जयपुर. प्रदेश में अब राजनीतिक नियुक्तियों का दौर शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने लोकसभा चुनाव के आचार संहिता खत्म होने के साथ ही अब नियुक्तियां की प्रक्रिया को धीरे-धीरे आगे बढ़ा दिया है. इसी कड़ी में जनजाति परामर्शदात्री परिषद के 15 सदस्यों को मनोनीत किया. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की अनुसूचित जनजातियों के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए संकल्पबद्ध है. उन्होंने इसी क्रम में राजस्थान जनजाति परामर्शदात्री परिषद् में सदस्यों का मनोनयन किया है. इस परिषद में राजस्थान विधानसभा में निर्वाचित अनुसूचित जनजाति के 14 विधायकगण सदस्य बने हैं.
अनुसूचित जनजातियों के विकास में होगी भूमिका: सीएम भजन लाल शर्मा ने कहा कि अनुसूचित जनजातियों के सर्वांगीण विकास के लिए परिषद् महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. यह परिषद् जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाओं की समीक्षा कर सकेगी साथ ही नई योजनाओं के लिए परामर्श दे सकेगी. इससे अनुसूचित जनजातियों एवं अनुसूचित क्षेत्र (टीएसपी) का सामाजिक, सांस्कृतिक एवं आर्थिक विकास सुनिश्चित हो सकेगा. बता दें कि परिषद् की ओर से राज्य की अनुसूचित जनजाति के कल्याण और उन्नति से संबंधित ऐसे विषयों पर भी सलाह दी जाती है जो राज्यपाल के लिए निर्दिष्ट किए जाएं.
इनको किया मनोनीत : राजस्थान जनजाति परामर्शदात्री परिषद् में मुख्यमंत्री भजन लाल की ओर से विधायक महेन्द्रपाल मीणा, हंसराज मीणा, राजेन्द्र मीणा, रामबिलास, समाराम, प्रतापलाल भील, फूल सिंह मीणा, अमृत लाल मीणा, महेश मीणा, शंकर लाल डेचा, कैलाश चन्द्र मीणा, हेमन्त मीणा, गोपीचन्द मीणा, ललित मीणा का मनोनयन किया गया है. साथ ही परिषद् में एक गैर सरकारी सदस्य के पद पर पुष्कर तेली का मनोनयन भी किया गया है.