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नोएडा: चीन और खाड़ी देशों के जरिए भारत लाई गई 8 लाख की ई-सिगरेट के साथ दो गिरफ्तार - 2 arrested Rs 8 lakh e cigarettes

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 29, 2024, 9:50 PM IST

चीन और खाड़ी देशों के जरिए भारत लाई गई 8 लाख की ई-सिगरेट के साथ नोएडा पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस मामले में आगे की जांच-पड़ताल कर रही है.

8 लाख की ई-सिगरेट के साथ दो गिरफ्तार
8 लाख की ई-सिगरेट के साथ दो गिरफ्तार (Etv Bharat)

नई दिल्ली/नोएडा: प्रतिबंधित ई-सिगरेट की आपूर्ति करने वाले दो आरोपियों को नोएडा पुलिस ने अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से करीब 8 लाख रुपये की ई-सिगरेट बरामद हुई है. दोनों की कार और बुलेट को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है. आरोपियों का पुलिस आपराधिक इतिहास पता कर रही है. प्रतिबंधित सिगरेट को चीन और खाड़ी देशों के जरिए भारत लाया जाता है. यहां मौजूद तस्कर इनकी आपूर्ति करते हैं। पुलिस ने आरोपियों का मोबाइल जब्त कर किया है.

एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने पर सेक्टर-37 के पास एक संदिग्ध कार को चेकिंग के लिए रोका गया. इस कार की जब चेकिंग की गई तो उसमें आठ लाख की चाइना मेड ई-सिगरेट मिली. तस्कर की पहचान रियाज अहमद निवासी उत्तराखंड हुई है. वहीं सेक्टर-49 पुलिस ने प्रतापगढ़ के रंजीत को लाखों की ई-सिगरेट के साथ गिरफ्तार किया है.

यह भी पढ़ें- गाजियाबाद में मर्डरः चार लोगों ने घेरकर की फायरिंग, पिता की मौत, बेटे की हालत गंभीर

वर्तमान में बरौला में रह रहा रंजीत बुलेट से ई-सिगरेट की आपूर्ति करता था. मांग अधिक होने के कारण प्रतिबंधित ई-सिगरेट की कीमत भी कई गुना अधिक हो जाती है. इस प्रकार की एक सिगरेट 4 से 5 हजार रुपए में बिकती है. यह सिगरेट पीजी, कॉलेज और अन्य स्थानों पर ऑन डिमांड सप्लाई की जाती थी. तस्कर से पता लगाया गया जा रहा है कि वो यहां किसको सप्लाई करने के लिए ई-सिगरेट लाए थे. नामी कॉलेजों के आसपास इसप्रकार की ई-सिगरेट की ज्यादा आपूर्ति होती है.

दिल्ली से आती है ई-सिगरेट

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नेपाल के रास्ते ई-सिगरेट की खेप को दिल्ली लाया जाता है. दिल्ली से अन्य राज्यों और जिलों में इसे बेचने के लिए भेजा जाता है. दिल्ली और राजस्थान के आसपास ई-सिगरेट की आपूर्ति करने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं, जो प्रतिमाह लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. कुछ समय पहले सेक्टर-39 और सेक्टर-63 थाने की पुलिस ने ई-सिगरेट की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था. यहां भी नेपाल के रास्ते प्रतिबंधित ई-सिगरेट आई थी. गिरफ्त में आए आरोपियों के वाट्सऐप ग्रुप को चेक किया जा रहा है. संभावना जताई जा रही है कि ग्रुप से ग्राहकों सहित अन्य जानकारी पुलिस को मिलेगी.

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नई दिल्ली/नोएडा: प्रतिबंधित ई-सिगरेट की आपूर्ति करने वाले दो आरोपियों को नोएडा पुलिस ने अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से करीब 8 लाख रुपये की ई-सिगरेट बरामद हुई है. दोनों की कार और बुलेट को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है. आरोपियों का पुलिस आपराधिक इतिहास पता कर रही है. प्रतिबंधित सिगरेट को चीन और खाड़ी देशों के जरिए भारत लाया जाता है. यहां मौजूद तस्कर इनकी आपूर्ति करते हैं। पुलिस ने आरोपियों का मोबाइल जब्त कर किया है.

एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिलने पर सेक्टर-37 के पास एक संदिग्ध कार को चेकिंग के लिए रोका गया. इस कार की जब चेकिंग की गई तो उसमें आठ लाख की चाइना मेड ई-सिगरेट मिली. तस्कर की पहचान रियाज अहमद निवासी उत्तराखंड हुई है. वहीं सेक्टर-49 पुलिस ने प्रतापगढ़ के रंजीत को लाखों की ई-सिगरेट के साथ गिरफ्तार किया है.

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वर्तमान में बरौला में रह रहा रंजीत बुलेट से ई-सिगरेट की आपूर्ति करता था. मांग अधिक होने के कारण प्रतिबंधित ई-सिगरेट की कीमत भी कई गुना अधिक हो जाती है. इस प्रकार की एक सिगरेट 4 से 5 हजार रुपए में बिकती है. यह सिगरेट पीजी, कॉलेज और अन्य स्थानों पर ऑन डिमांड सप्लाई की जाती थी. तस्कर से पता लगाया गया जा रहा है कि वो यहां किसको सप्लाई करने के लिए ई-सिगरेट लाए थे. नामी कॉलेजों के आसपास इसप्रकार की ई-सिगरेट की ज्यादा आपूर्ति होती है.

दिल्ली से आती है ई-सिगरेट

पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नेपाल के रास्ते ई-सिगरेट की खेप को दिल्ली लाया जाता है. दिल्ली से अन्य राज्यों और जिलों में इसे बेचने के लिए भेजा जाता है. दिल्ली और राजस्थान के आसपास ई-सिगरेट की आपूर्ति करने वाले कई गिरोह सक्रिय हैं, जो प्रतिमाह लाखों रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. कुछ समय पहले सेक्टर-39 और सेक्टर-63 थाने की पुलिस ने ई-सिगरेट की तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था. यहां भी नेपाल के रास्ते प्रतिबंधित ई-सिगरेट आई थी. गिरफ्त में आए आरोपियों के वाट्सऐप ग्रुप को चेक किया जा रहा है. संभावना जताई जा रही है कि ग्रुप से ग्राहकों सहित अन्य जानकारी पुलिस को मिलेगी.

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