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27वें भारतीय पक्षी मेले का समापन, बर्ड्स एक्सपर्ट्स बोले- चिड़िया झील में नहीं आएंगी तो बिगड़ जाएगा शहर का स्वास्थ्य

27th Indian Bird Fair concludes, जयपुर में मानसागर झील की पाल पर आयोजित दो दिवसीय 27वें भारतीय पक्षी मेले का शनिवार को समापन हो गया. इस दौरान मेले में पहुंचे बर्ड्स एक्सपर्ट डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि चिड़िया झील में नहीं आएंगी तो जयपुर शहर का स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा.

27th Indian Bird Fair concludes
27th Indian Bird Fair concludes
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 10, 2024, 9:24 PM IST

27वें भारतीय पक्षी मेले का समापन

जयपुर. राजधानी जयपुर में मानसागर झील की पाल पर आयोजित 27वें भारतीय पक्षी मेले का शनिवार को समापन हो गया. इस मेले में करीब 3000 स्कूली विद्यार्थियों ने भाग लिया तो कई बर्ड्स एक्सपर्ट भी शामिल हुए. इस बार मेले का उद्देश्य रिवाइल्डिंग यानी प्रकृति को वापस अपने घर मे लाना रहा. वहीं, मेले में आए स्कूली बच्चों को दूरबीन और टेलीस्कोप के जरिए प्रवासी पक्षियों को दिखाया गया. साथ ही बतया गया कि इस बार 60 प्रजाति के पक्षी देखे गए.

वन विभाग और टीडब्ल्यूएसआई की ओर से आयोजित इस दो दिवसीय पक्षी मेले में प्रदेश भर के कई पक्षी अभ्यारण से पक्षी विशेषज्ञ मानसागर झील की पाल पहुंचे. मेले में स्कूली बच्चों को अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों को दिखाकर उनके बारे में जानकारी दी गई. इसके साथ ही बच्चों के लिए पेंटिंग कंपटीशन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.

इसे भी पढ़ें - 27वां भारतीय पक्षी मेला : दूरबीन व टेलीस्कोप से बच्चों ने प्रवासी पक्षियों को निहारा

नगर निगम को झील पर ध्यान देने की जरूरत : वन अधिकारी गजनफर अली जैदी ने कहा कि रिवाइल्ड थीम पर पक्षी मेला आयोजित किया गया, जिसमें 3000 से अधिक बच्चे पक्षी मेले में आए. बच्चों को बर्ड्स की महत्वता के बारे में बताया गया. मानसागर झील को बचाने के लिए हमें प्रयास करने चाहिए. नगर निगम को झील पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर अभी हमने इस पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में बहुत ज्यादा नुकसान होगा. जल महल को देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक आते हैं. ऐसे स्थानों को सहेज कर रखने की जरूरत है.

चिड़िया झील में नहीं आएंगी तो जयपुर शहर का स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा : बर्ड्स एक्सपर्ट डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि करीब 3000 स्कूली विद्यार्थी पक्षी मेले में शामिल हुए. कई एक्सपर्ट और आम नागरिकों ने भी पक्षी मेले में भाग लिया. पक्षी मेले की सबसे खास बात यह रही कि यह रिवाइल्ड शीर्षक को समर्पित था. इसका मतलब यह है कि आप अपने घर, मोहल्ले, मकान, शहर और देश को फिर से प्राकृतिक बनाएं. चिड़ियाओं का ध्यान रखें. चिड़िया बेहतर एनवायरनमेंट का एक सूचक होती है. मानसागर झील में इस बार करीब 60 प्रजाति के पक्षी देखे गए हैं, जिनमें 10 प्रतिशत ही माइग्रेटिव बर्ड्स थी. बाकी देशी पक्षी थे. 1.5 वर्ग किलोमीटर की मानसागर झील में प्रदूषित पानी की वजह से प्रवासी पक्षी नहीं आ रहे. मानसागर झील दुर्गति की ओर जा रही है. झील में प्रदूषण बढ़ रहा है. अगर ज्यादा चिड़िया झील में नहीं आएंगी तो जयपुर शहर का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रह पाएगा.

इसे भी पढ़ें - Indian Bird Fair 2023 का समापन: पक्षी विशेषज्ञों ने दूरबीन और टेलिस्कोप से पक्षियों को निहारा

टीडब्ल्यूएसआई के प्रेसिडेंट आनंद मिश्रा ने बताया कि 27वें पक्षी मेले में काफी संख्या में स्कूल के विद्यार्थियों ने भाग लिया. बच्चों ने झील में काफी बर्ड्स देखी और पक्षियों के बारे में उन्हें जानकारी दी गई. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मेले को लेकर बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला. पक्षियों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक भी किया गया है. नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा एवं सेवा समिति के प्रेसिडेंट राजेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि पक्षियों के संरक्षण के प्रति लोगों को अवेयर किया गया है. पिछले कई सालों से पक्षी मेला का आयोजन किया जा रहा है. इससे लोगों पर जागरूकता भी आई है. काफी संख्या में स्कूली बच्चे भी पक्षी मेले में पहुंचते हैं, जिससे उनको भी पक्षियों के बारे में कई जानकारियां प्राप्त होती है.

