कुचामनसिटी: वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा की ओर से संचालित की जाने वाली आरएससीआईटी परीक्षा रविवार को अलग-अलग परीक्षा केंद्रों पर आयोजित की गई. इस दौरान एक कंप्यूटर सेंटर संचालक ने निजी महाविद्यालय के द्वारा बरती जा रही सख्ती पर सवाल खड़े किए. कंप्यूटर सेंटर संचालक अशोक ने बताया कि 5 मिनट देरी से पहुंचने पर एक साथ 51 परीक्षार्थियों को प्रवेश नहीं दिया गया.
उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले बच्चों के आने में मात्र कुछ मिनट का विलंब हुआ. जिसके कारण उन्हें निजी कॉलेज प्रशासन ने परीक्षा के लिए प्रवेश नहीं दिया. उन्होंने आरकेसीएल से गुहार लगाते हुए कहा कि राजकीय विद्यालयों या राजकीय महाविद्यालय में ऐसे एग्जाम होने चाहिए ताकि वहां इस प्रकार की मनमानी न हो सके. साथ ही कहा कि कुछ देर के विलंब से बच्चों का आगमन होता है, तो उन्हें कुछ मिनट्स की राहत मिलनी चाहिए ताकि उनका भविष्य सुरक्षित रह सके.
महाविद्यालय पर लगाए गंभीर आरोप: कंप्यूटर सेंटर संचालक ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि इन्ही निजी सेंटर्स पर अक्सर ऐसा होता है कि बच्चों को चंद मिनट लेट होते ही परीक्षा से वंचित कर दिया जाता है, जबकि यही बच्चे 5000 से 10000 रुपए तक की राशि खर्च करके और समय लगाकर अपना अध्ययन करते हैं. इस प्रकार से मनमानी किये जाने से बच्चों का भविष्य दांव पर लगाना बिल्कुल भी उचित प्रतीत नहीं होता. अगली बार फार्म फिर से भरने पर ही परीक्षा देने का मौका मिलेगा, जिसके लिए वापिस यही राशि जमा करवानी होगी.