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राजसमंद ड्रीप संयंत्र में सवा 12 लाख के भ्रष्टाचार मामले में पूर्व सरपंच सहित 4 आरोपी गिरफ्तार, भेजा जेल - 4 Arrested by ACB in Rajsamand - 4 ARRESTED BY ACB IN RAJSAMAND

राजसमंद में ड्रीप संयंत्र योजना के अंतर्गत सवा 12 लाख रुपए का सरकारी अनुदान उठा राजकोष को चूना लगाने के ​मामले में एसीबी ने पूर्व सरपंच ​सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों को कोर्ट में पेशकर जेल भेज दिया गया.

4 Arrested by ACB in Rajsamand
ड्रीप संयंत्र योजना में धोखाधड़ी में 4 गिरफ्तार (ETV Bharat Rajsamand)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 5, 2024, 5:17 PM IST

Updated : Sep 5, 2024, 6:33 PM IST

ड्रीप संयंत्र योजना में गड़बड़झाला करने वाले आरोपी गिरफ्तार (ETV Bharat Rajsamand)

राजसमंद: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद की टीम ने कृषि विभाग की सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत ड्रीप संयंत्र कम भू-भाग पर लगाकर कई ज्यादा जगह का फर्जी सत्यापन करवाकर करीब सवा 12 लाख रुपए का सरकारी अनुदान उठाकर राजकोष को चपत लगाने पर सकरावास पूर्व सरपंच सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम ने चारों आरोपियों को उदयपुर की विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

एसीबी राजसमंद के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मत चारण ने बताया कि कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई योजना में हेराफेरी कर लाखों का अनुदान उठाकर राजकोष को चपत लगाने पर रेलमगरा उपखंड के सकरावास पूर्व सरपंच और श्री भोलेनाथ एजेंसी मालिक उदयलाल अहीर, पीपली डोडियान निवासी रमेश पुत्र मांगीलाल अहीर, हीरालाल पुत्र मांगीलाल अहीर और कालूलाल पुत्र किशनलाल अहीर को गिरफ्तार किया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम द्वारा गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों को उदयपुर स्थित एसीबी की स्पेशल कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया.

पढ़ें: एसीबी की छापेमारी : आरटीओ इंस्पेक्टर के ठिकानों पर सर्च, नकद राशि और डॉक्यूमेंट बरामद - ACB Action

इस मामले में चार आरोपी तत्कालीन नाथद्वारा के सहायक कृषि अधिकारी महेशचंद्र श्रीमाली, मदारा निवासी खेमराज कुमावत, मदारा के श्यामलाल कुमावत व गणपत कुमावत पहले ही गिरफ्तार होकर चालान पेश हो चुके हैं. इसके अलावा कृषि विभाग में आत्मा परियोजना के तत्कालीन उप निदेशक व वर्तमान में बूंदी आत्मा उप निदेशक पांचूलाल मीणा सहित 8 आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है, जिनकी धरपकड़ के प्रयास जारी हैं.

पढ़ें: कनिष्ठ सहायक 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार - ACB action in pratapgarh

फर्जी दस्तावेज से उठाए सवा 22 लाख रुपए का अनुदान: वर्ष 2012-13 में कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के अंतर्गत रेलमगरा के सकरावास क्षेत्र में किसानों के ड्रीप संयंत्र लगाए गए. इसमें कृषि विभाग आत्मा परियोजना राजसमंद के तत्कालीन उप निदेशक पांचूलाल मीणा, सहायक कृषि अधिकारी महेशचंद्र श्रीमाली, सकरावास पूर्व सरपंच व श्री भोलेनाथ एजेंसी फर्म के मालिक उदयलाल अहीर, श्री देव सप्लायर्स कांकरोली के फर्म मालिक किशनलाल गुर्जर सहित एक दर्जन किसानों ने मिलकर रिकॉर्ड में हेराफेरी की. ड्रीप संयंत्र काफी कम रकबा में लगाए गए, जबकि भौतिक सत्यापन के दौरान भी बहुत ज्यादा क्षेत्रफल में ड्रीप संयंत्र लगाना दर्शाकर गलत तरीके से कृषि विभाग से अनुदान की राशि उठा ली गई.

पढ़ें: 5000 की रिश्वत लेते कांस्टेबल गिरफ्तार, जांच की एवज में मांगे थे रुपए - ACB Action in Jaipur

इस तरह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि कृषि अधिकारी, पूर्व सरपंच व फर्म मालिक व किसानों ने मिलकर 22 लाख 47 हजार 155 रुपए का अनुदान उठाया, जबकि मौके पर उपलब्ध जमीन व लगे ड्रीप संयंत्र के अनुसार 10 लाख 20 हजार 32 रुपए का अनुदान ही बनता है. इस तरह 12 लाख 27 हजार 123 रुपए का अनुदान फर्जी दस्तावेज तैयार कर उठा लिया और सरकार के राजकोष को नुकसान पहुंचाया और कतिपय फर्म श्री भोलेनाथ एजेंसी व श्री देव सप्लायर्स कांकरोली को फायदा पहुंचाया गया.

