अजमेर: तीर्थराज पुष्कर में 24 और 84 कोसीय परिक्रमा का बुधवार को आगाज हुआ. परिक्रमा का उद्देश्य तीर्थों के प्रति जन जागरण है. यह परिक्रमा गायत्री परिवार की ओर से एक दशक से अधिक समय से आयोजित की जा रही है. गायत्री परिवार की विभिन्न टोलियां आसपास के गांव जाकर विभिन्न मंदिरों में यज्ञ और शिवालयों में अभिषेक करेंगे. साथ ही लोगों को पुष्कर तीर्थ की गरिमा बनाए रखने के लिए जागरूक करेंगे.
परिक्रमा का आगाज बुधवार को पूजा अर्चना के साथ हुआ. इसमें गायत्री परिवार से जुड़े सैंकड़ों लोग इस परिक्रमा में शामिल हुए. पांच दिन तक पैदल यात्रियों का यह जत्था परिक्रमा मार्ग में आने वाले मंदिरों और शिवालयों में दर्शन करते हुए आगे बढ़ेगा. शाम को अलग अलग स्थानों पर पड़ाव करेगा और अगले दिन फिर से यात्रा शुरू करेगा. परिक्रमा यात्रा शुरू करने से पहले पुष्कर की गायत्री मंदिर परिसर के पीछे स्कूल परिसर में गायत्री परिक्रमा का शुभारंभ कार्यक्रम रखा गया.
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तीर्थ जागरण का करते रहेंगे काम: अखिल विश्व गायत्री परिवार के सदस्य हेमराज चतुर्वेदी ने बताया कि हरिद्वार शांतिकुंज गायत्री परिवार की ओर से विगत 11 वर्षों से 24 कोसीय और 84 कोसीय परिक्रमा का आयोजन किया जा रहा है. इस बार परिक्रमा 12 वें वर्ष में प्रवेश कर रही है. चतुर्वेदी ने बताया कि पहले चरण में 24 कोसीय दूसरे चरण में 84 कोसीय और तीसरे चरण में गायत्री परिवार की विभिन्न टोलियां गांव गांव जाकर यज्ञ और शिवालयों में अभिषेक करेंगे. उन्होंने बताया कि पांच दिवसीय परिक्रमा के तहत पहला पड़ाव मोतीसर में होगा. यहां मां गायत्री का प्राकट्य स्थल है. इसके बाद थावला में दूसरे और तीसरे दिन कड़ेल में पड़ाव रहेगा. चौथे दिन परिक्रमा रुद्र पुष्कर पहुंचेगी. पांचवें दिन 84 कोसीय परिक्रमा के दौरान सभी तीर्थ से स्थलों से लाए गए जल से पुष्कर के पवित्र सरोवर का अभिषेक करेंगे. इसमें विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत शामिल होंगे.
बड़े मंदिरों के विकास का चल रहा है काम: राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत और देवनारायण बोर्ड के अध्यक्ष ओमप्रकाश भडाणा ने 24 कोसीय परिक्रमा के शुभारंभ में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. लखावत ने कहा कि 24 कोसीय और 84 कोसीय परिक्रमा क्षेत्र के मंदिरों के विकास किया जा रहा है. इनके अलावा बड़े मंदिरों का भी कायाकल्प किया जा रहा है. मीरा बाई, बेणेश्वरधाम मंदिर आदि बड़े मंदिरों के विकास पर काम किया जा रहा है. साथ ही अजमेर में 6 प्रमुख स्थानों को भी विकसित करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा गया है.