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गजब! इस स्कूल में गिलास की जगह चम्मच से बंट रहा था दूध, 150 बच्चों के लिए आता था 2 लीटर, प्रिंसिपिल सस्पेंड

मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल में अजब-गजब मामला आया सामने, ग्रामीणों ने प्रिसिंपिल की करतूत पकड़ी, वीडियो वायरल होने पर बीएसए ने कार्रवाई की

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कंपोजिट विद्यालय में दूध वितरण में धांधली. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 6 hours ago

मिर्जापुर: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों को दिए जा रहे मीड डे मील में आए दिन गबड़बड़ी की शिकायत मिलती रहती है. कभी भोजन में कीड़े मिलते हैं तो कभी घटिया क्वालिटी का खाना बच्चों का खिलाया जाता है. जबकि योगी सरकार की ओर से मिड डे मील के लिए मानक के अनुसार बजट जारी होता है. इसके साथ ही मेन्यू भी शिक्षा विभाग ने बनाया है, जिसके अनुसार बच्चों को भोजन दिया जाता है.

लेकिन इसका पालन स्कूल के टीचर और जिम्मेदार नहीं करते हैं. इसी कड़ी में मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल का एक ऐसा मामला है, जिसे सुनकर हर कोई आश्यर्चकित है. स्कूल के 150 बच्चों के बीच 2 लीटर दूध बांटा जा रहा था. यानि की हर बच्चे के हिस्से में 13 ML दूध आता है. इतना दूध तो बच्चे का गला भी तर नहीं कर पाएगा. जबकि सरकार की ओर से 150 से 200 ग्राम दूध एक बच्चे को देने का प्रावधान है.

वायरल वीडियो. (Video Credit; Social Media)

ग्रामीणों ने वीडियो बनाकर बीएसए को भेजाः दरअसल, जमालपुर विकासखंड के ग्राम सभा हिनौता में कंपोजिट विद्यालय है, जिसमें 150 बच्चों का एडमिशन है. इस स्कूल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो 4 दिसंबर का बताया जा रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि स्कूल में बच्चों को दूध का वितरण होने जा रहा था. इस दौरान ग्रामीण स्कूल में पहुंच गए. ग्रामीणों ने महिला प्रिसिंपल से पूछा कितना दूध है. इस पर उन्होंने बताया तीन लीटर दूध है. इस पर ग्रामीणों ने दूध की नाप कराई तो 2 लीटर दूध निकाला.

खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट पर प्रिसिंपल निलंबितः जब ग्रामीण वीडियो बना रहे थे तो प्रिसिंपल विरोध जताती हुई नजर आ रही हैं. यह वीडियो ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर वायरल करने के साथ एबीएसए जमालपुर को भेज दिया था. इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी देवमणि पांडेय ने ग्रामीणों की शिकायत पर स्कूल पहुंचे और जांच की. जांच रिपोर्ट बीएसए को सौंप दिया. रिपोर्ट मिलने के बाद बुधवार को बीएसए ने प्रभारी एमडीएम के गुणवत्ता को लेकर प्रधानाध्यापिका सरिता देवी को निलंबित कर दिया है.

जांच के लिए टीम गठितः बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि कंपोजिट विद्यालय हिनौता में एमडीएम के गुणवत्ता और दूध वितरण के संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी ने की जांच की थी. रिपोर्ट मिलने के बाद प्रभारी प्रधानाध्यापिका सरिता देवी को अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही जांच के लिए टीम बना दी गई है. यदि घटना पुष्टि होती है तो प्रभारी प्रिसिंपल के खिलाफ कठोर दंडरात्मक कार्रवाई जाएगी.

कितना दूध एक छात्र को देने का है नियम?
मिड डे मील के मेनू के मुताबिक, सरकारी स्कूल में सोमवार को रोटी के साथ सोयाबीन युक्त मौसमी सब्जी और फल, मंगलवार को चावल सब्जी दाल, बुधवार को मौसमी सब्जी सोयाबीन की बड़ी युक्त और दूध, गुरुवार को रोटी सब्जी दाल न्यूट्रिशन, शुक्रवार को मौसमी सब्जी व सोयाबीन की बड़ी युक्त मूंग की दाल खिचड़ी, शनिवार को चावल सब्जी और डाल युक्त भोजन दिया जाता है. जबकि 1 से लेकर कक्षा 5 तक के बच्चों को डेढ़ सौ ग्राम और 6 से लेकर 8 तक के बच्चों को 200 ग्राम दूध देने का प्रावधान है.

