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जीएसटी फर्जीवाड़े में 25 हजार का इनामी ओडिशा से गिरफ्तार, जाली आधार कार्ड, पैन कार्ड बरामद - Noida GST fraud case

fraud accused arrested from Odisha: नोएडा के थाना सेक्टर-20 पुलिस ने सोमवार को जीएसटी फर्जीवाड़े में 25 हजार रुपये के इनामी आरोपी को गिरफ्तार किया है. ओडिशा के नौपारा का निवासी 38 वर्षीय परमेश्वर नायक लोगों से आधार और पैनकार्ड लेकर इसके एवज में पांच सौ से एक हजार रुपये कार्ड धारकों को दे देता था और इन आधार कार्ड और पैनकार्ड को वह जीएसटी फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह को बेच देता था.

फर्जीवाड़े में शामिल 25 हजार का इनामी उड़ीसा से गिरफ्तार
फर्जीवाड़े में शामिल 25 हजार का इनामी उड़ीसा से गिरफ्तार (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 12, 2024, 8:34 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: कागजों पर फर्म बनाने के बाद फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार के राजस्व को 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह के एक अन्य आरोपी को थाना सेक्टर-20 पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. लंबे समय से फरार रहने के चलते कुछ समय पहले नोएडा पुलिस ने आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. आरोपी के पास से फर्जी आधार कार्ड, पैनकार्ड और एक मोबाइल बरामद हुआ है.

एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि जीएसटी फर्जीवाड़े में लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है. जांच के दौरान जानकारी में आया था कि ओडिशा के नौपारा का 38 वर्षीय परमेश्वर नायक लोगों से उनका आधार और पैनकार्ड ले लेता है. इसके एवज में वह पांच सौ से एक हजार रुपये कार्ड धारकों को दे देता है. सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर भी वह मजदूरों और कामगारों का आधार और पैनकार्ड हासिल करता है. बाद में इन्हीं आधार कार्ड और पैनकार्ड को वह जीएसटी फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह को बेच देता है.

परमेश्वर नायक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दे रही थी दबिशः इन्हीं कागजों का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न पतों पर फर्जी कंपनी और फर्म तैयार की जाती है. अनुचित तरीके से फर्म को आधार पर बनाकर आईटीसी लिया जाता है. परमेश्वर नायक की गिरफ्तारी के लिए बीते कई माह से पुलिस की टीमें दबिश दे रही थीं, पर सफलता नहीं मिल पा रही थी. सोमवार को उस के निवास स्थान से ही गिरफ्तार कर लिया गया. जीएसटी फर्जीवाड़े में यह 49वीं गिरफ्तारी है. इससे पहले भी 48 आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. खास बात है नोएडा पुलिस की मजबूत पैरवी के चलते इस मामले में एक भी आरोपी की अभी तक जमानत नहीं हो सकी है. 33 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई हो चुकी है. अन्य आरोपियों के खिलाफ भी जल्द ही गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

ऐसे करते थे ठगीः आरोपी देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लाखों लोगों के पैनकार्ड और आधार कार्ड का डाटा हासिल कर उसके आधार पर फर्जी कंपनी खोलते थे. इन कंपनियों और फर्मों का अस्तित्व सिर्फ कागजों पर होता था. इसके बाद जीएसटी नंबर लेकर और फर्जी बिल बनाकर रिफंड ले लेते थे, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान होता था. ठग फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ बेचते भी थे. इन कंपनियों के नाम पर काले धन को सफेद किया जा रहा था. गिरोह में शामिल इनामी सहित कई अन्य आरोपी अब भी फरार हैं और नोएडा पुलिस की चार टीमें दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित अन्य संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही हैं. कई आरोपियों की चल और अचल संपत्ति को कुर्क भी किया जा चुका है.

ये भी पढ़ें : नोएडा में महिला को डिजिटल अरेस्ट कर ठगों ने ऐंठे 9 लाख, CBI बनकर धमकाया

कई आरोपियों के विदेश में होने की आशंकाः फर्जीवाड़े में शामिल कई आरोपी परिवार सहित विदेश भाग चुके हैं. नोएडा पुलिस को इसकी जानकारी मिली है कि कुछ आरोपियों ने दुबई सहित अन्य जगहों पर अपना ठिकाना बनाया है. इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ओपन डेटेड वारंट जारी करने की तैयारी कर रही है. रेड कॉर्नर नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है. ओपन डेटेड वारंट जारी होने के बाद या तो नोएडा पुलिस विदेश जाकर आरोपी की गिरफ्तारी करेगी या फिर इंटरपोल की मदद से वांछित आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा.

