कुल्लू: देशभर में जहां 25 मार्च को होली का त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाएगा. वहीं, होली से 8 दिन पहले ही होलाष्टक शुरू हो जाएंगे. ऐसे में होलाष्टक शुरू होने से लेकर खत्म होने तक सभी शुभ कार्यों पर भी रोक लग जाएगी. जिसके चलते होली का त्योहार तक कोई भी शुभ कार्य नहीं हो पाएंगे.
धार्मिक मान्यता के अनुसार होलाष्टक के समय सभी प्रमुख ग्रह अपने उग्र रूप में होते हैं. जिसके चलते कोई भी धार्मिक कार्य करना शुभ नहीं माना गया है. ऐसे में होली के 8 दिन पहले ही सभी प्रकार के धार्मिक कार्यों पर प्रतिबंध लग जाएगा.
आचार्य आशीष शर्मा का कहना है कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को होलाष्टक शुरू हो रहे हैं. अष्टमी तिथि 16 मार्च रात 9:39 पर शुरू हो रही है, जो 17 मार्च सुबह 9:53 पर खत्म होगी. ऐसे में फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष के अष्टमी तिथि 17 मार्च को है और होलाष्टक भी 17 मार्च से शुरू हो रहे हैं.
वहीं, 17 मार्च से शुरू हो रहे होलाष्टक फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन के साथ खत्म होगा. इस साल होलिका दहन 24 मार्च को किया जाएगा और होलाष्टक का समापन भी 24 मार्च को होगा. आचार्य आशीष का कहना है कि इन आठ दिनों में कोई भी नया कार्य, नया व्यापार शुरू नहीं किया जाता है और ना ही विवाह, नामकरण, गृह प्रवेश, मुंडन समेत कई प्रमुख संस्कार किए जाते हैं.
ऐसे में होलाष्टक के समय व्यक्ति सदाचार व संयम का पालन करें. इसके अलावा इन 8 दिनों में जप, मंत्र साधना और आध्यात्मिक कार्य भी किया जा सकते हैं. क्योंकि तंत्र साधना और सिद्धि के लिए यह काफी अनुकूल समय माना गया है.
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