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अस्पताल में 2 नवजात शिशुओं की मौत, स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए गठित की कमेटी - babies died in Hospital

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 29, 2024, 11:25 AM IST

Death of newborns in Kota, कोटा के सुकेत अस्पताल में दो नवजात शिशु की मौत का मामला सामने आया है. दोनों ही नवजात दो दिन के थे. हालांकि अभी यह क्लियर नहीं है कि नवजातों की मौत किस कारण से हुई है.

BABIES DIED IN HOSPITAL
सूकेत अस्पताल में नवजातों की मौत (फोटो : ईटीवी भारत)

कोटा. प्रदेश में प्रचंड गर्मी का दौर चल रहा है. इसमें जिले के सुकेत अस्पताल में दो नवजात शिशु की मौत का मामला सामने आया है. दोनों ही नवजात दो दिन के थे. इस मामले में यह क्लियर नहीं हुआ है कि नवजातों की मौत क्यों हुई है, लेकिन दोनों ही मौत मंगलवार को हुई है. इस संबंध में चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने एक कमेटी गठित कर दी है.

रामगंजमंडी के बीसीएमएचओ डॉ. रईस खान ने बताया कि दोनों नवजात का जन्म नॉर्मल डिलीवरी से 26 मई को हुआ था. दोनों को 28 मई को सुबह डिस्चार्ज भी कर दिया गया था, लेकिन परिजन इन्हें लेकर नहीं गए थे. मौत के क्या कारण रहे हैं. यह जांच के बाद ही सामने आ पाएगा. सुकेत चिकित्सालय में पांच चिकित्सकों के पद स्वीकृत है, जबकि यहां केवल दो चिकित्सक ही कार्यरत है. इन दोनों की ही तबीयत नासाज है और मेडिकल लीव पर हैं. डॉ. केशव गुप्ता आईसीयू में भर्ती हैं. जिन्हें हृदय रोग से जुड़ी बीमारी हुई है, वहीं अस्पताल के इंचार्ज डॉ. अर्पित गुप्ता के पैर में फैक्चर हो गया. इसके चलते वो मेडिकल लीव पर हैं. उन्हें 28 दिन का रेस्ट बताया हुआ है. इसके बाद आनन फानन में रामगंजमंडी व मोड़क से चिकित्सक लगाएं गए हैं.

परिजनों पर नहीं ले जाने का आरोप : दरअसल, अस्पताल में लक्ष्मीपुरा निवासी सविता ने पुत्री को जन्म दिया था. इसी तरह से सुकेत निवासी सपना ने पुत्र को जन्म दिया था. यह दोनों प्रसव अस्पताल प्रबंधन के अनुसार 26 मई को सुबह हुए थे. डॉ. रईस खान के अनुसार प्रसूता सविता नवजात को 27 तारीख की रात को बार-बार पानी पिला रही थी. इसके बावजूद उसकी स्टाफ ने टोका भी था, लेकिन वह नहीं मान रही थी. ऐसा इंद्राज भी उसने रजिस्टर्ड में किया है. वहीं दूसरी प्रसूता सपना का नवजात विकलांग था और उसे दिखाने के लिए हायर सेंटर पर भी निर्देशित किया था, उसका वजन भी 2 किलो था. स्टाफ ने दोनों को ही रेफर कर दिया था, लेकिन परिजन नवजात और प्रसूता को परिजन लेकर नहीं गए थे.

इसे भी पढ़ें- अस्पतालों में 2 दिनों में पहुंचे 12 लावारिस शव, प्रशासन का गर्मी से मौत पर इनकार - 12 unclaimed bodies

दूसरे डॉक्टर समय से पहले चले गए : डॉ. रईस खान ने बताया कि इस संबंध में तीन सदस्य की जांच कमेटी गठित कर दी है, जिसमें चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. रामप्रसाद बनारसिया, डॉ. पंकज राठौर और बीपीएम आरपी शर्मा है. इस मामले की जांच पड़ताल करवाई जा रही है. सुकेत चिकित्सालय में व्यवस्था के लिए रामगंजमंडी मोड़क और अन्य जगह से चिकित्सकों को लगाया था. ऐसे में डॉ. परमजीत साहनी को ड्यूटी देनी थी. वह शाम 5 बजे की जगह 1 बजे ही चले गए थे. इस संबंध में भी जांच पड़ताल की जा रही है.

स्टाफ ने अपने रूम में लगा लिया कूलर : सुकेत अस्पताल में कूलर और पंखे की व्यवस्था है, लेकिन स्टाफ ने यह कूलर अपने रूम में लगा लिए थे. ऐसे में वार्ड में गर्मी भी फैल रही थी. डॉ. रईस खान का कहना है कि इस संबंध में वे जांच पड़ताल कर रहे हैं, लेकिन वार्ड में ही कूलर वर्तमान में लगे हुए हैं व पंखे भी पूरे हैं. यहां पर मरीज भर्ती भी है. स्टाफ के लिए नए कूलर भी मंगवा गए हैं. हाल ही में जिला कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया था, जिसमें भी वार्ड में ही कूलर लगे थे.