जांच में दोषी निकलने पर एसीबी ने किया गिरफ्तार: राजसमंद एसीबी के अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक हिम्मत चारण ने बताया कि कृषि विभाग की सूक्ष्म सिंचाई परियोजना में फर्जी तरीके से कम रकबे में ड्रीप लगाकर ज्यादा जमीन पर ड्रीप लगाना रिकॉर्ड में दर्शाकर करीब 12 लाख 27 हजार 123 रुपए का राजकोष को नुकसान पहुंचाया. इसलिए सरपंच व फर्म मालिक सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया. शेष कृषि अधिकारी व किसानों की गिरफ्तारी भी जल्द करके चालान पेश किया जाएगा.

ड्रीप संयंत्र योजना में गड़बड़झाला करने वाले आरोपी गिरफ्तार (ETV Bharat Rajsamand)

राजसमंद: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजसमंद की टीम ने कृषि विभाग की सूक्ष्म सिंचाई योजना के तहत ड्रीप संयंत्र कम भू-भाग पर लगाकर कई ज्यादा जगह का फर्जी सत्यापन करवाकर करीब सवा 12 लाख रुपए का सरकारी अनुदान उठाकर राजकोष को चपत लगाने पर सकरावास पूर्व सरपंच सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम ने चारों आरोपियों को उदयपुर की विशेष अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.

एसीबी राजसमंद के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिम्मत चारण ने बताया कि कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के अंतर्गत सूक्ष्म सिंचाई योजना में हेराफेरी कर लाखों का अनुदान उठाकर राजकोष को चपत लगाने पर रेलमगरा उपखंड के सकरावास पूर्व सरपंच और श्री भोलेनाथ एजेंसी मालिक उदयलाल अहीर, पीपली डोडियान निवासी रमेश पुत्र मांगीलाल अहीर, हीरालाल पुत्र मांगीलाल अहीर और कालूलाल पुत्र किशनलाल अहीर को गिरफ्तार किया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम द्वारा गिरफ्तारी के बाद चारों आरोपियों को उदयपुर स्थित एसीबी की स्पेशल कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी आरोपियों को जेल भेज दिया गया.

पढ़ें: एसीबी की छापेमारी : आरटीओ इंस्पेक्टर के ठिकानों पर सर्च, नकद राशि और डॉक्यूमेंट बरामद - ACB Action

इस मामले में चार आरोपी तत्कालीन नाथद्वारा के सहायक कृषि अधिकारी महेशचंद्र श्रीमाली, मदारा निवासी खेमराज कुमावत, मदारा के श्यामलाल कुमावत व गणपत कुमावत पहले ही गिरफ्तार होकर चालान पेश हो चुके हैं. इसके अलावा कृषि विभाग में आत्मा परियोजना के तत्कालीन उप निदेशक व वर्तमान में बूंदी आत्मा उप निदेशक पांचूलाल मीणा सहित 8 आरोपियों की गिरफ्तारी शेष है, जिनकी धरपकड़ के प्रयास जारी हैं.

पढ़ें: कनिष्ठ सहायक 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार - ACB action in pratapgarh

फर्जी दस्तावेज से उठाए सवा 22 लाख रुपए का अनुदान: वर्ष 2012-13 में कृषि विभाग की आत्मा परियोजना के अंतर्गत रेलमगरा के सकरावास क्षेत्र में किसानों के ड्रीप संयंत्र लगाए गए. इसमें कृषि विभाग आत्मा परियोजना राजसमंद के तत्कालीन उप निदेशक पांचूलाल मीणा, सहायक कृषि अधिकारी महेशचंद्र श्रीमाली, सकरावास पूर्व सरपंच व श्री भोलेनाथ एजेंसी फर्म के मालिक उदयलाल अहीर, श्री देव सप्लायर्स कांकरोली के फर्म मालिक किशनलाल गुर्जर सहित एक दर्जन किसानों ने मिलकर रिकॉर्ड में हेराफेरी की. ड्रीप संयंत्र काफी कम रकबा में लगाए गए, जबकि भौतिक सत्यापन के दौरान भी बहुत ज्यादा क्षेत्रफल में ड्रीप संयंत्र लगाना दर्शाकर गलत तरीके से कृषि विभाग से अनुदान की राशि उठा ली गई.

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इस तरह भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि कृषि अधिकारी, पूर्व सरपंच व फर्म मालिक व किसानों ने मिलकर 22 लाख 47 हजार 155 रुपए का अनुदान उठाया, जबकि मौके पर उपलब्ध जमीन व लगे ड्रीप संयंत्र के अनुसार 10 लाख 20 हजार 32 रुपए का अनुदान ही बनता है. इस तरह 12 लाख 27 हजार 123 रुपए का अनुदान फर्जी दस्तावेज तैयार कर उठा लिया और सरकार के राजकोष को नुकसान पहुंचाया और कतिपय फर्म श्री भोलेनाथ एजेंसी व श्री देव सप्लायर्स कांकरोली को फायदा पहुंचाया गया.

जांच में दोषी निकलने पर एसीबी ने किया गिरफ्तार: राजसमंद एसीबी के अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक हिम्मत चारण ने बताया कि कृषि विभाग की सूक्ष्म सिंचाई परियोजना में फर्जी तरीके से कम रकबे में ड्रीप लगाकर ज्यादा जमीन पर ड्रीप लगाना रिकॉर्ड में दर्शाकर करीब 12 लाख 27 हजार 123 रुपए का राजकोष को नुकसान पहुंचाया. इसलिए सरपंच व फर्म मालिक सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया. शेष कृषि अधिकारी व किसानों की गिरफ्तारी भी जल्द करके चालान पेश किया जाएगा.

Last Updated : Sep 5, 2024, 6:33 PM IST
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