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लोकसभा चुनाव: 1600 बूथों पर महिलाएं संभालेंगी मोर्चा, इतने ही बूथ युवाओं के हवाले, 200 बूथ दिव्यांगों के जिम्मे - Booth Management in LS election

लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राजस्थान की 25 सीटों पर मतदान को लेकर चुनाव आयोग तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा है. प्रदेश में 1600-1600 बूथ पर इस बार महिलाएं और युवा जिम्मा संभालेंगे. जबकि हर विधानसभा क्षेत्र में एक बूथ पर दिव्यांगों को मतदान प्रक्रिया पूरी करवाने की जिम्मेदारी दी जाएगी.

1600 booth to be handled by women
1600 बूथों पर महिलाएं संभालेंगी मोर्चा
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 17, 2024, 5:07 PM IST

Updated : Mar 17, 2024, 10:45 PM IST

राजस्थान में इस तरह होगा बूथ मैनेजमेंट

जयपुर. लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. राजस्थान की 25 विधानसभा सीटों पर दो चरण में मतदान प्रक्रिया पूरी करवाई जाएगी. इस बीच निर्वाचन आयोग ने इस बार अनूठा प्रयोग करते हुए 1600 बूथों पर मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाने का जिम्मा महिलाओं को देने का फैसला किया है. जबकि इतने ही बूथ युवाओं के हवाले होंगे. इसके अलावा हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक बूथ ऐसा होगा, जहां दिव्यांग कर्मचारियों को पूरी मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाने की जिम्मेदारी दी जाएगी. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में कुल 51,756 मतदान बूथ बनाए जाएंगे. हर बूथ पर औसतन 1028 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें से 10,415 बूथ शहरी इलाके में और 41,341 बूथ ग्रामीण इलाके में हैं. उन्होंने बताया कि इनमें से 1600 बूथ ऐसे होंगे, जहां महिला अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए जाएंगे और वे ही इन बूथों पर मतदान प्रक्रिया पूरी करवाएंगे. इसके साथ ही 1600 बूथों पर युवा अधिकारियों-कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक बूथ ऐसा भी चिह्नित किया जा रहा है. जहां दिव्यांग पूरी मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाएंगे.

पढ़ें: लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी पुलिस, दौसा पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च

आचार संहिता की पालना में पोस्टर-बैनर हटवाए: मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता के अनुसार, आदर्श आचार संहिता की पालना में विभिन्न वेबसाइट्स पर राजनीतिक विज्ञापन हटवाए गए हैं. इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों से भी राजनीतिक पोस्टर-बैनर हटवाए जा रहे हैं. इसके साथ ही निजी संपत्तियों पर लगे इस तरह के बैनर-पोस्टर भी हटवाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिन सीटों पर पहले चरण में चुनाव होना है. उनकी वोटर लिस्ट 27 मार्च को और जहां दूसरे चरण में मतदान है. वहां की मतदाता सूची 4 अप्रैल को फाइनल की जाएगी.

पढ़ें: Special : बीकानेर संभाग की तीनों लोकसभा सीटों पर है भाजपा का कब्जा, कांग्रेस बदल पाएगी इतिहास ?

85 या अधिक उम्र के बुजुर्गों को होम वोटिंग: उनका कहना है कि बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर से वोट देने की सुविधा विधानसभा चुनाव में लागू की गई थी. अब 85 साल या इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग घर से वोट दे सकेंगे. पहले 80 साल या इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए यह सुविधा थी. दिव्यांग मतदाता भी घर से वोट दे सकेंगे. होम वोटिंग के लिए आवेदन लेने का काम शुरू कर दिया गया है. नामांकन शुरू होने तक होम वोटिंग के आवेदन लिए जाएंगे.

शिकायत निवारण के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी: मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में मतदाताओं की समस्या के समाधान और आचार संहिता की पालना के लिए हेल्पलाइन नंबर (0141-2227550) जारी किया गया है. इसके साथ ही टोल फ्री नंबर 1950 पर भी संपर्क किया जा सकता है. आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत सी-विजिल एप, निर्वाचन आयोग के पोर्टल और सोशल मीडिया हैंडल्स का प्रयोग कर भी की जा सकती है.

