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जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 3-व्हीलर ई-वाहन लॉन्च, दिव्यांग छात्रों को मिलेगा लाभ - Jamia 3 wheeler e vehicle launched - JAMIA 3 WHEELER E VEHICLE LAUNCHED

Jamia Millia Islamia: व्हीलचेयर से चलने वाले छात्रों को सशक्त बनाने के लिए गुरुवार को जामिया के कार्यवाहक कुलपति प्रो. इकबाल हुसैन ने 3-व्हील ई-वाहन लॉन्च किया.

जामिया में 3-व्हीलर ई-वाहन हुआ लॉन्च
जामिया में 3-व्हीलर ई-वाहन हुआ लॉन्च (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 2, 2024, 8:41 PM IST

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के दिव्यांग छात्रों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, यूनिवर्सिटी कैंपस में व्हीलचेयर से चलने वाले छात्रों की सुविधा के लिए एक विशेष तरीके से डिजाइन किया वाहन लाया गया है. इस पर दिव्यांगजन अपने व्हीलचेयर के साथ चढ़ सकते हैं. फिर आसानी से ऑटो की गति से कैंपस के किसी भी छोड़ पर जा सकते हैं.

व्हीलचेयर से चलने वाले छात्रों को सशक्त बनाने के लिए गुरुवार को जामिया के नेहरू गेस्ट हाउस में कार्यवाहक कुलपति प्रो. इकबाल हुसैन द्वारा 3-व्हील ई-वाहन लॉन्च किया गया. इस वाहन को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) की पहल के तहत जामिया को याली मोबिलिटी, चेन्नई ने ई-व्हीलचेयर वाहन दिया.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 3-व्हीलर ई-वाहन हुआ लॉन्च, दिव्यांग छात्रों को मिलेगा लाभ
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 3-व्हीलर ई-वाहन हुआ लॉन्च, दिव्यांग छात्रों को मिलेगा लाभजामिया मिल्लिया इस्लामिया में 3-व्हीलर ई-वाहन हुआ लॉन्च, दिव्यांग छात्रों को मिलेगा लाभ (etv bharat)

दिव्यांगजन इस व्हीलचेयर वाहन को किसी दूसरे व्यक्ति की सहायता के बिना खुद ही व्हीलचेयर की दिशा और गति को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकता है. बता दें याली मोबिलिटी, आईआईटी मद्रास का एक स्टार्टअप हैं. जो व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं और बुजुर्गों के सुलभ वाहन उपलब्ध कराने में माहिर है. प्रो. इकबाल हुसैन ने कि जामिया में पहले से ही शारीरिक रूप से विकलांग छात्रों के लिए रैंप, लिफ्ट तथा अन्य सुविधाएं मौजूद हैं. ऐसे में ई-वाहन के जुड़ने से न केवल उन्हें परिसर में तेज गति से आने-जाने में सहायता मिलेगी, बल्कि विश्वविद्यालय को एनएएसी, एनआईआरएफ और अन्य रैंकिंग में भी सहायता मिलेगी.

याली मोबिलिटी के निदेशक शक्तिवेल थायप्पन ने कहा कि उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया को प्रोजेक्ट फ्रीडम के अंतर्गत ई-वाहन प्रदान करने के लिए चुना. क्योंकि इसकी समृद्ध विरासत सबसे पुराने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है और एनआईआरएफ रैंकिंग में इसे तीसरा स्थान प्राप्त है. इसके अतिरिक्त, बहु-विषयक शिक्षा, सामाजिक समावेशिता एवं सांस्कृतिक विविधता को आगे बढ़ाने पर विश्वविद्यालय ज़ोर देता है. इसमें क्रांति लाने सहित परिसर में समावेशिता को बढ़ावा देना प्रोजेक्ट फ्रीडम के लक्ष्य से पूरी तरह से मेल खाता है.

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया (जेएमआई) के दिव्यांग छात्रों के लिए खुशखबरी है. दरअसल, यूनिवर्सिटी कैंपस में व्हीलचेयर से चलने वाले छात्रों की सुविधा के लिए एक विशेष तरीके से डिजाइन किया वाहन लाया गया है. इस पर दिव्यांगजन अपने व्हीलचेयर के साथ चढ़ सकते हैं. फिर आसानी से ऑटो की गति से कैंपस के किसी भी छोड़ पर जा सकते हैं.

व्हीलचेयर से चलने वाले छात्रों को सशक्त बनाने के लिए गुरुवार को जामिया के नेहरू गेस्ट हाउस में कार्यवाहक कुलपति प्रो. इकबाल हुसैन द्वारा 3-व्हील ई-वाहन लॉन्च किया गया. इस वाहन को कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) की पहल के तहत जामिया को याली मोबिलिटी, चेन्नई ने ई-व्हीलचेयर वाहन दिया.

जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 3-व्हीलर ई-वाहन हुआ लॉन्च, दिव्यांग छात्रों को मिलेगा लाभ
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में 3-व्हीलर ई-वाहन हुआ लॉन्च, दिव्यांग छात्रों को मिलेगा लाभजामिया मिल्लिया इस्लामिया में 3-व्हीलर ई-वाहन हुआ लॉन्च, दिव्यांग छात्रों को मिलेगा लाभ (etv bharat)

दिव्यांगजन इस व्हीलचेयर वाहन को किसी दूसरे व्यक्ति की सहायता के बिना खुद ही व्हीलचेयर की दिशा और गति को पूरी तरह से नियंत्रित कर सकता है. बता दें याली मोबिलिटी, आईआईटी मद्रास का एक स्टार्टअप हैं. जो व्हीलचेयर उपयोगकर्ताओं और बुजुर्गों के सुलभ वाहन उपलब्ध कराने में माहिर है. प्रो. इकबाल हुसैन ने कि जामिया में पहले से ही शारीरिक रूप से विकलांग छात्रों के लिए रैंप, लिफ्ट तथा अन्य सुविधाएं मौजूद हैं. ऐसे में ई-वाहन के जुड़ने से न केवल उन्हें परिसर में तेज गति से आने-जाने में सहायता मिलेगी, बल्कि विश्वविद्यालय को एनएएसी, एनआईआरएफ और अन्य रैंकिंग में भी सहायता मिलेगी.

याली मोबिलिटी के निदेशक शक्तिवेल थायप्पन ने कहा कि उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया को प्रोजेक्ट फ्रीडम के अंतर्गत ई-वाहन प्रदान करने के लिए चुना. क्योंकि इसकी समृद्ध विरासत सबसे पुराने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है और एनआईआरएफ रैंकिंग में इसे तीसरा स्थान प्राप्त है. इसके अतिरिक्त, बहु-विषयक शिक्षा, सामाजिक समावेशिता एवं सांस्कृतिक विविधता को आगे बढ़ाने पर विश्वविद्यालय ज़ोर देता है. इसमें क्रांति लाने सहित परिसर में समावेशिता को बढ़ावा देना प्रोजेक्ट फ्रीडम के लक्ष्य से पूरी तरह से मेल खाता है.

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