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नोएडा: बाइक यात्रा व ई-सारथी के नाम पर ठगी करने वाला 25 हजार का इनामी गिरफ्तार - Rs 25000 bounty thug arrested

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 2, 2024, 9:20 PM IST

बाइक यात्रा व ई-सारथी के नाम पर ठगी करने वाले 25 हजार के इनामी बदमाश को थाना सेक्टर-58 व सीआरटी (क्राइम रेस्पांस टीम) ने गिरफ्तार किया है.

25 हजार का इनामी गिरफ्तार
25 हजार का इनामी गिरफ्तार (Etv bharat)

डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी (Etv bharat)

नई दिल्ली/नोएडा: NCR के बड़े घोटालों मे शामिल बाइक बोट की तर्ज पर बाइक यात्रा व ई-सारथी के नाम पर ठगी करने वाली एमआईपी कंपनी के फरार कर्मचारी को थाना सेक्टर-58 व सीआरटी (क्राइम रेस्पांस टीम) ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था. पुलिस की टीम ने राजस्थान के अलवर से आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस की टीम इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.

बाइक बोट की तर्ज पर वर्ष 2017-18 में सेक्टर-57 में एमआईपी बाइक्स कंपनी का संचालन शुरू हुआ था. इस कंपनी ने बाइक यात्रा व ई सारथी के नाम करीब आठ हजार से अधिक लोगोंं से 50 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की थी. इस मामले में खोड़ा निवासी दिनेश कुमार की तरफ से वर्ष 2019 में थाना सेक्टर-58 में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में फरार चल रहे 25 हजार के इनामी अलवर निवासी संदीप कुमार यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

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संदीप इस कंपनी का कर्मचारी था और इसे ग्राहक लाने पर 5 हजार रुपये का कमीशन मिलता था. संदीप ने इस कंपनी में एक वर्ष का काम किया था और इस दौरान 11 लाख रुपये की कमाई की थी. जब कंपनी ग्राहकों का पैसा लेकर भाग गई, तब संदीप भी यहां से चला गया था. अब पुलिस ने इसे अलवर से गिरफ्तार कर लिया.

दरअसल राजेश खंडवाल, नितिन त्यागी, कपिल धामा सहित अन्य लोगों ने अप्रैल 2017 में एमआईपी बाइक्स नामक कंपनी बनाई. बाइक बोट की तर्ज पर पहले इन लोगों ने बाइक यात्रा के नाम से स्कीम शुरू की थी. इसमें 62,100 रुपये जमा करने पर एक साल तक 10,100 रुपये देने का एग्रीमेंट किया गया था. वहीं, 40 हजार रुपये जमा करने पर 5500 रुपये, 32400 रुपये पर पांच हजार और 1.24 लाख रुपये पर 17 हजार प्रति महीने देने का आश्वासन दिया गया था.

इसके बाद लोग कमाई के लालच में जुड़ गए. करीब दो से तीन महीने तक तो सभी को एग्रीमेंट के मुताबिक पैसे दिए गए. बाद में धीरे-धीरे पैसे देना बंद कर दिया गया. जब निवेशकों ने इसका विरोध किया और दिए गए चेक बाउंस हो गए. इसके बाद कंपनी का दफ्तर बंदकर तीनों संचालक अपने साथियों के साथ भाग गए थे. खोड़ा निवासी दिनेश कुमार की तहरीर पर इस मामले में थाना सेक्टर-58 में मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसमें आज गिरफ्तारी हुई है.

डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बाइक बोट की तर्ज पर एमआईपी बाइक के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले फरार एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. इसमें शामिल अन्य आरोपियों के बारे में पता लगाया जा रहा है. टीम अन्य आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लेगी.

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डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी (Etv bharat)

नई दिल्ली/नोएडा: NCR के बड़े घोटालों मे शामिल बाइक बोट की तर्ज पर बाइक यात्रा व ई-सारथी के नाम पर ठगी करने वाली एमआईपी कंपनी के फरार कर्मचारी को थाना सेक्टर-58 व सीआरटी (क्राइम रेस्पांस टीम) ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया है. गिरफ्तार आरोपी पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित था. पुलिस की टीम ने राजस्थान के अलवर से आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस की टीम इस मामले में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है.

बाइक बोट की तर्ज पर वर्ष 2017-18 में सेक्टर-57 में एमआईपी बाइक्स कंपनी का संचालन शुरू हुआ था. इस कंपनी ने बाइक यात्रा व ई सारथी के नाम करीब आठ हजार से अधिक लोगोंं से 50 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की थी. इस मामले में खोड़ा निवासी दिनेश कुमार की तरफ से वर्ष 2019 में थाना सेक्टर-58 में मुकदमा दर्ज किया गया था. इस मामले में फरार चल रहे 25 हजार के इनामी अलवर निवासी संदीप कुमार यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

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संदीप इस कंपनी का कर्मचारी था और इसे ग्राहक लाने पर 5 हजार रुपये का कमीशन मिलता था. संदीप ने इस कंपनी में एक वर्ष का काम किया था और इस दौरान 11 लाख रुपये की कमाई की थी. जब कंपनी ग्राहकों का पैसा लेकर भाग गई, तब संदीप भी यहां से चला गया था. अब पुलिस ने इसे अलवर से गिरफ्तार कर लिया.

दरअसल राजेश खंडवाल, नितिन त्यागी, कपिल धामा सहित अन्य लोगों ने अप्रैल 2017 में एमआईपी बाइक्स नामक कंपनी बनाई. बाइक बोट की तर्ज पर पहले इन लोगों ने बाइक यात्रा के नाम से स्कीम शुरू की थी. इसमें 62,100 रुपये जमा करने पर एक साल तक 10,100 रुपये देने का एग्रीमेंट किया गया था. वहीं, 40 हजार रुपये जमा करने पर 5500 रुपये, 32400 रुपये पर पांच हजार और 1.24 लाख रुपये पर 17 हजार प्रति महीने देने का आश्वासन दिया गया था.

इसके बाद लोग कमाई के लालच में जुड़ गए. करीब दो से तीन महीने तक तो सभी को एग्रीमेंट के मुताबिक पैसे दिए गए. बाद में धीरे-धीरे पैसे देना बंद कर दिया गया. जब निवेशकों ने इसका विरोध किया और दिए गए चेक बाउंस हो गए. इसके बाद कंपनी का दफ्तर बंदकर तीनों संचालक अपने साथियों के साथ भाग गए थे. खोड़ा निवासी दिनेश कुमार की तहरीर पर इस मामले में थाना सेक्टर-58 में मुकदमा दर्ज किया गया था. जिसमें आज गिरफ्तारी हुई है.

डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि बाइक बोट की तर्ज पर एमआईपी बाइक के नाम पर करोड़ों की ठगी करने वाले फरार एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. इसमें शामिल अन्य आरोपियों के बारे में पता लगाया जा रहा है. टीम अन्य आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लेगी.

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