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Rajasthan: नाबालिग को खरीदने और बेचने के मामले में दो आरोपियों को 7-7 वर्ष का कठोर कारावास

नाबालिग को खरीदने और बेचने के मामले में पॉक्सो कोर्ट ने दो आरोपियों को 7-7 साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

2 Accused Sentenced for 7 Years
दो आरोपियों को 7-7 वर्ष का कठोर कारावास (ETV Bharat Dholpur)

धौलपुर: विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने जिले के बसेड़ी पुलिस थाना पर साल 2017 में दर्ज हुए साढ़े नौ वर्षीय नाबालिग को बेचने और खरीदने के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 40 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है.

विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि धौलपुर जिले के बसेड़ी पुलिस थाना पर एक महिला ने साल 2017 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें उसने बताया कि उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी देकर गांव के कुछ लोगों ने जबरन उसके खेत की रजिस्ट्री करवा ली. गांव के लोगों ने उसके बच्चों को जबरन सोनू गुर्जर के साथ भेज दिया. सोनू गुर्जर महिला और उसके बच्चों को जयपुर ले गया. जयपुर में सोनू गुर्जर ने उसे 40 दिन तक रखा और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया. जयपुर से सोनू गुर्जर उसे बच्चों के साथ गुजरात और बयाना ले गया.

पढ़ें: चूरू में 1.13 लाख में पंजाब की लड़की का सौदा होने का आरोप...बीकानेर की डूंगरगढ़ पुलिस पर भी गंभीर इल्जाम, सफाई में पुलिस बोली- सहमति से गए

आरोपी सोनू गुर्जर ने बयाना में उसकी साढ़े नौ साल की नाबालिग बच्ची को तीन लाख रुपए में पप्पू गुर्जर को बेच दिया. इसके बाद पप्पू गुर्जर ने निहाल सिंह को चार लाख रुपए में नाबालिग का सौदा कर दिया. आरोपी निहाल सिंह ने बच्ची को विजय सिंह के लिए खरीदा था. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी पप्पू सिंह, निहाल सिंह, रतन सिंह और महिला गुड्डेश को गिरफ्तार कर पॉक्सो न्यायालय में पेश किया. चारों आरोपी राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से जमानत पर चल रहे हैं. ट्रायल के दौरान आरोपी निहाल सिंह और विजय सिंह फरार चल रहे हैं.

पढ़ें: झुंझुनू: 80 हजार में बेची गई नाबालिग के मामले में राज्य बाल संरक्षण आयोग ने लिया प्रसंज्ञान

लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने अनुसन्धान के दौरान मामले में नाबालिग बच्ची की मां पिंकी और सोनू गुर्जर को भी आरोपी बना कर कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया. दोनों मुल्जिमान पिंकी और सोनू गुर्जर जमानत पर बाहर हैं और मुल्जिम पप्पू गुर्जर जेल में बंद हैं. मामले में लोक अभियोजक मिश्रा ने कोर्ट में 38 गवाह पेश कर दस्तावेजों को साबित कराया.

पढ़ें: जिन्हें करनी चाहिए बाल अधिकारों की रक्षा, उन्होंने ही किया उसका हनन

प्रकरण में न्यायाधीश राजकुमार ने दोनों पक्षों की बहस और लोक अभियोजक की दलील सुनने के बाद गुरुवार को मुल्जिम पप्पू गुर्जर और रतना उर्फ रतन सिंह को दोषी करार देते हुए हुए 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 40 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है. लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि मुल्जिम महिला गुड्डेश को मामले में बरी कर दिया है. जबकि मुल्जिमान पिंकी और सोनू गुर्जर के खिलाफ मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है. दो मुल्जिमान निहाल सिंह और विजय सिंह फरार चल रहे हैं.

धौलपुर: विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट ने जिले के बसेड़ी पुलिस थाना पर साल 2017 में दर्ज हुए साढ़े नौ वर्षीय नाबालिग को बेचने और खरीदने के मामले में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 40 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है.

विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि धौलपुर जिले के बसेड़ी पुलिस थाना पर एक महिला ने साल 2017 में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें उसने बताया कि उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी देकर गांव के कुछ लोगों ने जबरन उसके खेत की रजिस्ट्री करवा ली. गांव के लोगों ने उसके बच्चों को जबरन सोनू गुर्जर के साथ भेज दिया. सोनू गुर्जर महिला और उसके बच्चों को जयपुर ले गया. जयपुर में सोनू गुर्जर ने उसे 40 दिन तक रखा और उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया. जयपुर से सोनू गुर्जर उसे बच्चों के साथ गुजरात और बयाना ले गया.

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आरोपी सोनू गुर्जर ने बयाना में उसकी साढ़े नौ साल की नाबालिग बच्ची को तीन लाख रुपए में पप्पू गुर्जर को बेच दिया. इसके बाद पप्पू गुर्जर ने निहाल सिंह को चार लाख रुपए में नाबालिग का सौदा कर दिया. आरोपी निहाल सिंह ने बच्ची को विजय सिंह के लिए खरीदा था. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी पप्पू सिंह, निहाल सिंह, रतन सिंह और महिला गुड्डेश को गिरफ्तार कर पॉक्सो न्यायालय में पेश किया. चारों आरोपी राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर से जमानत पर चल रहे हैं. ट्रायल के दौरान आरोपी निहाल सिंह और विजय सिंह फरार चल रहे हैं.

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लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि पुलिस ने अनुसन्धान के दौरान मामले में नाबालिग बच्ची की मां पिंकी और सोनू गुर्जर को भी आरोपी बना कर कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया. दोनों मुल्जिमान पिंकी और सोनू गुर्जर जमानत पर बाहर हैं और मुल्जिम पप्पू गुर्जर जेल में बंद हैं. मामले में लोक अभियोजक मिश्रा ने कोर्ट में 38 गवाह पेश कर दस्तावेजों को साबित कराया.

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प्रकरण में न्यायाधीश राजकुमार ने दोनों पक्षों की बहस और लोक अभियोजक की दलील सुनने के बाद गुरुवार को मुल्जिम पप्पू गुर्जर और रतना उर्फ रतन सिंह को दोषी करार देते हुए हुए 7-7 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 40 हजार रुपए के जुर्माने से दण्डित किया है. लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि मुल्जिम महिला गुड्डेश को मामले में बरी कर दिया है. जबकि मुल्जिमान पिंकी और सोनू गुर्जर के खिलाफ मामला कोर्ट में विचाराधीन चल रहा है. दो मुल्जिमान निहाल सिंह और विजय सिंह फरार चल रहे हैं.

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