नई दिल्ली: दशहरे वाले दिन रावण दहन की परंपरा सालों पुरानी है. ऐसे में रावण दिल्ली वालों के आकर्षण का केंद्र बना रहता है और ऐसा ही एक बेहद खास रावण दिल्ली के द्वारका इलाके में देखने को मिल रहा है. द्वारका सेक्टर 10 इलाके में द्वारका श्री रामलीला सोसायटी द्वारा रावण तैयार करवाया गया है. इस रावण की लंबाई 211 फीट है. आयोजकों का दावा है कि यह रावण दिल्ली ही नहीं बल्कि विश्व का सबसे बड़ा रावण है. आयोजक का साफतौर पर कहना है कि इस रावण को तैयार करने में 40 कलाकारों के चार महीने की मेहनत लगी है. रावण का आधा हिस्सा अंबाला में तैयार किया गया और बाकी तैयारी द्वारका में हुई.
- श्री रामलीला सोसायटी की ओर से बनवाया गया 211 फीट का रावण
- इको फ्रेंडली रावण बनाने में 30 लाख रुपये खर्च हुए-आयोजक
- आयोजकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निमंत्रण भेजा है.
कैसे बना 211 फीट का रावण?
इस रावण को लोहे के स्ट्रक्चर के साथ खड़ा किया गया है. उसके बाद बांस की मदद से इसके बाकी हिस्से को बनाया गया है. जबकि इसके कपड़े बेहद खास है और यह मलमल के हैं. इस रामलीला और रावण दहन के आयोजकों का साफतौर पर कहना है कि शुरू में रावण की लंबाई 60 से 70 फुट हुआ करती थी. लेकिन धीरे-धीरे रावण की लंबाई लगातार बढ़ रही है और इस रावण को देखने के लिए खास तौर पर बच्चे बड़े महिलाएं और बुजुर्ग भी आ रहे हैं. साथ ही आयोजकों का ये भी कहना है कि द्वारका श्री रामलीला सोसायटी का स्टेज भी काफी लंबा और 3D युक्त है जिससे रामलीला का मंचन देखने में लोगों को और भी अच्छा लगता है. जानकारी के मुताबिक श्री रामलीला सोसायटी की तरफ से पिछले 14 साल से रामलीला का आयोजन किया जा रहा है.
A 211-foot tall #Ravan in Dwarka, #Delhi, claimed to be the world's tallest, is attracting attention from far and wide ahead of #Dussehra:pic.twitter.com/3QFybHggke
— League of India - The INDIC POST Of The World (@league_of_india) October 5, 2024
इस रावण को बनने में कितना समय लगा?
श्री राम लीला सोसायटी के मुताबिक, इस संरचना को तैयार करने और स्थापित करने में 4 महीने का समय लगा. आयोजन समिति के अध्यक्ष राजेश गहलोत ने कहा, "जैसा कि हम देख सकते हैं, समाज में पाप बढ़ रहा है, इसलिए यह पुतला बढ़ते पापों को दर्शा रहा है और हम उन सभी को दशहरे पर यानी 12 अक्टूबर को जलाएंगे, हमने समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया है और हमें सकारात्मक उत्तर की उम्मीद है, हमने अन्य बीजेपी नेताओं को भी निमंत्रण भेजा है.
उन्होंने साझा किया कि इस साल की रामलीला की सजावट और कार्यक्रमों की थीम अयोध्या में पुराने राम मंदिर से प्रेरित है, जिसे ध्वस्त कर दिया गया था, प्रवेश द्वार दक्षिण भारतीय मंदिरों की शैली में डिज़ाइन किए गए हैं, जिन्हें 'गोपुरम' के नाम से जाना जाता है, उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वो सजावट और कलाकारों के प्रदर्शन पर सावधानीपूर्वक ध्यान देते हुए, सबसे सुंदर तरीके से रामलीला प्रस्तुत करने का प्रयास करें.
इस आयोजन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए, समिति ने नई प्रतिभाओं का चयन करते हुए दिल्ली एनसीआर से 400 से अधिक कलाकारों के लिए ऑडिशन आयोजित किए हैं. इन कलाकारों को मंच पर लाइव प्रदर्शन करने से पहले तीन महीने के अभ्यास से गुजरना पड़ता है.
आपको बता दें कि यह वही रामलीला है जहां दो बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ चुके हैं और आयोजकों की माने तो इस बार भी प्रधानमंत्री को निमंत्रण देने के साथ-साथ राष्ट्रपति और अनगणमान्य लोगों को दिया गया है. इन समारोहों के बीच, इस एरिया की सुरक्षा भी बढ़ा दी है, 50 से अधिक दिल्ली पुलिस कर्मी, 200 स्वयंसेवक और 100 से अधिक नागरिक अधिकारी कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा कर रहे हैं.
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