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नवरात्रि पर मां महामाया का राजसी श्रृंगार, मंदिर में जले 21 हजार ज्योति कलश - Chaitra Navratri 2024

छत्तीसगढ़ के रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर में चैत्र नवरात्रि की धूम हैं. चैत्र नवरात्रि के अवसर पर मां महामाया के दरबार में भक्तों ने ज्योति कलश और जवारा स्थापित किया है. मां महामाया के दर्शन करने और अपनी मनोकामना पूरी करने का आशीर्वाद लेने रोज भक्तों की भीड़ उमड़ रही है.

CHAITRA NAVRATRI 2024
रतनपुर महामाया मंदिर
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Apr 10, 2024, 1:18 PM IST

Updated : Apr 10, 2024, 1:39 PM IST

नवरात्रि में मां महामाया का राजसी श्रृंगार

बिलासपुर: चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन हैं. बिलासपुर से 30 किलोमीटर दूर रतनपुर में मां महामाया विराजती हैं. चैत्र नवरात्र के अवसर पर मां महामाया के दरबार को सजाया गया है. मंदिर में देवी माता का राजसी श्रृंगार किया गया है. महामाया मंदिर में मंगलवार को 11:34 बजे से मांगलिक स्नान, द्वार पूजन, परिक्रमा, घट स्थापना, मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलन, श्री सप्तचंडी यज्ञ, श्रीमद् भागवत पाठ के साथ पर्व की शुरुआत की गई .

नवरात्रि के पहले दिन से उमड़ रही भीड़: चैत्र नवरात्रि होने की वजह से पहले दिन से ही देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है. अंचल में सबसे ज्यादा भीड़ रतनपुर स्थित महामाया देवी मंदिर में देखने को मिल रही है. मां महामाया देवी के दर्शन के लिए छत्तीसगढ़ समेत अन्य जगहों से भी भक्त परिवार सहित रतनपुर पहुंच रहे हैं. हर साल नवरात्रि के नौ दिनों में लाखों श्रद्धालु देवी माता के दर्शन कर लेते हैं.

21 हजार से अधिक ज्योति कलश की स्थापना: महामाया देवी के दरबार में देश विदेश में रहने वाले भक्त मंदिर समिति से संपर्क कर ज्योति कलश की स्थापना करवाते हैं. इस बार महामाया मंदिर में भक्तों ने 21200 मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना की है. इसके साथ ही प्रदेश के अलावा देश विदेश से भक्त महामाया मंदिर में माता के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. इस साल 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक नवरात्र पर्व मनाया जाएगा.

सप्तमी पर रहेगी पैदल यात्रियों की भीड़: चैत्र नवरात्र के सप्तमी पर पैदल यात्रियों का जत्था मंदिर पहुंचता है. शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों से भक्त मंदिर तक मनोकामना लेकर पद यात्रा करते हैं. सप्तमी और अष्टमी को ज्यादातर श्रद्धालु मां महामाया के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. सप्तमी पर पूरे दिन सड़क में भीड़ देखने को मिलती है. शाम होते ही पैदल यात्रियों का रेला उमड़ पड़ता है.

यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का इंतेजाम: पैदल यात्रियों के लिए रास्ते में जगह-जगह भक्तों के लिए फल, लस्सी, पानी, जूस, शरबत आदि के स्टाल लगाए जाते हैं. मंदिर में सभी तरफ जसगीत, भजन कीर्तन और भोग भंडारा का आयोजन किया जाता है. मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालु एक समय पर पहुंचते हैं. जिसे देखते हुए जिला पुलिस और प्रशासन के द्वारा यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर इंतेजाम किए जाते हैं.

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बिलासपुर: चैत्र नवरात्रि का आज दूसरा दिन हैं. बिलासपुर से 30 किलोमीटर दूर रतनपुर में मां महामाया विराजती हैं. चैत्र नवरात्र के अवसर पर मां महामाया के दरबार को सजाया गया है. मंदिर में देवी माता का राजसी श्रृंगार किया गया है. महामाया मंदिर में मंगलवार को 11:34 बजे से मांगलिक स्नान, द्वार पूजन, परिक्रमा, घट स्थापना, मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलन, श्री सप्तचंडी यज्ञ, श्रीमद् भागवत पाठ के साथ पर्व की शुरुआत की गई .

नवरात्रि के पहले दिन से उमड़ रही भीड़: चैत्र नवरात्रि होने की वजह से पहले दिन से ही देवी मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है. अंचल में सबसे ज्यादा भीड़ रतनपुर स्थित महामाया देवी मंदिर में देखने को मिल रही है. मां महामाया देवी के दर्शन के लिए छत्तीसगढ़ समेत अन्य जगहों से भी भक्त परिवार सहित रतनपुर पहुंच रहे हैं. हर साल नवरात्रि के नौ दिनों में लाखों श्रद्धालु देवी माता के दर्शन कर लेते हैं.

21 हजार से अधिक ज्योति कलश की स्थापना: महामाया देवी के दरबार में देश विदेश में रहने वाले भक्त मंदिर समिति से संपर्क कर ज्योति कलश की स्थापना करवाते हैं. इस बार महामाया मंदिर में भक्तों ने 21200 मनोकामना ज्योति कलश की स्थापना की है. इसके साथ ही प्रदेश के अलावा देश विदेश से भक्त महामाया मंदिर में माता के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. इस साल 9 अप्रैल से 17 अप्रैल तक नवरात्र पर्व मनाया जाएगा.

सप्तमी पर रहेगी पैदल यात्रियों की भीड़: चैत्र नवरात्र के सप्तमी पर पैदल यात्रियों का जत्था मंदिर पहुंचता है. शहर और आसपास के ग्रामीण इलाकों से भक्त मंदिर तक मनोकामना लेकर पद यात्रा करते हैं. सप्तमी और अष्टमी को ज्यादातर श्रद्धालु मां महामाया के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. सप्तमी पर पूरे दिन सड़क में भीड़ देखने को मिलती है. शाम होते ही पैदल यात्रियों का रेला उमड़ पड़ता है.

यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा का इंतेजाम: पैदल यात्रियों के लिए रास्ते में जगह-जगह भक्तों के लिए फल, लस्सी, पानी, जूस, शरबत आदि के स्टाल लगाए जाते हैं. मंदिर में सभी तरफ जसगीत, भजन कीर्तन और भोग भंडारा का आयोजन किया जाता है. मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालु एक समय पर पहुंचते हैं. जिसे देखते हुए जिला पुलिस और प्रशासन के द्वारा यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा को लेकर इंतेजाम किए जाते हैं.

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Last Updated : Apr 10, 2024, 1:39 PM IST
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