नई दिल्ली: दिल्ली की रहने वाली अर्शिया ढींगरा पिछले कई वर्षों से कूड़े के निस्तारण पर काम कर रही है, और पृथ्वी को बचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं. अर्शिया ने गरीब महिलाओं को पेंटिंग बनाना सिखाया और उन पेंटिंग्स को बेच कर जो राशि प्राप्त हुआ वो उन लड़कियों को दान कर दिया.
अर्शिया की मदद से महिलाओं ने वेस्ट मटेरियल से कई ऐसी सुंदर पेंटिंग्स बनाई है जो नई पीढ़ी के बच्चों के लिए प्रेरणा स्रोत है. यदि आप इन पेंटिंग्स को देखेंगे तो बिल्कुल भी नहीं पहचान पाएंगे कि यह पेंटिंग्स वेस्ट मटेरियल से बनाई गई है. अर्शिया का एक ही लक्ष्य है कि लोगों तक एक सकारात्मक मैसेज पहुंचाया जा सके ताकि समाज में पर्यावरण के प्रती जागरूकता फैलाई जा सके.
आपको बता दे कि अर्शिया ने करीब 15,000 किलो बेकार पड़े कागजों को इकट्ठा किया और उससे 5,000 नोटबुक बनाएं जिनको गरीब वंचित छात्रों में वितरित किया गया. अर्शिया द्वारा कचरे को मूल्यवान संसाधनों में बदलने का यह कार्य न केवल पर्यावरण संबंधी चिताओं को संबोधन करता है बल्कि वंचित समुदायों का भी समर्थन करता है. कचरे से पृथक्करण और पुनर्चक्रण को बढ़ावा देकर उनका उद्देश्य दूसरों को अपने दैनिक जीवन में स्थाई प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करना है.
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गौरतलब है कि, प्रतिदिन देशभर में लाखों मीट्रिक टन कूड़ा निकाल रहा है, लेकिन कचरे का निस्तारण या ट्रीटमेंट सही से नहीं हो पा रहा है. यही कारण है कि शहरों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं. बढ़ती आबादी और शहरीकरण के कारण कूड़े की समस्या विकराल रूप धारण कर रही है. वहीं, सरकारी कोशिशों की रफ्तार भा बेहद सुस्त है.
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