीफा किस्कू को फलों से भरी टोकरी, ऑल इंडिया मजलिए ए इत्तेहादुल मुस्लिमिन के उम्मीदवार पाल सोरेन को पतंग, नव युवक प्रगतिशील मोर्चा के उम्मीदवार मुंशी किस्कू का चुनाव चिन्ह आदमी व पाल युक्त नौका, समता पार्टी के उम्मीदवार लीली हांसदा का चुनाव चिन्ह एयरकंडीशन, लोकहित अधिकार पार्टी के उम्मीदवार विनोद कुमार मंडल को चुनाव चिन्ह सेब प्राप्त हुआ.
निर्दलीय प्रत्याशियों को मिला चुनाव चिन्ह
वहीं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लोबिन हेंब्रम को चुनाव चिन्ह कैंची, दीपा टुडू का चुनाव चिन्ह ऑटोरिक्शा, सेवास्टियन हेम्ब्रम का चुनाव चिन्ह अलमारी, महेश पहाड़िया का चुनाव चिन्ह बल्ला प्राप्त हुआ.
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