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स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी से जूझ रहा 16 माह का मासूम, 17.50 करोड़ के इंजेक्शन से बचेगी जान

मेरठ के किदवई नगर का रहने वाला एक मासूम स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप -2 (spinal muscular atrophy) से जूझ रहा है. उसकी जान बचाने के लिए बेहद कीमती 17.50 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरूरत है. परिवार ने पीएम मोदी व सीएम योगी से मदद की गुहार लगाई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 17, 2024, 10:46 AM IST

मासूम के इलाज के लिए करोड़ों के इंजेक्शन की जरूरत.

मेरठ : जिले के किदवई नगर का रहने वाला 16 महीने का एक मासूम दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है. बच्चे की जान बचाने के लिए बेहद कीमती 17.50 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरूरत है. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. पिता फेरी लगाते हैं और कोई कमाई का जरिया नहीं है. बच्चे के परिवार वाले देश भर के लोगों से मदद के लिए अपील कर रहे हैं. पीएम मोदी और सीएम योगी से भी मदद की गुहार लगाई है.

16 माह के मासूम को गंभीर बीमारी : उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक मासूम बच्चा बेहद दुर्लभ बीमारी से जिंदगी की जंग लड़ रहा है. अभी मासूम की उम्र महज 16 महीने है. मासूम के परिजनों को जब से बच्चे की इस बीमारी के बारे में पता चला है, तभी से सभी परेशान हैं. लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के किदवई नगर में 16 माह के मासूम हसन को गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया है. डॉक्टरों ने जांच के उपरांत स्पष्ट कर दिया है कि बच्चे को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप -2 नामक दुर्लभ बीामारी है. ऐसे में डॉक्टरों ने यह भी बता दिया है कि बच्चे को जल्द से जल्द इलाज की आवश्यकता है. परिजनों को डॉक्टरों ने जब बताया कि जो इंजेक्शन बच्चे को लगेगा उसकी कीमत साढ़े 17 करोड़ रुपये है तो उनके होश उड़ गए. परिजनों को कुछ समझ नहीं आ रहा है, आखिर ऐसे में करें तो क्या करें. मासूम हसन के पिता फेरी लगाने का काम करते हैं उसी से परिवार का खर्च चलता है.

इंजेक्शन से मिल सकता है जीवनदान : मासूम के पिता मोहसिन का कहना है कि उनके पास इतनी रकम नहीं है कि वह अपने बच्चे का इलाज करा सकें. लेकिन, डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया है कि बच्चे को जल्द से जल्द एक इंजेक्शन लगने से उसे नवजीवन मिल सकता है. मासूम के पिता मोहसिन ने बताया कि वह अपने बेटे की जिंदगी चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ये उनके परिवार पहला बच्चा है. उन्होंने मदद के लिए राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी व जिलाधिकारी से मिलकर मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले भी कई बार बड़ा दिल दिखाकर दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चों को जीवनदान दिया है. उन्होंने कहा कि अभी 26 जनवरी को एक मासूम बच्चे की बिना इंजेक्शन के मेरठ में मौत हुई है, जिससे वह अब अपने बच्चे को लेकर बेहद दुखी हैं. पिता कहते हैं कि उन्हें भरोसा है कि सरकार ध्यान देगी.

आर्थिक मदद की गुहार : वहीं मासूम हसन के इलाज के लिए परिवार के सदस्य आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं. अलग-अलग समाजसेवी भी मदद को आगे आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ही मदद की उम्मीद करते हैं. हम बता दें कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप -2 नामक बीमारी होने से बच्चों का शरीर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है. एक समय बाद वह चलने में भी असमर्थ हो जाता है. साथ ही बच्चे अपनी मांसपेशियों की गतिविधियों पर भी काबू नहीं कर पाते हैं.

यह भी पढ़ें : दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बच्चे को चाहिए दुनिया का सबसे महंगा इंजेक्शन, 17.5 करोड़ रुपये है कीमत, जानें वजह

यह भी पढ़ें : Baby Genetic Disease: प.बंगाल में एक बच्चा दुर्लभ बीमारी से पीड़ित, एक इंजेक्शन की कीमत ₹ 17.5 करोड़, पैसे की दरकार

मासूम के इलाज के लिए करोड़ों के इंजेक्शन की जरूरत.

मेरठ : जिले के किदवई नगर का रहने वाला 16 महीने का एक मासूम दुर्लभ बीमारी से ग्रसित है. बच्चे की जान बचाने के लिए बेहद कीमती 17.50 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरूरत है. परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. पिता फेरी लगाते हैं और कोई कमाई का जरिया नहीं है. बच्चे के परिवार वाले देश भर के लोगों से मदद के लिए अपील कर रहे हैं. पीएम मोदी और सीएम योगी से भी मदद की गुहार लगाई है.

16 माह के मासूम को गंभीर बीमारी : उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक मासूम बच्चा बेहद दुर्लभ बीमारी से जिंदगी की जंग लड़ रहा है. अभी मासूम की उम्र महज 16 महीने है. मासूम के परिजनों को जब से बच्चे की इस बीमारी के बारे में पता चला है, तभी से सभी परेशान हैं. लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के किदवई नगर में 16 माह के मासूम हसन को गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया है. डॉक्टरों ने जांच के उपरांत स्पष्ट कर दिया है कि बच्चे को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप -2 नामक दुर्लभ बीामारी है. ऐसे में डॉक्टरों ने यह भी बता दिया है कि बच्चे को जल्द से जल्द इलाज की आवश्यकता है. परिजनों को डॉक्टरों ने जब बताया कि जो इंजेक्शन बच्चे को लगेगा उसकी कीमत साढ़े 17 करोड़ रुपये है तो उनके होश उड़ गए. परिजनों को कुछ समझ नहीं आ रहा है, आखिर ऐसे में करें तो क्या करें. मासूम हसन के पिता फेरी लगाने का काम करते हैं उसी से परिवार का खर्च चलता है.

इंजेक्शन से मिल सकता है जीवनदान : मासूम के पिता मोहसिन का कहना है कि उनके पास इतनी रकम नहीं है कि वह अपने बच्चे का इलाज करा सकें. लेकिन, डॉक्टरों ने स्पष्ट कर दिया है कि बच्चे को जल्द से जल्द एक इंजेक्शन लगने से उसे नवजीवन मिल सकता है. मासूम के पिता मोहसिन ने बताया कि वह अपने बेटे की जिंदगी चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ये उनके परिवार पहला बच्चा है. उन्होंने मदद के लिए राज्यसभा सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेयी व जिलाधिकारी से मिलकर मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले भी कई बार बड़ा दिल दिखाकर दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चों को जीवनदान दिया है. उन्होंने कहा कि अभी 26 जनवरी को एक मासूम बच्चे की बिना इंजेक्शन के मेरठ में मौत हुई है, जिससे वह अब अपने बच्चे को लेकर बेहद दुखी हैं. पिता कहते हैं कि उन्हें भरोसा है कि सरकार ध्यान देगी.

आर्थिक मदद की गुहार : वहीं मासूम हसन के इलाज के लिए परिवार के सदस्य आर्थिक मदद की गुहार लगा रहे हैं. अलग-अलग समाजसेवी भी मदद को आगे आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ही मदद की उम्मीद करते हैं. हम बता दें कि स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप -2 नामक बीमारी होने से बच्चों का शरीर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगता है. एक समय बाद वह चलने में भी असमर्थ हो जाता है. साथ ही बच्चे अपनी मांसपेशियों की गतिविधियों पर भी काबू नहीं कर पाते हैं.

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