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28वां दिल्ली पुस्तक मेला: इस बार घट गए स्टेशनरी के स्टॉल्स, जानिए क्या है वजह? - 28th Delhi Book Fair

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 9, 2024, 3:46 PM IST

28th Delhi Book Fair : 28वां दिल्ली पुस्तक मेले प्रगति मैदान में 11 अगस्त तक चलेगा. लेकिन इस बार मेले में स्टेशनरी के स्टॉल्स काफी कम है. जिसकी वजह जानने के लिए ETV भारत ने बुक फेयर में आए स्टॉल लगाने वाले स्टेशनरी विक्रेताओं से बात की. जानिए उन्होंने क्या बताई वजह?

28वां दिल्ली पुस्तक मेले में घटे स्टेशनरी के स्टॉल्स
28वां दिल्ली पुस्तक मेले में घटे स्टेशनरी के स्टॉल्स (ETV BHARAT)

नई दिल्ली: दिल्ली बुक फेयर में 28 वर्षों से देशभर के प्रकाशक अपने स्टॉल लगा रहे हैं. मेले में स्टेशनरी के भी कई स्टॉल लगाए गए हैं. इस बार दिल्ली बुक फेयर केवल 2 हॉल में लगा है. जबकि, पिछले सालों में इनकी संख्या काफी ज्यादा हुआ करती थी. गौरतलब है कि स्टेशनरी के काफी कम स्टॉल लगे हैं. प्रगति मैदान में लगे बुक फेयर में इस बार स्टेशनरी के 6 स्टॉल ही लगे हैं. ETV भारत ने बुक फेयर में आए स्टॉल लगाने वाले स्टेशनरी विक्रेताओं से वजह जानने का प्रयास किया. आइए जानते हैं उन्होंने क्या बताया ?

कोरोना काल के बाद से मेले में स्टेशनरी के स्टॉल हुए कमः दिल्ली पुस्तक मेले में अर्थ ब्रदर्स स्टेशनरी स्टॉल के मालिक प्रवीण जैन ने बताया कि वह 12 साल से लगातार फेयर में स्टेशनरी का स्टॉल लगा रहे हैं. कोरोना काल के बाद से मेले में स्टेशनरी के स्टॉल कम हुए हैं. पब्लिक फुटफॉल पर भी बुरा असर पड़ा है. अब मेले में नई कंपनियों ने आना बंद कर दिया है.

साथ ही स्टेशनरी को लेकर लोगों का रुझान भी कम हुआ है. पहले कई नई कंपनिया मेले में भाग लेती थी, लेकिन अब मेले में नई स्टेशनरी कंपनियों का आना छोड़िये, पुरानी भी नहीं आतीं. पहले दिल्ली पुस्तक मेले में स्टेशनरी की 60 से ज्यादा स्टॉल लगा करती थी. वहीं इस बार केवल 6 स्टॉल ही लगे है.

हॉल के चार्ज या रेंट काफी ज्यादाः स्टेशनरी के मशहूर ब्रांड डोम्स के विक्रेता गिरीश मेहरा ने बताया कि वह बीते 15 वर्षों से लगातार इस मेले में स्टॉल लगा रहे हैं. लेकिन अब दिल्ली बुक फेयर में काफी बदलाव आया हैं. पहले इस मेले का आयोजन कई हॉल्स में किया जाता था. इस बार तो केवल दो हॉल में ही दिल्ली पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है. इसके पीछे कारण है यहां के चार्ज या रेंट. पहले दिल्ली बुक फेयर का आयोजन 9 दिन के लिए किया जाता था लेकिन अब 5 दिन का ही रह गया है. 9 दिनों में रेंट का पैसा वसूल हो जाता था, लेकिन 5 दिन में इसकी भरपाई करना मुश्किल हो रहा है. यही मुख्य वजह है कि इस बार स्टेशनरी के काफी कम स्टॉल लगे हैं.

कोरोना काल के दौरान कई कंपनियों को चुनौतियों का करना पड़ा सामनाः बीते 24 सालों से दिल्ली बुक फेयर में स्टेशनरी का स्टॉल लगाने वाली अविनाश लोचन ने बताया कि वह स्टेशनरी में हॉबी क्राफ्ट की ऑनर हैं. कोरोना काल से पहले दिल्ली बुक फेयर में स्टेशनरी के काफी स्टॉल हुआ करते थे. बुक फेयर और स्टेशनरी फेयर कम से कम 5 या 6 हॉल में आयोजित होता था. इस बार बस हॉल नंबर 12 और 12 A में आयोजित किया गया है. उन्हें इसके पीछे जो कारण नजर आता है वो है कोरोना काल के दौरान कई कंपनियों को चुनौतियों का सामना करना. जिस कारण से उन्होंने बुक फेयर में आना बंद कर दिया.

ये भी पढ़ें : दिल्ली के प्रगति मैदान में लगा बुक फेयर, प्रकाशक बोले- प्रिंट किताबों का बढ़ा क्रेज

11 अगस्त तक चलेगा 28वां दिल्ली पुस्तक मेलाः प्रगति मैदान के हाल नंबर 12 और 12ए में देशभर से आए प्रकाशकों ने बुक स्टाल और स्टेशनरी स्टॉल लगाए हैं. यह मेला आगामी 11 अगस्त तक चलेगा.मेले का विषय 'भारतीय पुस्तकों का वैश्विक प्रभाव' है. मेले का आकर्षण स्टेशनरी मेला, ऑफिस ऑटोमेशन और कॉर्पोरेट उपहार भी हैं. दिल्ली पुस्तक मेले में जाने के लिए प्रवेश मुख्य रूप से गेट नंबर 10 (सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन) से होगा, जो सभी के लिए निःशुल्क है. यहां लोग सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक मेले में जा सकते हैं.