27वें भारतीय पक्षी मेले का समापन

जयपुर. राजधानी जयपुर में मानसागर झील की पाल पर आयोजित 27वें भारतीय पक्षी मेले का शनिवार को समापन हो गया. इस मेले में करीब 3000 स्कूली विद्यार्थियों ने भाग लिया तो कई बर्ड्स एक्सपर्ट भी शामिल हुए. इस बार मेले का उद्देश्य रिवाइल्डिंग यानी प्रकृति को वापस अपने घर मे लाना रहा. वहीं, मेले में आए स्कूली बच्चों को दूरबीन और टेलीस्कोप के जरिए प्रवासी पक्षियों को दिखाया गया. साथ ही बतया गया कि इस बार 60 प्रजाति के पक्षी देखे गए.

वन विभाग और टीडब्ल्यूएसआई की ओर से आयोजित इस दो दिवसीय पक्षी मेले में प्रदेश भर के कई पक्षी अभ्यारण से पक्षी विशेषज्ञ मानसागर झील की पाल पहुंचे. मेले में स्कूली बच्चों को अलग-अलग प्रजातियों के पक्षियों को दिखाकर उनके बारे में जानकारी दी गई. इसके साथ ही बच्चों के लिए पेंटिंग कंपटीशन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.

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नगर निगम को झील पर ध्यान देने की जरूरत : वन अधिकारी गजनफर अली जैदी ने कहा कि रिवाइल्ड थीम पर पक्षी मेला आयोजित किया गया, जिसमें 3000 से अधिक बच्चे पक्षी मेले में आए. बच्चों को बर्ड्स की महत्वता के बारे में बताया गया. मानसागर झील को बचाने के लिए हमें प्रयास करने चाहिए. नगर निगम को झील पर ध्यान देने की जरूरत है. अगर अभी हमने इस पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में बहुत ज्यादा नुकसान होगा. जल महल को देखने के लिए काफी संख्या में पर्यटक आते हैं. ऐसे स्थानों को सहेज कर रखने की जरूरत है.

चिड़िया झील में नहीं आएंगी तो जयपुर शहर का स्वास्थ्य बिगड़ जाएगा : बर्ड्स एक्सपर्ट डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि करीब 3000 स्कूली विद्यार्थी पक्षी मेले में शामिल हुए. कई एक्सपर्ट और आम नागरिकों ने भी पक्षी मेले में भाग लिया. पक्षी मेले की सबसे खास बात यह रही कि यह रिवाइल्ड शीर्षक को समर्पित था. इसका मतलब यह है कि आप अपने घर, मोहल्ले, मकान, शहर और देश को फिर से प्राकृतिक बनाएं. चिड़ियाओं का ध्यान रखें. चिड़िया बेहतर एनवायरनमेंट का एक सूचक होती है. मानसागर झील में इस बार करीब 60 प्रजाति के पक्षी देखे गए हैं, जिनमें 10 प्रतिशत ही माइग्रेटिव बर्ड्स थी. बाकी देशी पक्षी थे. 1.5 वर्ग किलोमीटर की मानसागर झील में प्रदूषित पानी की वजह से प्रवासी पक्षी नहीं आ रहे. मानसागर झील दुर्गति की ओर जा रही है. झील में प्रदूषण बढ़ रहा है. अगर ज्यादा चिड़िया झील में नहीं आएंगी तो जयपुर शहर का स्वास्थ्य अच्छा नहीं रह पाएगा.

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टीडब्ल्यूएसआई के प्रेसिडेंट आनंद मिश्रा ने बताया कि 27वें पक्षी मेले में काफी संख्या में स्कूल के विद्यार्थियों ने भाग लिया. बच्चों ने झील में काफी बर्ड्स देखी और पक्षियों के बारे में उन्हें जानकारी दी गई. साथ ही उन्होंने कहा कि इस मेले को लेकर बच्चों में काफी उत्साह देखने को मिला. पक्षियों के संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक भी किया गया है. नाहरगढ़ वन एवं वन्यजीव सुरक्षा एवं सेवा समिति के प्रेसिडेंट राजेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि पक्षियों के संरक्षण के प्रति लोगों को अवेयर किया गया है. पिछले कई सालों से पक्षी मेला का आयोजन किया जा रहा है. इससे लोगों पर जागरूकता भी आई है. काफी संख्या में स्कूली बच्चे भी पक्षी मेले में पहुंचते हैं, जिससे उनको भी पक्षियों के बारे में कई जानकारियां प्राप्त होती है.

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