जोधपुर: नागरिकता संशोधन अधिनियम लागू होने के बाद जोधपुर में सोमवार को 355 पाक विस्थापितों को नागरिकता प्रदान की गई. जिला प्रशासन के जनगणना विभाग की ओर से डॉ एसएन मेडिकल कॉलेज के आडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में पाकिस्तान से आए हिंदू विस्थापितों को नागरिता प्रमाण पत्र बांटे गए. नगारिकता लेने वालों ने भारत का नागरिक बनने पर खुशी जताई. उन्होंने केंद्र सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया, जिन्होंने सीएए लागू कर नागरिकता की राह आसान की. साथ ही 'भारत माता की जय', 'वंदे मातरम' के नारे गूंज उठे.
पाकिस्तान के थारपारकर जिले से 14 साल पहले आए रमेश चौधरी ने बताया कि हमने सीएए के तहत आवेदन किया था. तीन माह में हमें नागरिकता मिल गई. इसी तरह से युवा भागचंद ने बताया कि वह बहुत छोटा था, तब परिजन उसे लेकर आए थे. आज पूरे परिवार को नागरिकता मिल गई है. हमें खुशी है कि हम आज भारतीय नागरिक बन गए. हमारे पिता बताते हैं कि वहां कितनी दुश्वर परिस्थितियों में रहते थे. इसके चलते घर छोड़कर यहां आकर बसे.
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पाक विस्थापितों के लिए काम करने वाली संस्था निमिकेतम के भागचंद भील ने बताया कि यह पहला मौका है, जब सीएए के तहत सर्वाधिक एक साथ 355 पाक विस्थापित हिंदुओं को नागरिकता मिली है. इसके लिए हम केंद्र सरकार का आभार मानते हैं. जिन विस्थापितों को आज नागरिकता मिली. उन्होंने अपने पाकिस्तानी पासपोर्ट भी जमा करवा दिए.
उल्लेखनीय है कि जोधपुर व आसपास के क्षेत्र में हजारों की संख्या में पाक विस्थापित हिंदू रह रहे हैं, जिनको नागरिकता की जरूरत है. सीएए लागू होने के बाद इनके लिए यह प्रक्रिया काफी सरल हो रही है. सीएए के तहत 2014 से या इससे पहले से भारत में रह रहे पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को नागरिकता का प्रावधान है. जिसमें कई औपचारिकताएं कम की गई है. जबकि पूर्व में 12 साल का प्रावधान था, जिसमें बहुत सारी औपचारिकताएं करनी पड़ती थी, लेकिन अब ऑनलाइन प्रक्रिया से आसान हुई हैं.