जयपुर : प्रदेश के 27 हजार राशन डीलर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. राशन डीलरों की मांग है कि उन्हें 30 हजार रुपए मानदेय, बकाया कमीशन दिया जाए. हड़ताल के कारण पूरे प्रदेश में गेहूं वितरण की व्यवस्था ठप हो गई है. आम दिनों में गेहूं वितरण के 50 से 60 हजार ट्रांजेक्शन हर रोज होते थे. वहीं गुरुवार को मात्र डेढ़ सौ ही ट्रांजेक्शन हुए. दूसरी ओर राजस्थान राशन विक्रेता संघर्ष समिति ने उपभोक्ताओं से मार्मिक अपील की है. उन्होंने कहा कि 'पिछले काफी समय से हमें गेहूं का कमीशन नहीं मिला है और परिवार का पेट पालने में भी परेशानी हो रही है. इसलिए इस कठिन समय में हमारा सहयोग करें'. इस संबंध में संघर्ष समिति ने एक पत्र भी उपभोक्ताओं के नाम जारी किया है.
संघर्ष समिति ने पत्र के माध्यम से कहा कि "हम गेंहू का वितरण नहीं कर रहे, जिसके कारण आप अपना गेंहू प्राप्त करने से वंचित रह गए हैं. इसके कारण आपको समस्या का सामना करना पड़ा है. आप सोचिए कि एक माह का गेहूं नहीं मिलने से आपको कितनी कठिनाई महसूस हो रही है. हमें 5-6 माह से वितरण किए गए गेंहू का कमीशन प्राप्त नहीं हुआ है. हम अपने परिवार का पालन पोषण किस प्रकार से कर रहे होंगे ?. परिवार में बीमारी सहित कई तरह की परेशानियां रहती हैं. बच्चों की स्कूल खुल गए हैं. उनकी फीस, ड्रेस और किताब आदि भी खरीदने में हम सक्षम नहीं हैं. हमारे बच्चे अपनी पढ़ाई ढंग से नहीं कर पा रहे हैं. घर के खर्चों के अलावा दुकान का खर्चा, दुकान का किराया, लाइट का बिल, तोलने वाले की मजदूरी. गेंहू के कट्टे ट्रक में आते हैं उनको उतारने की मजदूरी, ट्रक में गेंहू कम आता उसकी बाजार से खरीद कर पूर्ति करना आदि खर्चे हम कब तक सहन कर पाएगे. इसलिए राशन डीलरों ने हड़ताल की है."
इसे भी पढ़ें- राजस्थान के 27 हजार राशन डीलरों ने खोला भजनलाल सरकार के खिलाफ मोर्चा - Ration Dealers Opened Front
पत्र के जरिए उपभोक्ताओं से कहा गया है कि "हमारा आपका संबंध वर्षो से चला आ रहा है. हमारे आपके संबंध ऐसे हैं, जो एक-दूसरे के सुख-दुख में काम आते हैं. हमने कोरोना काल में अपनी और अपने परिवार की परवाह किए बिना वितरण कार्य को बाधित नहीं होने दिया. प्रदेश में हमारे 70-80 राशन डीलरों की कोरोना से मौत हो गई, लेकिन फिर भी हमने उस डर को दिल में रखा और हम टूटे नहीं. हमने आपको अन्न की समस्या नहीं आने दी. कई क्षेत्रों में हमने घर-घर जाकर गेहूं पहुंचाया." संघर्ष समिति के सदस्य सरताज अहमद ने शुक्रवार को बताया कि समिति ने पत्र लिखकर उपभोक्ताओं से सहयोग की मार्मिक अपील की है. उन्होंने बताया कि संघर्ष समिति ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि इस कठिन समय में हमारा सहयोग करें. धैर्य बनाए रखें, प्रशासन और सरकार पर दबाव बनाएं कि हमारी मांगें जल्द से जल्द मानें, ताकि हम हड़ताल खत्म कर फिर से आपकी सेवा कर सकें. सरताज अहमद ने कहा कि जब तक सरकार हमसे वार्ता कर हमारी मांगें पूरी नहीं करती है, तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी.
राशन डीलरों की प्रमुख मांगें
- 30 हज़ार रूपए मासिक मानदेय दिया जाए.
- गेहूं पर 2 प्रतिशत छीजत दी जाए, क्योंकि गेहूं तोलने और ट्रक से उतारने में गिरता है, जो गेहूं कम पड़ता है, वह हमें खुद खरीद कर पूरा करना पढता है.
- बकाया कमीशन जल्द दिया जाए.
- आधार कार्ड सीडिंग का पैसा दिया जाए.
- कोरोना काल में रजिस्टर से गेंहू वितरण किया गया था, उसका कमीशन दिलाया जाए.
- अभी तक ई-केवाईसी करने का मेहनताना नहीं दिया, जबकि पश्चिम बंगाल में 2.50 रुपए प्रति ई-केवाईसी मेहताना दिया गया है.
विधानसभा में उठा राशन डीलरों का मुद्दा : सरताज अहमद ने कहा कि संघर्ष समिति की ओर से की गई राशन डीलर की हड़ताल का मुद्दा विधानसभा में भी उठाया गया है. सिविल लाइंस से भाजपा विधायक गोपाल शर्मा ने इस संबंध में सवाल पूछा. इसके जवाब में खाद्य मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि जल्द ही राशन डीलरों से वार्ता कर समस्या का समाधान किया जाएगा और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को राहत दी जाएगी.