कोडरमा: जिले की दो आंगनबाड़ी सेविकाओं को बच्चों के पोषण और शिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए बतौर इनाम नई दिल्ली में होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए बुलावा आया है. दोनों सेविकाएं कोडरमा से नई दिल्ली के लिए रवाना हो चुकी हैं.
26 जनवरी को नई दिल्ली के लाल किले में आयोजित होने वाले गणतंत्र दिवस समारोह में कोडरमा के चंदवारा प्रखंड के चौराही आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका कंचन देवी और सतगावां प्रखंड के खाब टोला आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका कुमारी कनक रानी बतौर अतिथि शामिल हो रही हैं.
पूरे राज्य से 10 आंगनवाड़ी सेविकाओं को इस क्षण का गवाह बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है, जिनमें कोडरमा की ये दोनों आंगनबाड़ी की सेविकाएं भी शामिल हैं. अपने पति दुर्गी सिंह के साथ दिल्ली रवाना होने से पहले कंचन देवी ने बताया कि आज उन्हें 22 वर्षों की सेवा का ऐसा पुरस्कार मिला है, जिसकी उन्होंने कभी कल्पना ही नहीं की थी.
सेविका कंचन देवी के पति दुर्गी सिंह ने बताया कि वे सालों दिल्ली में रहे, लेकिन आज तक उन्हें गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस के परेड को सामने से देखने का अवसर नहीं मिल पाया, लेकिन अब उन्हें अपनी पत्नी के सेवा कार्यों की बदौलत इस समारोह में शामिल होने का मौका मिल रहा है, जो न सिर्फ उनके परिवार के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे प्रखंड के लोग उनकी पत्नी को मिले इस पुरस्कार से उत्साहित हैं.
वहीं दूसरी तरफ कभी नक्सलियों की गूंज से थरथरा उठने वाले सतगावां प्रखंड के खाब टोला में आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका कुमारी कनक रानी 2007 से लगातार गांव के बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण के साथ बच्चों में शिक्षा का अलख जगा रही हैं. उन्हें भी बतौर इनाम गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली बुलाया गया है.
कनक रानी ने बताया कि अलग-अलग तरीके से जिस प्रकार वे बच्चों को खेलते खेलते पढ़ा रही हैं, यह सिर्फ उनकी नौकरी नहीं है, बल्कि एक तपस्या है गांव के बच्चों को शिक्षित करने की. कनक ने बताया कि वह जिंदगी में पहली बार दिल्ली जा रही है. गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के बाद दिल्ली के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण भी करेंगी.
आमतौर पर गणतंत्र दिवस समारोह को लोग टीवी पर ही देख पाते हैं. ऐसे कार्यक्रम में अतिथि के रूप में शामिल होने को लेकर ये दोनों आंगनबाड़ी सेविकाएं काफी उत्साहित हैं और निसंदेह इस कार्यक्रम में शामिल होने के बाद महिला एवं बाल विकास के क्षेत्र में उनके कार्य करने की ऊर्जा भी बढ़ जाएगी.
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