भोपाल। एमपी में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसका सीधा असर वन विभाग की कमाई पर हो रहा है. वर्ष 2018 की गणना में जहां एमपी में 526 बाघ थे, वहीं अब इनकी संख्या 785 से अधिक हो गई है. जिसके कारण प्रदेश के नेशनल पार्क और अभयारण्यों में पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. साल 2023 में यहां बाघों को देखने के लिए 26 लाख से अधिक पर्यटक पहुंचे. इनसे वन विभाग को करीब 55 करोड़ रुपए की कमाई हुई. जोकि साल 2022 की तुलना में 7 करोड़ रुपये अधिक है.
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में पहुंचे सबसे अधिक पर्यटक
जुलाई 2023 से जून 2024 तक की बात करें तो सबसे अधिक पर्यटक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में पहुंचे. इनकी संख्या 3.49 लाख से अधिक है. इसी समय सीमा में कान्हा टाइगर रिजर्व में 2.41 लाख, पन्ना टादगर रिजर्व में 2.34 लाख और बांधवगढ़ नेशनल पार्क में 1.78 लाख पर्यटक पहुंचे. वहीं दो वर्षों में ही पर्यटकों का आंकड़ो दोगुना हो गया है. 2020-21 में जहां 13.96 लाख पर्यटक आए थे, वहीं 2022-23 में इनकी संख्या 26.49 लाख को पार कर गई.
पर्यटकों को रिझाने सरकार ने किया नवाचार
एमपी सरकार ने प्रदेश के टाइगर रिजर्व में पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए कई नवाचार भी किए हैं. पर्यटकों को यहां सभी सुविधाएं मिल रही हैं. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में ईको विकास समितियों को प्रभावी ढंग से पुर्नजीवित करने का काम किया है. कान्हा-पेंच वन्य जीव विचरण कारिडोर का प्रबंधन स्थानीय समुदायों, सरकारी विभागों, अनुसंधान संस्थानों और नागरिक संगठन करते हैं. जिससे नेशनल पार्क और अभ्यराण्यों में आसानी से बाघ दिखाई देते हैं.
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पर्यटकों के कारण बढ़ रहा आसपास रोजगार
एमपी के प्रभारी पीसीसीएफ वन्यप्राणी शुभरंजन सेन ने बताया कि साल 2023 में 26 लाख से अधिक पर्यटक एमपी में आए थे. ऐसे में 2024 में यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. शनिवार और रविवार को अधिकांश टाइगर रिजर्व फुल रहते हैं. टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या की वजह से जहां पर्यटक बढ़ रहे हैं, वहीं आसपास के क्षेत्रों में रोजगार भी बढ़ रहा है. खान-पान की चीजों से लेकर विलासिता से संबंधित चीजों पर लोग खुल कर खर्च करते हैं. इससे छोटे-बड़े व्यवसायों में अच्छी आमदनी हो रही है. गाइड की मांग भी तेजी से बढ़ रही है.