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मुजफ्फरपुर में शिक्षक के पैन कार्ड पर हुआ 40 करोड़ का GST फर्जीवाड़ा, केरल और दिल्ली में लिया गया जीएसटी नंबर - Fraud In Muzaffarpur

Fraud On PAN Card In Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर में एक शिक्षक के साथ जीएसटी फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. पैन कार्ड की मदद से जीएसटी नंबर लेकर 40 करोड़ के इस फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया गया है. आगे पढ़ें पूरी खबर.

Fraud On PAN Card In Muzaffarpur
मुजफ्फरपुर में जीएसटी घोटाला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jun 11, 2024, 1:45 PM IST

मुजफ्फरपुर: बड़े स्तर पर चल रहे जीएसटी घोटाले का एक और मामला बिहार में सामने आया है. मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाने के बीएमपी-6 दुर्गापुरी कॉलोनी निवासी निजी शिक्षक राहुल कुमार के पैन कार्ड का इस्तेमाल कर दिल्ली और केरल में दो अलग- अलग जीएसटी नंबर लिया गया. जिससे 40 करोड़ के जीएसटी का घोटाला किया गया है.

40 करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा: जब राहुल कुमार वार्षिक आयकर रिटर्न भरने गए तो उनके वकील ने यह जानकारी दी. इसके बाद उन्होंने जीएसटी कार्यालय पहुंचकर डिप्टी कमिशनर सत्येंद्र कुमार सिन्हा से मुलाकात की. तब पता चला कि उनके नाम पर 40 करोड़ जीएसटी बकाया है. इस मामले को लेकर राहुल ने मिठनपुरा थाने में जीएसटी फर्जीवाड़े की एफआईआर दर्ज कराई.

पैन कार्ड का केरल कनेक्शन: इससे पहले महाराजी पोखर मोहल्ला के मोबाइल मैकेनिक शुभम के नाम पर दिल्ली में 64 करोड़ रुपये का जीएसटी घोटाला किया गया था. इस तरह शहर में अब तक दो मामले सामने आ चुके हैं. शिक्षक राहुल ने पुलिस को बताया है कि उनके पैन कार्ड का इस्तेमाल कर केरल में कोजीकोड़ डिविजन से स्टार इंटरप्राइजेज का जीएसटी नंबर लिया गया है. इस कंपनी ने बड़े पैमाने पर एल्युमुनियम, ब्रांस, कॉपर आदि स्क्रैप व शीट का कारोबार किया है.

दिल्ली में भी लिया गया जीएसटी नंबर: बता दें कि करीब 15 करोड़ रुपये जीएसटी बकाया बताया गया है. जबकि दिल्ली में उत्तमनगर डिवीजन से आरके ट्रेडर्स के लिए उसके नाम पर जीएसटी नंबर लिया गया. इस फर्म ने दूध और क्रीम का कारोबार किया. दोनों राज्यों में कारोबार में करीब 40 करोड़ का घोटाला हुआ है. जीएसटी नंबर लेने के लिए दोनों राज्यों में एक ही मोबाइल नंबर और जी-मेल दिया गया है. इससे स्पष्ट है कि एक ही फर्म या शख्स ने फर्जीवाड़ा कर जीएसटी घोटाला किया है. इधर मिठनपुरा थानेदार राम इकबाल प्रसाद ने बताया कि "एफआईआर दर्ज कर छानबीन की जा रही है. प्रशिक्षु एसआई मिठुन कुमार को आईओ बनाया गया है."

"मैंने कभी जीएसटी लेने के लिए आवेदन भी नहीं किया है. मेरे नाम का कोई चालू खाता भी नहीं है. निजी स्तर पर घर-घर जाकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ा गुजर बसर कर रहा हूं."-राहुल, निजी शिक्षक

साइबर फ्रॉड के इस केस में नहीं लगा आईटी एक्ट: दूसरे के पैन कार्ड का इस्तेमाल कर फर्जी ढंग से जीएसटी लेकर करोड़ों के कारोबार के इस फ्रॉड में पुलिस ने आईटी एक्ट नहीं लगाया है. आईटी एक्ट लगने पर यह केस गंभीर प्रवृति की श्रेणी में आ जाता है. इसकी जांच किसी इंस्पेक्टर को करनी होती और मुख्यालय के अधिकारी मॉनिटरिंग करते हैं.

मैकेनिक के नाम पर हुआ था 64 करोड़ का घोटाला: महाराजी पोखर के मोबाइल मैकेनिक शुभम कुमार के पैन कार्ड पर दिल्ली में जीएसटी नंबर लिए गए. उसके नाम पर हुए करोड़ों रुपए के कारोबार में 64 करोड़ रुपये का जीएसटी घोटाला किया गया. जब शुभम रिटर्न भरने गया तो उसे जानकारी हुई. उसने बीते साल 20 सितंबर को साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसकी जांच साइबर थानेदार सीमा देवी कर रही हैं.

