पटना/खगड़िया : देश में दलित की राजनीति करने वालों में कुछ बड़े नेताओं को यदि याद किया जाएगा तो उसमें एक नाम है रामविलास पासवान का. नौ बार लोकसभा के सांसद रह चुके रामविलास पासवान का 4 साल पहले आज ही के दिन निधन हुआ था. आज स्वर्गीय रामविलास पासवान की चौथी पुण्यतिथि मनाई जा रही है. आज दिल्ली, पटना एवं उनके पैतृक गांव खगड़िया के शहरबन्नी में उनकी पुण्यतिथि मनाई गई.
आज रामविलास पासवान की पुण्यतिथि : रामविलास पासवान की चौथी पुण्यतिथि आज बनाई जा रही है. उनके पुत्र और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान उनके पैतृक गांव शहरबन्नी में पुण्यतिथि मना रहे हैं. चिराग पासवान अपने पूरे परिवार के साथ अपने पिता के पैतृक गांव में आज इकट्ठा होकर पुण्यतिथि के कार्यक्रम में शामिल हुए. जिसमें बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी एवं प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी शामिल हुए. आज पटना स्थित अपने निजी आवास पर भी कार्यकर्ताओं के साथ चिराग पासवान ने अपने पिता को श्रद्धांजलि अर्पित की.
रालोजपा कार्यालय में पुण्यतिथि : स्वर्गीय रामविलास पासवान की पुण्यतिथि उनके छोटे भाई पशुपति कुमार पारस की पार्टी राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश कार्यालय में भी मनाया गया. रालोजपा के कार्यक्रम में पार्टी के नेताओं के साथ-साथ बिहार सरकार के सूचना प्रसारण मंत्री और रामविलास पासवान के संबंधी महेश्वर हजारी और जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक पहुंचे.
दिल्ली में दी गई श्रद्धांजलि : राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने स्वर्गीय रामविलास पासवान की चौथी पुण्यतिथि दिल्ली में मनाया. उनके द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी सहित कई बड़े नेता शामिल हुए. चिराग पासवान ने अपने आवास पर अपने पिता की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किया.
''पिता की कमी हर पल खलती रहती है. जैसे-जैसे दिन गुजर रहा है वैसे-वैसे उनकी याद और ताजा होती जा रही है. आज 4 साल हो गए अपने पापा से जुदा हुए. 4 साल पहले शाम 6:05 पर उनका निधन हुआ था, उनकी कमी हर दिन महसूस होती है.''- चिराग पासवान, केंद्रीय मंत्री
रामविलास से बड़ा चेहरा कोई नहीं : बिहार सरकार के सूचना जनसंपर्क मंत्री और रामविलास पासवान के मौसेरे भाई महेश्वर हजारी ने रामविलास पासवान को याद करते हुए कहा कि उनके साथ उनका पारिवारिक रिश्ता है. जब भी उनसे मिलने के लिए जाते थे तो कभी नहीं लगता था कि बड़े आदमी से मिल रहे हैं. सरल स्वभाव के और साधारण रहने वाले रामविलास पासवान महान पुरुष की आज पुण्यतिथि है. जात-पात एवं दलगत भावना से ऊपर उठकर उन्होंने सभी लोगों की मदद की. बिहार के गौरव के रूप में उनकी पहचान होती है. उनके जाने के बाद वे लोग अपने आप को कमजोर महसूस कर रहे हैं.
चाचा भतीजे के एक होने की कामना : परिवार में हुई टूट पर महेश्वर हजारी ने कहा कि परिवार में टूटने का प्रचलन आजकल हर घर की कहानी हो गई है. हर लोगों की इच्छा होती है कि हम आगे बढ़े लेकिन उसके लिए कर्म करना पड़ता है. संघर्ष करके आगे आने वाले रामविलास पासवान बहुत आगे तक पहुंचे. महेश्वर हजारी ने कहा कि उन्हें इस बात की अभी भी इच्छा है कि सभी मतभेद बुलाकर चाचा और भतीजा एक हो जाए.
रामविलास पासवान का राजनीतिक सफर : रामविलास पासवान आठ बार हाजीपुर संसदीय क्षेत्र से और एक बार रोसड़ा से सांसद बने थे. 1969 में पहली बार अलौली सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वाले पासवान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. रामविलास पासवान पहला लोकसभा चुनाव हाजीपुर से ही 1977 में जनता पार्टी से जीते थे. रामविलास 1985 में एक बार उत्तर प्रदेश के बिजनौर से भी उपचुनाव लड़े थे. हालांकि उसमें जीत नहीं पाए. रोसड़ा से 1991 में रामविलास पासवान ने चुनाव जीता था. रामविलास पासवान को मौसम वैज्ञानिक भी कहा जाता था और इसलिए जब भी केंद्र में सरकार बनी सभी में मंत्री भी बनते रहे.
लोजपा का गठन : बिहार की राजनीति के सबसे बड़े दलित चेहरा रहे रामविलास पासवान ने 28 नवंबर 2000 को जनता दल से अलग होकर लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया था. लोक जनशक्ति पार्टी के निर्माण के बाद उन्होंने बिहार भाजपा एवं राजद दोनों के साथ राजनीति की. लोजपा के गठन होने के बाद उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में बनी सरकार में मंत्री बने. इसके बाद उन्होंने यूपीए में शामिल होने का फैसला किया. लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव के समय एक बार फिर से रामविलास पासवान नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए के साथ गठबंधन किया. नरेंद्र मोदी के दोनों कार्यकाल की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर रहे.
''रामविलास पासवान किसी दलित नेता का होना बहुत ही कठिन है. भीमराव अंबेडकर और कुछ हद तक कांशीराम के बाद रामविलास पासवान से बड़ा कद का नेता कोई नहीं हुआ. अपनी पार्टी बनाई लोकसभा राज्यसभा और विधानसभा के सदस्य रहे. कांग्रेस के विरोध की भी राजनीति की और कांग्रेस के साथ भी राजनीति की. रामविलास पासवान तीन भाई थे लेकिन परिवार में मुखिया की भूमिका रामविलास पासवान ने निभाया था.''- अरुण पांडेय, वरिष्ठ पत्रकार
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