पढ़ें: ईवीएम से जुड़े सवाल पर सीईसी का कटाक्ष: अधूरी हसरतों का इल्जाम हम पर लगाना ठीक नहीं...

वोटर स्लिप और वोटर गाइड का होगा वितरण: उन्होंने बताता कि विधानसभा चुनाव में वोटर स्लिप और वोटर गाइड देने की शुरुआत की गई थी. इस बार लोकसभा चुनाव में भी वोटर स्लिप और वोटर गाइड दी जाएगी. हर घर में एक वोटर गाइड और हर मतदाता को वोटर पर्ची दी जाएगी. मतदाता सूची फाइनल होने के बाद स्लिप छपाकर वितरित की जाएगी.

9.84 फीसदी बढ़े हैं वोटर: प्रदेश में मतदाताओं की संख्या में 9.84 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले लोकसभा चुनाव में 4.77 करोड़ मतदाता थे. अब प्रदेश में यह आंकड़ा बढ़कर करीब 5.32 करोड़ हो गया है. इस लिहाज से हर साल 1.9 फीसदी की बढ़ोतरी मतदाताओं की संख्या में हुआ है.

महिला मतदाताओं की संख्या पर जोर: राजस्थान में पुरुष और महिला मतदाताओं का अनुपात कुछ कम हुआ है. पहले एक हजार पुरुष मतदाताओं पर 917 महिला वोटर थी. यह आंकड़ा बढ़कर अब 923 हुआ है. उनका कहना है कि इसमें बढ़ोतरी के लिए अभियान चलाया जा रहा है. आमतौर पर शादी से पहले लड़कियों का नाम मतदाता सूची में नहीं जुड़वाया जाता. इसके लिए स्कूल-कॉलेज में जाकर अभियान चलाया जा रहा है. यह समझाइश की जा रही है कि शादी के बाद मतदाता सूची में नाम शिफ्ट भी किया जा सकता है.

मतदान प्रतिशत बढ़ाना चुनौती: हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश में रिकॉर्ड मतदान देखने को मिला था. जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में 67 फीसदी ही मतदान हुआ था. ऐसे में लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाना बड़ी चुनौती है. उन्होंने बताता कि इसे लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. अवकाश नहीं होना और लोगों के बाहर रहने के कारण भी मतदान प्रतिशत कम रहता है. जिसे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है.

राजस्थान में इस तरह होगा बूथ मैनेजमेंट

जयपुर. लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. राजस्थान की 25 विधानसभा सीटों पर दो चरण में मतदान प्रक्रिया पूरी करवाई जाएगी. इस बीच निर्वाचन आयोग ने इस बार अनूठा प्रयोग करते हुए 1600 बूथों पर मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाने का जिम्मा महिलाओं को देने का फैसला किया है. जबकि इतने ही बूथ युवाओं के हवाले होंगे. इसके अलावा हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक बूथ ऐसा होगा, जहां दिव्यांग कर्मचारियों को पूरी मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाने की जिम्मेदारी दी जाएगी. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी है.

मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि राजस्थान में कुल 51,756 मतदान बूथ बनाए जाएंगे. हर बूथ पर औसतन 1028 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इनमें से 10,415 बूथ शहरी इलाके में और 41,341 बूथ ग्रामीण इलाके में हैं. उन्होंने बताया कि इनमें से 1600 बूथ ऐसे होंगे, जहां महिला अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए जाएंगे और वे ही इन बूथों पर मतदान प्रक्रिया पूरी करवाएंगे. इसके साथ ही 1600 बूथों पर युवा अधिकारियों-कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक बूथ ऐसा भी चिह्नित किया जा रहा है. जहां दिव्यांग पूरी मतदान प्रक्रिया संपन्न करवाएंगे.

