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भूकंप से बचने का किया जा रहा जुगाड़, 26 सरकारी भवनों की होगी रेट्रोफिटिंग - GOVT BUILDINGS RETROFITTING

मंडी जिला प्रशासन ने सरकारी भवनों को भूकंप से बचाने के लिए रेट्रोफिटिंग का प्रस्ताव डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी को भेजा है.

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26 सरकारी भवनों की होगी रेट्रोफिटिंग (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 12, 2024, 9:54 PM IST

Updated : Oct 12, 2024, 10:03 PM IST

मंडी: जब भी हम भूकंप का नाम सुनते हैं तो हर किसी के दिमाग में विनाशकारी तस्वीर अपने आप ही घूमने लगती है. प्रदेश का मंडी जिला भी भूकंप के लिहाज से जोन नंबर-5 में आता है. यहां भी भूकंप से ज्यादा नुकसान होने का खतरा बना रहता है.

इसी बात को ध्यान में रखते हुए मंडी जिला प्रशासन ने अब ऐसी तकनीकों पर काम करना शुरू कर दिया है जो भूकंपरोधी हों और यदि तेज गति से भूंकप आ भी जाए तो कम से कम नुकसान झेलना पड़े.

अपूर्व देवगन, डीसी मंडी (ETV Bharat)

जिला में प्रशासन ने पहल करते हुए सरकारी भवनों को सुरक्षित करना शुरू कर दिया है. मंडी जिला प्रशासन द्वारा सरकारी भवनों को यह सुरक्षा रेट्रोफिटिंग के जरिए दी जाएगी. कुछ समय पहले आईआईटी रोपड़ ने मंडी जिला के सरकारी भवनों का सर्वे किया था जिसके बाद प्रशासन ने 26 सरकारी भवनों की रेट्रोफिटिंग करवाने का फैसला लिया है.

IIT रोपड़ और IIT मंडी के सहयोग से जिला प्रशासन सुरक्षित भवनों के निर्माण पर ध्यान दे रहा है. डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया इन सरकारी भवनों की रेट्रोफिटिंग का प्रस्ताव स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी को भेज दिया गया है जहां से अनुमति का इंतजार है.

डीसी अपूर्व देवगन ने बताया "इन भवनों में डीसी ऑफिस, स्कूल, अस्पताल और पुलिस स्टेशन शामिल हैं. अनुमति मिलते ही इन भवनों का रेट्रोफिटिंग का कार्य शुरू कर दिया जाएगा."

डीसी ने बताया लोगों को भूकंपरोधी भवनों के निर्माण की ओर प्रेरित करने की दिशा में प्रशासन की तरफ से पूरा प्रयास किया जा रहा है. अभी हाल ही में जिला में इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन भी किया गया था जिसमें इंजीनियरों को इसकी संपूर्ण जानकारी मुहैया करवाई गई. उन्होंने लोगों से गृह निर्माण या कॉमर्शियल कंस्ट्रक्शन करवाने से पहले उसकी सही ढंग से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग जांच करवाने का सुझाव दिया ताकि भविष्य में यदि भूकंप के रूप में कोई आपदा आती है तो उस स्थिति में नुकसान कम हो सके.

रेट्रोफिटिंग क्या होती है?

रेट्रोफिटिंग में मौजूदा भवन का नवीनीकरण किया जाता है. इसमें नई तकनीक के कुछ ऐसे पुर्जे लगाए जाते हैं जो भूकंप आने की स्थिति में भवन को सुरक्षित रखने का कार्य करते हैं. इस तकनीक को आप अपने भवनों पर भी इस्तेमाल करके उन्हें भूकंप की दृष्टि से सुरक्षित बना सकते हैं.

ये भी पढ़ें: दशहरा उत्सव के लिए ढालपुर पहुंच रहे देवी-देवता, कल निकाली जाएगी भगवान रघुनाथ की रथ यात्रा

मंडी: जब भी हम भूकंप का नाम सुनते हैं तो हर किसी के दिमाग में विनाशकारी तस्वीर अपने आप ही घूमने लगती है. प्रदेश का मंडी जिला भी भूकंप के लिहाज से जोन नंबर-5 में आता है. यहां भी भूकंप से ज्यादा नुकसान होने का खतरा बना रहता है.

इसी बात को ध्यान में रखते हुए मंडी जिला प्रशासन ने अब ऐसी तकनीकों पर काम करना शुरू कर दिया है जो भूकंपरोधी हों और यदि तेज गति से भूंकप आ भी जाए तो कम से कम नुकसान झेलना पड़े.

अपूर्व देवगन, डीसी मंडी (ETV Bharat)

जिला में प्रशासन ने पहल करते हुए सरकारी भवनों को सुरक्षित करना शुरू कर दिया है. मंडी जिला प्रशासन द्वारा सरकारी भवनों को यह सुरक्षा रेट्रोफिटिंग के जरिए दी जाएगी. कुछ समय पहले आईआईटी रोपड़ ने मंडी जिला के सरकारी भवनों का सर्वे किया था जिसके बाद प्रशासन ने 26 सरकारी भवनों की रेट्रोफिटिंग करवाने का फैसला लिया है.

IIT रोपड़ और IIT मंडी के सहयोग से जिला प्रशासन सुरक्षित भवनों के निर्माण पर ध्यान दे रहा है. डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने बताया इन सरकारी भवनों की रेट्रोफिटिंग का प्रस्ताव स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी को भेज दिया गया है जहां से अनुमति का इंतजार है.

डीसी अपूर्व देवगन ने बताया "इन भवनों में डीसी ऑफिस, स्कूल, अस्पताल और पुलिस स्टेशन शामिल हैं. अनुमति मिलते ही इन भवनों का रेट्रोफिटिंग का कार्य शुरू कर दिया जाएगा."

डीसी ने बताया लोगों को भूकंपरोधी भवनों के निर्माण की ओर प्रेरित करने की दिशा में प्रशासन की तरफ से पूरा प्रयास किया जा रहा है. अभी हाल ही में जिला में इस विषय पर कार्यशाला का आयोजन भी किया गया था जिसमें इंजीनियरों को इसकी संपूर्ण जानकारी मुहैया करवाई गई. उन्होंने लोगों से गृह निर्माण या कॉमर्शियल कंस्ट्रक्शन करवाने से पहले उसकी सही ढंग से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग जांच करवाने का सुझाव दिया ताकि भविष्य में यदि भूकंप के रूप में कोई आपदा आती है तो उस स्थिति में नुकसान कम हो सके.

रेट्रोफिटिंग क्या होती है?

रेट्रोफिटिंग में मौजूदा भवन का नवीनीकरण किया जाता है. इसमें नई तकनीक के कुछ ऐसे पुर्जे लगाए जाते हैं जो भूकंप आने की स्थिति में भवन को सुरक्षित रखने का कार्य करते हैं. इस तकनीक को आप अपने भवनों पर भी इस्तेमाल करके उन्हें भूकंप की दृष्टि से सुरक्षित बना सकते हैं.

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Last Updated : Oct 12, 2024, 10:03 PM IST
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