इसे भी पढ़ें-प्राथमिक विद्यालय के मिड-डे-मील बजट में बढ़ोत्तरी, 1 दिसंबर से लागू होंगी नई दरें

मिर्जापुर: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों को दिए जा रहे मीड डे मील में आए दिन गबड़बड़ी की शिकायत मिलती रहती है. कभी भोजन में कीड़े मिलते हैं तो कभी घटिया क्वालिटी का खाना बच्चों का खिलाया जाता है. जबकि योगी सरकार की ओर से मिड डे मील के लिए मानक के अनुसार बजट जारी होता है. इसके साथ ही मेन्यू भी शिक्षा विभाग ने बनाया है, जिसके अनुसार बच्चों को भोजन दिया जाता है.

लेकिन इसका पालन स्कूल के टीचर और जिम्मेदार नहीं करते हैं. इसी कड़ी में मिर्जापुर के एक सरकारी स्कूल का एक ऐसा मामला है, जिसे सुनकर हर कोई आश्यर्चकित है. स्कूल के 150 बच्चों के बीच 2 लीटर दूध बांटा जा रहा था. यानि की हर बच्चे के हिस्से में 13 ML दूध आता है. इतना दूध तो बच्चे का गला भी तर नहीं कर पाएगा. जबकि सरकार की ओर से 150 से 200 ग्राम दूध एक बच्चे को देने का प्रावधान है.

वायरल वीडियो. (Video Credit; Social Media)

ग्रामीणों ने वीडियो बनाकर बीएसए को भेजाः दरअसल, जमालपुर विकासखंड के ग्राम सभा हिनौता में कंपोजिट विद्यालय है, जिसमें 150 बच्चों का एडमिशन है. इस स्कूल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो 4 दिसंबर का बताया जा रहा है. वीडियो में दिख रहा है कि स्कूल में बच्चों को दूध का वितरण होने जा रहा था. इस दौरान ग्रामीण स्कूल में पहुंच गए. ग्रामीणों ने महिला प्रिसिंपल से पूछा कितना दूध है. इस पर उन्होंने बताया तीन लीटर दूध है. इस पर ग्रामीणों ने दूध की नाप कराई तो 2 लीटर दूध निकाला.

खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट पर प्रिसिंपल निलंबितः जब ग्रामीण वीडियो बना रहे थे तो प्रिसिंपल विरोध जताती हुई नजर आ रही हैं. यह वीडियो ग्रामीणों ने सोशल मीडिया पर वायरल करने के साथ एबीएसए जमालपुर को भेज दिया था. इसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी देवमणि पांडेय ने ग्रामीणों की शिकायत पर स्कूल पहुंचे और जांच की. जांच रिपोर्ट बीएसए को सौंप दिया. रिपोर्ट मिलने के बाद बुधवार को बीएसए ने प्रभारी एमडीएम के गुणवत्ता को लेकर प्रधानाध्यापिका सरिता देवी को निलंबित कर दिया है.

जांच के लिए टीम गठितः बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि कंपोजिट विद्यालय हिनौता में एमडीएम के गुणवत्ता और दूध वितरण के संबंध में खंड शिक्षा अधिकारी ने की जांच की थी. रिपोर्ट मिलने के बाद प्रभारी प्रधानाध्यापिका सरिता देवी को अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही जांच के लिए टीम बना दी गई है. यदि घटना पुष्टि होती है तो प्रभारी प्रिसिंपल के खिलाफ कठोर दंडरात्मक कार्रवाई जाएगी.

कितना दूध एक छात्र को देने का है नियम?
मिड डे मील के मेनू के मुताबिक, सरकारी स्कूल में सोमवार को रोटी के साथ सोयाबीन युक्त मौसमी सब्जी और फल, मंगलवार को चावल सब्जी दाल, बुधवार को मौसमी सब्जी सोयाबीन की बड़ी युक्त और दूध, गुरुवार को रोटी सब्जी दाल न्यूट्रिशन, शुक्रवार को मौसमी सब्जी व सोयाबीन की बड़ी युक्त मूंग की दाल खिचड़ी, शनिवार को चावल सब्जी और डाल युक्त भोजन दिया जाता है. जबकि 1 से लेकर कक्षा 5 तक के बच्चों को डेढ़ सौ ग्राम और 6 से लेकर 8 तक के बच्चों को 200 ग्राम दूध देने का प्रावधान है.

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