पढ़ें: लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटी पुलिस, दौसा पुलिस ने निकाला फ्लैग मार्च

आचार संहिता की पालना में पोस्टर-बैनर हटवाए: मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता के अनुसार, आदर्श आचार संहिता की पालना में विभिन्न वेबसाइट्स पर राजनीतिक विज्ञापन हटवाए गए हैं. इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों से भी राजनीतिक पोस्टर-बैनर हटवाए जा रहे हैं. इसके साथ ही निजी संपत्तियों पर लगे इस तरह के बैनर-पोस्टर भी हटवाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिन सीटों पर पहले चरण में चुनाव होना है. उनकी वोटर लिस्ट 27 मार्च को और जहां दूसरे चरण में मतदान है. वहां की मतदाता सूची 4 अप्रैल को फाइनल की जाएगी.

पढ़ें: Special : बीकानेर संभाग की तीनों लोकसभा सीटों पर है भाजपा का कब्जा, कांग्रेस बदल पाएगी इतिहास ?

85 या अधिक उम्र के बुजुर्गों को होम वोटिंग: उनका कहना है कि बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए घर से वोट देने की सुविधा विधानसभा चुनाव में लागू की गई थी. अब 85 साल या इससे अधिक उम्र के बुजुर्ग घर से वोट दे सकेंगे. पहले 80 साल या इससे अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए यह सुविधा थी. दिव्यांग मतदाता भी घर से वोट दे सकेंगे. होम वोटिंग के लिए आवेदन लेने का काम शुरू कर दिया गया है. नामांकन शुरू होने तक होम वोटिंग के आवेदन लिए जाएंगे.

शिकायत निवारण के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी: मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में मतदाताओं की समस्या के समाधान और आचार संहिता की पालना के लिए हेल्पलाइन नंबर (0141-2227550) जारी किया गया है. इसके साथ ही टोल फ्री नंबर 1950 पर भी संपर्क किया जा सकता है. आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत सी-विजिल एप, निर्वाचन आयोग के पोर्टल और सोशल मीडिया हैंडल्स का प्रयोग कर भी की जा सकती है.

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वोटर स्लिप और वोटर गाइड का होगा वितरण: उन्होंने बताता कि विधानसभा चुनाव में वोटर स्लिप और वोटर गाइड देने की शुरुआत की गई थी. इस बार लोकसभा चुनाव में भी वोटर स्लिप और वोटर गाइड दी जाएगी. हर घर में एक वोटर गाइड और हर मतदाता को वोटर पर्ची दी जाएगी. मतदाता सूची फाइनल होने के बाद स्लिप छपाकर वितरित की जाएगी.

9.84 फीसदी बढ़े हैं वोटर: प्रदेश में मतदाताओं की संख्या में 9.84 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले लोकसभा चुनाव में 4.77 करोड़ मतदाता थे. अब प्रदेश में यह आंकड़ा बढ़कर करीब 5.32 करोड़ हो गया है. इस लिहाज से हर साल 1.9 फीसदी की बढ़ोतरी मतदाताओं की संख्या में हुआ है.

महिला मतदाताओं की संख्या पर जोर: राजस्थान में पुरुष और महिला मतदाताओं का अनुपात कुछ कम हुआ है. पहले एक हजार पुरुष मतदाताओं पर 917 महिला वोटर थी. यह आंकड़ा बढ़कर अब 923 हुआ है. उनका कहना है कि इसमें बढ़ोतरी के लिए अभियान चलाया जा रहा है. आमतौर पर शादी से पहले लड़कियों का नाम मतदाता सूची में नहीं जुड़वाया जाता. इसके लिए स्कूल-कॉलेज में जाकर अभियान चलाया जा रहा है. यह समझाइश की जा रही है कि शादी के बाद मतदाता सूची में नाम शिफ्ट भी किया जा सकता है.

मतदान प्रतिशत बढ़ाना चुनौती: हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में प्रदेश में रिकॉर्ड मतदान देखने को मिला था. जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में 67 फीसदी ही मतदान हुआ था. ऐसे में लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाना बड़ी चुनौती है. उन्होंने बताता कि इसे लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. अवकाश नहीं होना और लोगों के बाहर रहने के कारण भी मतदान प्रतिशत कम रहता है. जिसे बढ़ाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जा रहा है.

Last Updated : Mar 17, 2024, 10:45 PM IST
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