ये भी पढ़ें : दिल्ली के भारत मंडपम में आज से 'दिल्ली पुस्तक मेला 2024' की होगी शुरुआत, जानें प्रमुख बातें

नई दिल्ली: दिल्ली बुक फेयर में 28 वर्षों से देशभर के प्रकाशक अपने स्टॉल लगा रहे हैं. मेले में स्टेशनरी के भी कई स्टॉल लगाए गए हैं. इस बार दिल्ली बुक फेयर केवल 2 हॉल में लगा है. जबकि, पिछले सालों में इनकी संख्या काफी ज्यादा हुआ करती थी. गौरतलब है कि स्टेशनरी के काफी कम स्टॉल लगे हैं. प्रगति मैदान में लगे बुक फेयर में इस बार स्टेशनरी के 6 स्टॉल ही लगे हैं. ETV भारत ने बुक फेयर में आए स्टॉल लगाने वाले स्टेशनरी विक्रेताओं से वजह जानने का प्रयास किया. आइए जानते हैं उन्होंने क्या बताया ?

कोरोना काल के बाद से मेले में स्टेशनरी के स्टॉल हुए कमः दिल्ली पुस्तक मेले में अर्थ ब्रदर्स स्टेशनरी स्टॉल के मालिक प्रवीण जैन ने बताया कि वह 12 साल से लगातार फेयर में स्टेशनरी का स्टॉल लगा रहे हैं. कोरोना काल के बाद से मेले में स्टेशनरी के स्टॉल कम हुए हैं. पब्लिक फुटफॉल पर भी बुरा असर पड़ा है. अब मेले में नई कंपनियों ने आना बंद कर दिया है.

साथ ही स्टेशनरी को लेकर लोगों का रुझान भी कम हुआ है. पहले कई नई कंपनिया मेले में भाग लेती थी, लेकिन अब मेले में नई स्टेशनरी कंपनियों का आना छोड़िये, पुरानी भी नहीं आतीं. पहले दिल्ली पुस्तक मेले में स्टेशनरी की 60 से ज्यादा स्टॉल लगा करती थी. वहीं इस बार केवल 6 स्टॉल ही लगे है.

हॉल के चार्ज या रेंट काफी ज्यादाः स्टेशनरी के मशहूर ब्रांड डोम्स के विक्रेता गिरीश मेहरा ने बताया कि वह बीते 15 वर्षों से लगातार इस मेले में स्टॉल लगा रहे हैं. लेकिन अब दिल्ली बुक फेयर में काफी बदलाव आया हैं. पहले इस मेले का आयोजन कई हॉल्स में किया जाता था. इस बार तो केवल दो हॉल में ही दिल्ली पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है. इसके पीछे कारण है यहां के चार्ज या रेंट. पहले दिल्ली बुक फेयर का आयोजन 9 दिन के लिए किया जाता था लेकिन अब 5 दिन का ही रह गया है. 9 दिनों में रेंट का पैसा वसूल हो जाता था, लेकिन 5 दिन में इसकी भरपाई करना मुश्किल हो रहा है. यही मुख्य वजह है कि इस बार स्टेशनरी के काफी कम स्टॉल लगे हैं.

कोरोना काल के दौरान कई कंपनियों को चुनौतियों का करना पड़ा सामनाः बीते 24 सालों से दिल्ली बुक फेयर में स्टेशनरी का स्टॉल लगाने वाली अविनाश लोचन ने बताया कि वह स्टेशनरी में हॉबी क्राफ्ट की ऑनर हैं. कोरोना काल से पहले दिल्ली बुक फेयर में स्टेशनरी के काफी स्टॉल हुआ करते थे. बुक फेयर और स्टेशनरी फेयर कम से कम 5 या 6 हॉल में आयोजित होता था. इस बार बस हॉल नंबर 12 और 12 A में आयोजित किया गया है. उन्हें इसके पीछे जो कारण नजर आता है वो है कोरोना काल के दौरान कई कंपनियों को चुनौतियों का सामना करना. जिस कारण से उन्होंने बुक फेयर में आना बंद कर दिया.

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11 अगस्त तक चलेगा 28वां दिल्ली पुस्तक मेलाः प्रगति मैदान के हाल नंबर 12 और 12ए में देशभर से आए प्रकाशकों ने बुक स्टाल और स्टेशनरी स्टॉल लगाए हैं. यह मेला आगामी 11 अगस्त तक चलेगा.मेले का विषय 'भारतीय पुस्तकों का वैश्विक प्रभाव' है. मेले का आकर्षण स्टेशनरी मेला, ऑफिस ऑटोमेशन और कॉर्पोरेट उपहार भी हैं. दिल्ली पुस्तक मेले में जाने के लिए प्रवेश मुख्य रूप से गेट नंबर 10 (सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन) से होगा, जो सभी के लिए निःशुल्क है. यहां लोग सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक मेले में जा सकते हैं.

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