कोटा. प्रदेश में प्रचंड गर्मी का दौर चल रहा है. इसमें जिले के सुकेत अस्पताल में दो नवजात शिशु की मौत का मामला सामने आया है. दोनों ही नवजात दो दिन के थे. इस मामले में यह क्लियर नहीं हुआ है कि नवजातों की मौत क्यों हुई है, लेकिन दोनों ही मौत मंगलवार को हुई है. इस संबंध में चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने एक कमेटी गठित कर दी है.

रामगंजमंडी के बीसीएमएचओ डॉ. रईस खान ने बताया कि दोनों नवजात का जन्म नॉर्मल डिलीवरी से 26 मई को हुआ था. दोनों को 28 मई को सुबह डिस्चार्ज भी कर दिया गया था, लेकिन परिजन इन्हें लेकर नहीं गए थे. मौत के क्या कारण रहे हैं. यह जांच के बाद ही सामने आ पाएगा. सुकेत चिकित्सालय में पांच चिकित्सकों के पद स्वीकृत है, जबकि यहां केवल दो चिकित्सक ही कार्यरत है. इन दोनों की ही तबीयत नासाज है और मेडिकल लीव पर हैं. डॉ. केशव गुप्ता आईसीयू में भर्ती हैं. जिन्हें हृदय रोग से जुड़ी बीमारी हुई है, वहीं अस्पताल के इंचार्ज डॉ. अर्पित गुप्ता के पैर में फैक्चर हो गया. इसके चलते वो मेडिकल लीव पर हैं. उन्हें 28 दिन का रेस्ट बताया हुआ है. इसके बाद आनन फानन में रामगंजमंडी व मोड़क से चिकित्सक लगाएं गए हैं.

परिजनों पर नहीं ले जाने का आरोप : दरअसल, अस्पताल में लक्ष्मीपुरा निवासी सविता ने पुत्री को जन्म दिया था. इसी तरह से सुकेत निवासी सपना ने पुत्र को जन्म दिया था. यह दोनों प्रसव अस्पताल प्रबंधन के अनुसार 26 मई को सुबह हुए थे. डॉ. रईस खान के अनुसार प्रसूता सविता नवजात को 27 तारीख की रात को बार-बार पानी पिला रही थी. इसके बावजूद उसकी स्टाफ ने टोका भी था, लेकिन वह नहीं मान रही थी. ऐसा इंद्राज भी उसने रजिस्टर्ड में किया है. वहीं दूसरी प्रसूता सपना का नवजात विकलांग था और उसे दिखाने के लिए हायर सेंटर पर भी निर्देशित किया था, उसका वजन भी 2 किलो था. स्टाफ ने दोनों को ही रेफर कर दिया था, लेकिन परिजन नवजात और प्रसूता को परिजन लेकर नहीं गए थे.

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दूसरे डॉक्टर समय से पहले चले गए : डॉ. रईस खान ने बताया कि इस संबंध में तीन सदस्य की जांच कमेटी गठित कर दी है, जिसमें चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. रामप्रसाद बनारसिया, डॉ. पंकज राठौर और बीपीएम आरपी शर्मा है. इस मामले की जांच पड़ताल करवाई जा रही है. सुकेत चिकित्सालय में व्यवस्था के लिए रामगंजमंडी मोड़क और अन्य जगह से चिकित्सकों को लगाया था. ऐसे में डॉ. परमजीत साहनी को ड्यूटी देनी थी. वह शाम 5 बजे की जगह 1 बजे ही चले गए थे. इस संबंध में भी जांच पड़ताल की जा रही है.

स्टाफ ने अपने रूम में लगा लिया कूलर : सुकेत अस्पताल में कूलर और पंखे की व्यवस्था है, लेकिन स्टाफ ने यह कूलर अपने रूम में लगा लिए थे. ऐसे में वार्ड में गर्मी भी फैल रही थी. डॉ. रईस खान का कहना है कि इस संबंध में वे जांच पड़ताल कर रहे हैं, लेकिन वार्ड में ही कूलर वर्तमान में लगे हुए हैं व पंखे भी पूरे हैं. यहां पर मरीज भर्ती भी है. स्टाफ के लिए नए कूलर भी मंगवा गए हैं. हाल ही में जिला कलेक्टर के निर्देश पर अधिकारियों ने निरीक्षण भी किया था, जिसमें भी वार्ड में ही कूलर लगे थे.

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