पढ़ें- Bihar Crime: वीजा कनेक्शन मामले में दरभंगा पहुंची दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम, आतंकी दानिश के भांजा के घर में छापेमारी

मुजफ्फरपुर: बड़े स्तर पर चल रहे जीएसटी घोटाले का एक और मामला बिहार में सामने आया है. मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाने के बीएमपी-6 दुर्गापुरी कॉलोनी निवासी निजी शिक्षक राहुल कुमार के पैन कार्ड का इस्तेमाल कर दिल्ली और केरल में दो अलग- अलग जीएसटी नंबर लिया गया. जिससे 40 करोड़ के जीएसटी का घोटाला किया गया है.

40 करोड़ का जीएसटी फर्जीवाड़ा: जब राहुल कुमार वार्षिक आयकर रिटर्न भरने गए तो उनके वकील ने यह जानकारी दी. इसके बाद उन्होंने जीएसटी कार्यालय पहुंचकर डिप्टी कमिशनर सत्येंद्र कुमार सिन्हा से मुलाकात की. तब पता चला कि उनके नाम पर 40 करोड़ जीएसटी बकाया है. इस मामले को लेकर राहुल ने मिठनपुरा थाने में जीएसटी फर्जीवाड़े की एफआईआर दर्ज कराई.

पैन कार्ड का केरल कनेक्शन: इससे पहले महाराजी पोखर मोहल्ला के मोबाइल मैकेनिक शुभम के नाम पर दिल्ली में 64 करोड़ रुपये का जीएसटी घोटाला किया गया था. इस तरह शहर में अब तक दो मामले सामने आ चुके हैं. शिक्षक राहुल ने पुलिस को बताया है कि उनके पैन कार्ड का इस्तेमाल कर केरल में कोजीकोड़ डिविजन से स्टार इंटरप्राइजेज का जीएसटी नंबर लिया गया है. इस कंपनी ने बड़े पैमाने पर एल्युमुनियम, ब्रांस, कॉपर आदि स्क्रैप व शीट का कारोबार किया है.

दिल्ली में भी लिया गया जीएसटी नंबर: बता दें कि करीब 15 करोड़ रुपये जीएसटी बकाया बताया गया है. जबकि दिल्ली में उत्तमनगर डिवीजन से आरके ट्रेडर्स के लिए उसके नाम पर जीएसटी नंबर लिया गया. इस फर्म ने दूध और क्रीम का कारोबार किया. दोनों राज्यों में कारोबार में करीब 40 करोड़ का घोटाला हुआ है. जीएसटी नंबर लेने के लिए दोनों राज्यों में एक ही मोबाइल नंबर और जी-मेल दिया गया है. इससे स्पष्ट है कि एक ही फर्म या शख्स ने फर्जीवाड़ा कर जीएसटी घोटाला किया है. इधर मिठनपुरा थानेदार राम इकबाल प्रसाद ने बताया कि "एफआईआर दर्ज कर छानबीन की जा रही है. प्रशिक्षु एसआई मिठुन कुमार को आईओ बनाया गया है."

"मैंने कभी जीएसटी लेने के लिए आवेदन भी नहीं किया है. मेरे नाम का कोई चालू खाता भी नहीं है. निजी स्तर पर घर-घर जाकर बच्चों को ट्यूशन पढ़ा गुजर बसर कर रहा हूं."-राहुल, निजी शिक्षक

साइबर फ्रॉड के इस केस में नहीं लगा आईटी एक्ट: दूसरे के पैन कार्ड का इस्तेमाल कर फर्जी ढंग से जीएसटी लेकर करोड़ों के कारोबार के इस फ्रॉड में पुलिस ने आईटी एक्ट नहीं लगाया है. आईटी एक्ट लगने पर यह केस गंभीर प्रवृति की श्रेणी में आ जाता है. इसकी जांच किसी इंस्पेक्टर को करनी होती और मुख्यालय के अधिकारी मॉनिटरिंग करते हैं.

मैकेनिक के नाम पर हुआ था 64 करोड़ का घोटाला: महाराजी पोखर के मोबाइल मैकेनिक शुभम कुमार के पैन कार्ड पर दिल्ली में जीएसटी नंबर लिए गए. उसके नाम पर हुए करोड़ों रुपए के कारोबार में 64 करोड़ रुपये का जीएसटी घोटाला किया गया. जब शुभम रिटर्न भरने गया तो उसे जानकारी हुई. उसने बीते साल 20 सितंबर को साइबर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसकी जांच साइबर थानेदार सीमा देवी कर रही हैं.

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