ये भी पढ़ें : अमेरिकी नागरिकों के साथ ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश, तीन महिलाओं सहित 15 गिरफ्तार -

नई दिल्ली/नोएडा: कागजों पर फर्म बनाने के बाद फर्जी तरीके से इनपुट टैक्स क्रेडिट लेकर सरकार के राजस्व को 15 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने वाले गिरोह के एक अन्य आरोपी को थाना सेक्टर-20 पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया. लंबे समय से फरार रहने के चलते कुछ समय पहले नोएडा पुलिस ने आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. आरोपी के पास से फर्जी आधार कार्ड, पैनकार्ड और एक मोबाइल बरामद हुआ है.

एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि जीएसटी फर्जीवाड़े में लगातार आरोपियों की गिरफ्तारी की जा रही है. जांच के दौरान जानकारी में आया था कि ओडिशा के नौपारा का 38 वर्षीय परमेश्वर नायक लोगों से उनका आधार और पैनकार्ड ले लेता है. इसके एवज में वह पांच सौ से एक हजार रुपये कार्ड धारकों को दे देता है. सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने का झांसा देकर भी वह मजदूरों और कामगारों का आधार और पैनकार्ड हासिल करता है. बाद में इन्हीं आधार कार्ड और पैनकार्ड को वह जीएसटी फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह को बेच देता है.

परमेश्वर नायक की गिरफ्तारी के लिए पुलिस दे रही थी दबिशः इन्हीं कागजों का इस्तेमाल करते हुए विभिन्न पतों पर फर्जी कंपनी और फर्म तैयार की जाती है. अनुचित तरीके से फर्म को आधार पर बनाकर आईटीसी लिया जाता है. परमेश्वर नायक की गिरफ्तारी के लिए बीते कई माह से पुलिस की टीमें दबिश दे रही थीं, पर सफलता नहीं मिल पा रही थी. सोमवार को उस के निवास स्थान से ही गिरफ्तार कर लिया गया. जीएसटी फर्जीवाड़े में यह 49वीं गिरफ्तारी है. इससे पहले भी 48 आरोपी पुलिस के हत्थे चढ़ चुके हैं. खास बात है नोएडा पुलिस की मजबूत पैरवी के चलते इस मामले में एक भी आरोपी की अभी तक जमानत नहीं हो सकी है. 33 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई हो चुकी है. अन्य आरोपियों के खिलाफ भी जल्द ही गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी.

ऐसे करते थे ठगीः आरोपी देश के विभिन्न जगहों पर रहने वाले लाखों लोगों के पैनकार्ड और आधार कार्ड का डाटा हासिल कर उसके आधार पर फर्जी कंपनी खोलते थे. इन कंपनियों और फर्मों का अस्तित्व सिर्फ कागजों पर होता था. इसके बाद जीएसटी नंबर लेकर और फर्जी बिल बनाकर रिफंड ले लेते थे, जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान होता था. ठग फर्जी कंपनियों को जीएसटी नंबर के साथ बेचते भी थे. इन कंपनियों के नाम पर काले धन को सफेद किया जा रहा था. गिरोह में शामिल इनामी सहित कई अन्य आरोपी अब भी फरार हैं और नोएडा पुलिस की चार टीमें दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित अन्य संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही हैं. कई आरोपियों की चल और अचल संपत्ति को कुर्क भी किया जा चुका है.

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कई आरोपियों के विदेश में होने की आशंकाः फर्जीवाड़े में शामिल कई आरोपी परिवार सहित विदेश भाग चुके हैं. नोएडा पुलिस को इसकी जानकारी मिली है कि कुछ आरोपियों ने दुबई सहित अन्य जगहों पर अपना ठिकाना बनाया है. इनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ओपन डेटेड वारंट जारी करने की तैयारी कर रही है. रेड कॉर्नर नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है. ओपन डेटेड वारंट जारी होने के बाद या तो नोएडा पुलिस विदेश जाकर आरोपी की गिरफ्तारी करेगी या फिर इंटरपोल की मदद से वांछित आरोपियों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा.

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