पलामू: झारखंड आंदोलनकारी द्वारा 'झारखंड बंद' के दौरान पलामू में 200 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. हालांकि जिल में बंद का आंशिक असर देखा गया. दरअसल, विभिन्न मांगों को लेकर झारखंड आंदोलनकारियों ने बुधवार को राज्य बंद की घोषणा की थी. इसी क्रम में बुधवार को बड़ी संख्या में झारखंड आंदोलनकारी नेशनल हाईवे-स्टेट हाईवे पर उतरे और वाहनों के परिचालन को ठप करवाया. जहां सुबह 9 बजे तक कई इलाकों में परिचालन ठप रहा.
वहीं, प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में आंदोलनकारियों ने रेडमा चौक और छह मुहान को जाम किया था. जाम को देखते हुए पुलिस ने कार्रवाई की और 100 से अधिक आंदोलनकारी को हिरासत में लिया है. फिलहाल सभी को मेदिनीनगर टाउन थाना में रखा गया. हालांकि झारखंड बंद का पलामू में आंशिक असर देखा गया.
इधर, पुलिस के हस्तक्षेप के बाद स्थिति सामान्य हुई एवं वाहनों का परिचालन शुरू हुआ. झारखंड आंदोलनकारी सतीश कुमार ने बताया कि झारखंड जब अलग हुआ था तो दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने घोषणा की थी कि आंदोलन के दौरान शामिल लोगों को हक और उनका अधिकार दिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
एक लाख लोगों को चिन्हित करना था, लेकिन अभी तक 32 हजार को ही चिन्हित किया गया है. आंदोलन के बाद इस बार 15 अगस्त को सिर्फ सम्मानित किया गया, लेकिन उन्हें कोई भी अधिकार नहीं दिया गया. बता दें कि पलामू में झारखंड आंदोलनकारी जिला अध्यक्ष विकेश शुक्ला के नेतृत्व में लोग सड़क पर उतरे थे.
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