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18.65 लाख रुपये की ठगी का हुआ खुलासा, हिमाचल पुलिस ने गिरफ्तार किए 3 आरोपी - DIGITAL ARREST CASE SOLAN

हिमाचल पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट मामले में 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इन्होंने एक शख्स से लाखों रुपये की ठगी की थी.

डिजिटल अरेस्ट मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार
डिजिटल अरेस्ट मामले में 3 आरोपी गिरफ्तार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 2 hours ago

सोलन: पुलिस थाना परवाणू में 8 नवंबर को दर्ज करीब ₹18.65 लाख की धोखाधड़ी के एक मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह आरोपी लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी का शिकार बनाते थे.

डिजिटल अरेस्ट कर हुई ठगी

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक एक शिकायतकर्ता ने पुलिस थाना परवाणू में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 7 अक्टूबर को उन्हें एक मोबाइल नंबर से कॉल आई जिसमें एक शख्स ने बताया कि वह एक कोरियर सर्विस से बोल रहा है और आपके आधार कार्ड का प्रयोग चीन को पार्सल भेजने के लिए किया गया है जिसमें अवैध ड्रग्स व कुछ अन्य संदिग्ध सामान शामिल था. ये पार्सल अब कस्टम विभाग की कस्टडी में है.

इसके बाद आरोपी ने पीड़ित शख्स की फर्जी सीबीआई अधिकारी से कॉल ट्रांसफर कर बात करवाई. फर्जी सीबीआई अधिकारी ने बताया कि इस आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किया गया है और बताया कि 538 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इसे इस्तेमाल किया गया है.

ऐसे में आरोपियों की धमकी व दबाव के कारण पीड़ित शख्स ने अलग-अलग किश्तों में कुल 18.65 लाख रुपये इनके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए. इस पूरे प्रकरण के दौरान ये लोग इन्हें लगातार धमकियां दे रहे थे और पीड़ित शख्स 7 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2024 की सुबह तक डिजिटल अरेस्ट रहा. पीड़ित शख्स दिन-रात लगातार इनके साथ व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग पर था. 10 अक्टूबर को इन लोगों ने इन्हें अपने ऑफिस में जाने की अनुमति दी और अपनी प्रत्येक गतिविधि की जानकारी उन्हें देने को कहा.

14 अक्टूबर को इन्हें बताया गया कि अब वे कोर्ट केस के लिए दिल्ली में ईडी कार्यालय जाएंगे क्योंकि यह भारत सरकार का हाई प्रोफाइल मामला है. 16 अक्टूबर को इन लोगों ने इन्हें फोन करके बताया कि केस खत्म हो गया है और उन्होंने केस जीत लिया है. जब उन्होंने केस का विवरण मांगा तो उन्होंने कहा कि 10% राशि देने के बाद वे इनके सारे पैसे वापस कर देंगे. इसके बाद जब पीड़ित ने उन्हें संपर्क करने की कोशिश की तो वे लोग पीड़ित शख्स की कॉल नहीं उठा रहे थे.

एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया "पुलिस ने शिकायत पर पुलिस थाना परवाणू में धोखाधड़ी की धारा 319(2) BNS के तहत मामला पंजीकृत किया. मामले की जांच के दौरान पुलिस द्वारा टेक्निकल सेल और साइबर सेल की सहायता से तकनीकी जांच और अन्य रिकॉर्ड के अवलोकन के आधार पर इस मामले में संलिप्त तीन आरोपियों विनय पालीवाल निवासी गांव सकरोड़ा मावली तहसील मावली जिला उदयपुर राजस्थान उम्र 26 साल, राहुल टेलर निवासी समीप रेलवे स्टेशन बी केबिन काठापाली तहसील मावली जिला उदयपुर राजस्थान उम्र 26 साल व लोकेश खटीक निवासी समीप जैन मंदिर मावली तहसील मावली जिला उदयपुर राजस्थान उम्र 33 साल को राजस्थान के उदयपुर जिला से गिरफ्तार किया.

गिरफ्तार तीनों आरोपियों के पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड की पड़ताल की जा रही है. इन्हें माननीय कोर्ट में पेश करके 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है. अभी तक की जांच के दौरान पाया गया है कि ठगी का यह नेटवर्क देश के राजस्थान और गुजरात राज्यों में काफी समय से सक्रिय था जो हिमाचल व देश के अन्य राज्यों के लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी का शिकार बनाते हैं. गिरफ्तार किए गए आरोपी इस गैंग के प्रमुख सदस्य हैं और यह लोगों से ठगी की राशि अपने-अपने और बेनामी बैंक खातों में डलवाते थे."

इन आरोपियों के बैंक खातों के विश्लेषण पर पाया गया कि इनके खातों में ठगी के करीब 40 लाख रुपये ट्रांसफर हुए हैं, जो यह पैसे निकाल कर इस्तेमाल कर लेते थे. इसके अलावा इन आरोपियों के तकनीकी डिटेल व बैंक खातों का विश्लेषण करने और जांच के दौरान यह भी पाया गया कि इस नेटवर्क के सरगना द्वारा इन आरोपियों के बैंक खातों में क्रिप्टोकरेंसी की अवैध कमाई से क्रिप्टो करेंसी/ बिटकॉइन और US डॉलर को एक्सचेंज करवाकर करीब तीन करोड़ रुपये इन आरोपियों के बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए थे जो इन आरोपियों ने सरगना तक पहुंचाए हैं. इस संदर्भ में पुलिस जांच कर रही है.

