अजमेर. नाबालिग लड़की को अगवा करने और उसे बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 49 हजार रुपए के अर्थ दंड से दंडित किया है. यह मामला ब्यावर सदर थाना में 29 जनवरी, 2022 को दर्ज किया गया था. इस प्रकरण में अजमेर की पॉक्सो एक्ट प्रकरण की विशेष कोर्ट संख्या एक ने आरोपी को सजा दी है.
विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि पीड़िता की मां ने नाबालिग लड़की के घर से लापता होने की रिपोर्ट ब्यावर सदर थाने में दर्ज करवाई थी. पुलिस को दी रिपोर्ट में पीड़िता की मां ने बताया कि 22 जनवरी, 2022 को उसकी नाबालिग बेटी घर पर ही थी, जो बिना बताए घर से कहीं चली गई. काफी तलाश करने के बाद भी वह नहीं मिली. घर पर बेटी का मोबाइल मिला, जिसमें आखरी कॉल फजलुद्दीन नाम की व्यक्ति की थी. उसके आधार पर परिवादी ने आरोपी फजलुद्दीन के खिलाफ ब्यावर सदर में नाबालिग बेटी को अगवा कर ले जाने की 29 जनवरी, 2022 को शिकायत दर्ज करवाई गई.
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परिहार ने बताया कि ब्यावर सदर थाना पुलिस ने पीड़िता को दिल्ली से दस्तयाब कर लिया. वहीं पीड़िता के 161 और 164 सीआरपीसी के बयान पुलिस ने कोर्ट में करवाए. पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की धाराएं जोड़ी. बयान में पीड़िता ने बताया कि फजलुद्दीन ने उसे कहा कि फोन पर बात किया करो और उसे फोन दिलाया. डेढ़ महीने तक फजलुद्दीन उससे बातचीत किया करता था. पीड़िता ने बयानों में बताया कि 22 जनवरी, 2022 को आरोपी फजलुद्दीन ने फोन करके उसे डरा धमका कर घर से बाहर बुलाया और उसे अपनी मोटरसाइकिल पर बैठाकर अजमेर बस स्टैंड लेकर आया और उसे दिल्ली ले गया. जहां से किराए के कमरे में दो माह 10 दिन तक रखा. जहां रोज वह है उसके साथ दुष्कर्म करता था.
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डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट बनी सजा का आधार: विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि मामले में 16 गवाह और 29 दस्तावेज कोर्ट के समक्ष अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए थे. उन्होंने बताया कि घटना के समय पीड़िता की आयु करीब 15 वर्ष थी. परिहार ने बताया कि पीड़िता के साथ हुई दुष्कर्म की पुष्टि विधि विज्ञान प्रयोगशाला से मिली डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट से हुई है. इसके आधार पर कोर्ट ने आरोपी फजलुद्दीन को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा और 49 हजार रुपए से दंडित किया है.