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यूपी में कृषि स्नातकों के लिए स्वरोजगार का अवसर, झांसी में खोली जाएंगी 22 वन स्टाप शॉप, जानें फायदा - Jhansi News

झांसी जिले में प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना (एग्री जंक्शन) के तहत 22 वन स्टाप शॉप (22 one stop shops in jhansi) खोली जाएंगी. कृषि स्नातक युवाओं को रोजगार और किसानों को योजनाओं का लाभ मिलेगा.

यूपी में कृषि स्नातकों के लिए स्वरोजगार का अवसर
यूपी में कृषि स्नातकों के लिए स्वरोजगार का अवसर (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 7:46 PM IST

झांसी : यूपी में कृषि स्नातक बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार से जुड़ी अच्छी खबर है. रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत एग्री जंक्शन शॉप खोलने के लिए आवेदन मांगे गए हैं. इसमें बेरोजगार कृषि स्नातक दुकान खोलकर बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की बिक्री करके थोड़ी बहुत आमदनी कर सकेंगे. किसानों को एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना (एग्री जंक्शन) के तहत झांसी जिले में 22 वन स्टाप शॉप खोली जाएंगी. जहां कृषि स्नातक युवाओं को रोजगार और किसानों को योजनाओं का लाभ मिलेगा.

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 22 केंद्र खोलने का लक्ष्य : कृषि कार्यालय के कृषि विशेषज्ञ दीपक कुशवाहा ने बताया कि स्वावलंबन योजना के तहत वन स्टाप शॉप खोलने के लिए कृषि स्नातकों से आवेदन मांगे गए हैं. इस दुकान में बीज, उर्वरक, वर्मी कंपोस्ट आदि की ब्रिकी होगी. साथ ही यहां कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में 22 केंद्र खोलने का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष 28 आवेदन आए हैं. आवेदन पत्रों की संख्या अधिक होने पर जिला स्तरीय समिति लाभार्थी का चयन करेगी. चयनित युवाओं को उद्यम स्थापना व संचालन का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा. कृषि व्यवसाय के लिए जरूरी उर्वरक, बीज और कीटनाशकों की बिक्री के लिए लाइसेंस फीस में भी छूट मिलेगी. बैंक से ऋण के ब्याज पर 7.5 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. दुकान खोलने के लिए एक हजार रुपए प्रतिमाह किराया भी दिया जाएगा.


उन्होंने बताया कि चूंकि कृषि कार्य सीजनल होता है यानी खरीफ और रबी की बुवाई के समय ही बीज, खाद की बिक्री होती है. वहीं खेतों में खड़ी फसल को कीटों व बीमारियों से बचाने के लिए कीटनाशक की बिक्री होती है. इसके बाद दुकानदार को साल के कई महीने खाली बैठना पड़ता है. ऐसे में इन बेरोजगार युवाओं की अपनी दुकान के माध्यम से पूरे साल भर कैसे आमदनी होगी, यह विचारणीय है. कृषि विशेषज्ञ दीपक कुशवाहा का कहना है कि खाद, बीज और कीटनाशकों की बिक्री फसलों की बुवाई से कटाई तक ही होती है. इसके बाद दुकान पर छोटे कृषि यंत्रों की बिक्री भी की जा सकती है. इससे दुकानदार साल भर में चार से पांच लाख रुपए की आमदनी यानी तीस से चालीस हजार रुपए प्रतिमाह की औसत आमदनी कर सकता है.

झांसी : यूपी में कृषि स्नातक बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार से जुड़ी अच्छी खबर है. रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना की शुरुआत की है. इस योजना के तहत एग्री जंक्शन शॉप खोलने के लिए आवेदन मांगे गए हैं. इसमें बेरोजगार कृषि स्नातक दुकान खोलकर बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की बिक्री करके थोड़ी बहुत आमदनी कर सकेंगे. किसानों को एक ही छत के नीचे सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना (एग्री जंक्शन) के तहत झांसी जिले में 22 वन स्टाप शॉप खोली जाएंगी. जहां कृषि स्नातक युवाओं को रोजगार और किसानों को योजनाओं का लाभ मिलेगा.

वित्तीय वर्ष 2024-25 में 22 केंद्र खोलने का लक्ष्य : कृषि कार्यालय के कृषि विशेषज्ञ दीपक कुशवाहा ने बताया कि स्वावलंबन योजना के तहत वन स्टाप शॉप खोलने के लिए कृषि स्नातकों से आवेदन मांगे गए हैं. इस दुकान में बीज, उर्वरक, वर्मी कंपोस्ट आदि की ब्रिकी होगी. साथ ही यहां कृषि विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी दी जाएगी. वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में 22 केंद्र खोलने का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष 28 आवेदन आए हैं. आवेदन पत्रों की संख्या अधिक होने पर जिला स्तरीय समिति लाभार्थी का चयन करेगी. चयनित युवाओं को उद्यम स्थापना व संचालन का निशुल्क प्रशिक्षण दिया जाएगा. कृषि व्यवसाय के लिए जरूरी उर्वरक, बीज और कीटनाशकों की बिक्री के लिए लाइसेंस फीस में भी छूट मिलेगी. बैंक से ऋण के ब्याज पर 7.5 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. दुकान खोलने के लिए एक हजार रुपए प्रतिमाह किराया भी दिया जाएगा.


उन्होंने बताया कि चूंकि कृषि कार्य सीजनल होता है यानी खरीफ और रबी की बुवाई के समय ही बीज, खाद की बिक्री होती है. वहीं खेतों में खड़ी फसल को कीटों व बीमारियों से बचाने के लिए कीटनाशक की बिक्री होती है. इसके बाद दुकानदार को साल के कई महीने खाली बैठना पड़ता है. ऐसे में इन बेरोजगार युवाओं की अपनी दुकान के माध्यम से पूरे साल भर कैसे आमदनी होगी, यह विचारणीय है. कृषि विशेषज्ञ दीपक कुशवाहा का कहना है कि खाद, बीज और कीटनाशकों की बिक्री फसलों की बुवाई से कटाई तक ही होती है. इसके बाद दुकान पर छोटे कृषि यंत्रों की बिक्री भी की जा सकती है. इससे दुकानदार साल भर में चार से पांच लाख रुपए की आमदनी यानी तीस से चालीस हजार रुपए प्रतिमाह की औसत आमदनी कर सकता है.

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