ये भी पढ़ें: पुलिस ने चोर गिरोह से बरामद की 11 मोटरसाइकिलें, गैंग के छह सदस्यों में से चार नाबालिग

सोलन: पुलिस थाना परवाणू में 8 नवंबर को दर्ज करीब ₹18.65 लाख की धोखाधड़ी के एक मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. यह आरोपी लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी का शिकार बनाते थे.

डिजिटल अरेस्ट कर हुई ठगी

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक एक शिकायतकर्ता ने पुलिस थाना परवाणू में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 7 अक्टूबर को उन्हें एक मोबाइल नंबर से कॉल आई जिसमें एक शख्स ने बताया कि वह एक कोरियर सर्विस से बोल रहा है और आपके आधार कार्ड का प्रयोग चीन को पार्सल भेजने के लिए किया गया है जिसमें अवैध ड्रग्स व कुछ अन्य संदिग्ध सामान शामिल था. ये पार्सल अब कस्टम विभाग की कस्टडी में है.

इसके बाद आरोपी ने पीड़ित शख्स की फर्जी सीबीआई अधिकारी से कॉल ट्रांसफर कर बात करवाई. फर्जी सीबीआई अधिकारी ने बताया कि इस आधार कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में किया गया है और बताया कि 538 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इसे इस्तेमाल किया गया है.

ऐसे में आरोपियों की धमकी व दबाव के कारण पीड़ित शख्स ने अलग-अलग किश्तों में कुल 18.65 लाख रुपये इनके बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए. इस पूरे प्रकरण के दौरान ये लोग इन्हें लगातार धमकियां दे रहे थे और पीड़ित शख्स 7 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2024 की सुबह तक डिजिटल अरेस्ट रहा. पीड़ित शख्स दिन-रात लगातार इनके साथ व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग पर था. 10 अक्टूबर को इन लोगों ने इन्हें अपने ऑफिस में जाने की अनुमति दी और अपनी प्रत्येक गतिविधि की जानकारी उन्हें देने को कहा.

14 अक्टूबर को इन्हें बताया गया कि अब वे कोर्ट केस के लिए दिल्ली में ईडी कार्यालय जाएंगे क्योंकि यह भारत सरकार का हाई प्रोफाइल मामला है. 16 अक्टूबर को इन लोगों ने इन्हें फोन करके बताया कि केस खत्म हो गया है और उन्होंने केस जीत लिया है. जब उन्होंने केस का विवरण मांगा तो उन्होंने कहा कि 10% राशि देने के बाद वे इनके सारे पैसे वापस कर देंगे. इसके बाद जब पीड़ित ने उन्हें संपर्क करने की कोशिश की तो वे लोग पीड़ित शख्स की कॉल नहीं उठा रहे थे.

एसपी सोलन गौरव सिंह ने बताया "पुलिस ने शिकायत पर पुलिस थाना परवाणू में धोखाधड़ी की धारा 319(2) BNS के तहत मामला पंजीकृत किया. मामले की जांच के दौरान पुलिस द्वारा टेक्निकल सेल और साइबर सेल की सहायता से तकनीकी जांच और अन्य रिकॉर्ड के अवलोकन के आधार पर इस मामले में संलिप्त तीन आरोपियों विनय पालीवाल निवासी गांव सकरोड़ा मावली तहसील मावली जिला उदयपुर राजस्थान उम्र 26 साल, राहुल टेलर निवासी समीप रेलवे स्टेशन बी केबिन काठापाली तहसील मावली जिला उदयपुर राजस्थान उम्र 26 साल व लोकेश खटीक निवासी समीप जैन मंदिर मावली तहसील मावली जिला उदयपुर राजस्थान उम्र 33 साल को राजस्थान के उदयपुर जिला से गिरफ्तार किया.

गिरफ्तार तीनों आरोपियों के पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड की पड़ताल की जा रही है. इन्हें माननीय कोर्ट में पेश करके 4 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है. अभी तक की जांच के दौरान पाया गया है कि ठगी का यह नेटवर्क देश के राजस्थान और गुजरात राज्यों में काफी समय से सक्रिय था जो हिमाचल व देश के अन्य राज्यों के लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगी का शिकार बनाते हैं. गिरफ्तार किए गए आरोपी इस गैंग के प्रमुख सदस्य हैं और यह लोगों से ठगी की राशि अपने-अपने और बेनामी बैंक खातों में डलवाते थे."

इन आरोपियों के बैंक खातों के विश्लेषण पर पाया गया कि इनके खातों में ठगी के करीब 40 लाख रुपये ट्रांसफर हुए हैं, जो यह पैसे निकाल कर इस्तेमाल कर लेते थे. इसके अलावा इन आरोपियों के तकनीकी डिटेल व बैंक खातों का विश्लेषण करने और जांच के दौरान यह भी पाया गया कि इस नेटवर्क के सरगना द्वारा इन आरोपियों के बैंक खातों में क्रिप्टोकरेंसी की अवैध कमाई से क्रिप्टो करेंसी/ बिटकॉइन और US डॉलर को एक्सचेंज करवाकर करीब तीन करोड़ रुपये इन आरोपियों के बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए थे जो इन आरोपियों ने सरगना तक पहुंचाए हैं. इस संदर्भ में पुलिस जांच कर रही है.

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