लखनऊ: उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य महकमें में तैनात लापरवाह डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी में सरकार जुट गई है. ड्यूटी में लापरवाही बरतने और लगातार गैरहाजिर रहने वाले 15 डॉक्टरों को बर्खास्त करने के निर्देश डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने प्रमुख सचिव (चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) को दिए हैं. इनमें से एक चिकित्सक को पूर्व में निलंबित कर गया था. उस मामले की जांच में वह दोषी पाए गए और अब उनको बर्खास्त करने के निर्देश प्रमुख सचिव को दिए गए हैं.
जिन डॉक्टरों पर गाज गिरी है उनके नाम हैं, गोरखपुर जिला अस्पताल में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. विजय कुमार चौधरी, मुख्य चिकित्साधिकारी, सीतापुर के अधीन चिकित्साधिकारी डॉ. पंकज अवस्थी, मुरादाबाद के मुख्य चिकित्साधिकारी के अधीन तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. मोहम्मद शबाब खान, उमाशंकर दीक्षित पुरुष चिकित्सालय, उन्नाव में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. अजय प्रताप सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उड़ी, इटावा में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. पवन प्रताप सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बलुवा, कुशीनगर में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. अजीत कुमार चौधरी, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, समेरर, बदायूं में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. राजवीर सिंह, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, परसेंडी, सीतापुर में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. भरत कुमार सिंह, जिला महिला चिकित्सालय, उन्नाव में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. रितिका सचान और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रामपुर मनिहारन, सहारनपुर में तैनात चिकित्साधिकारी डॉ. राधेश्याम सैनी शामिल हैं.
वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अड्डा बाजार, महाराजगंज पर तैनात डॉ. अरशद जमाल की लगातार अनुपस्थिति के चलते पूर्व में हुए निलंबित और अब मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग, गोरखपुर की जांच रिपोर्ट के आधार पर बर्खास्त किए जाने के निर्देश भी प्रमुख सचिव (चिकित्सा और स्वास्थ्य) को दे दिए गए हैं.
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, उसका बाजार, सिद्धार्थनगर में तैनात डॉ. रेखा सिन्हा ने पिछले चार-पांच सालों में कोई सर्जरी न किए जाने का मामला संज्ञान में आया है. डॉ. सिन्हा को तत्काल आरोप पत्र देकर, उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने और मंडलीय अपर निदेशक, चिकित्सा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, बस्ती को जांच अधिकारी बनाए जाने के निर्देश भी प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य को दिए गए हैं.
इसके साथ ही जिला महिला चिकित्सालय, रामपुर में कार्यरत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विनीता चतुर्वेदी की ओर से मुख्यालय में आवासित न रहने, अस्पताल के रखरखाव में लापरवाही और अधीनस्थों पर प्रभारी नियंत्रण न रख पाने और मरीजों को सही प्रकार से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान न किए जाने का मामला संज्ञान में आया. डॉ. विनीता को आरोप पत्र देकर इनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश भी प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को दिए गए हैं.
फर्मों को बिना टेंडर दिए भुगतान और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप साबित होने पर अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, बिजनौर डॉ. पारस राम नायर की दो वेतन वृद्धियां (दो साल) और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, मुजफ्फर नगर डॉ. शैलेष जैन की चार वेतनवृद्धियां स्थायी रूप से रोके जाने के निर्देश प्रमुख सचिव, चिकित्सा और स्वास्थ्य को दिए गए हैं. उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि, अनियमितताओं का मामला संज्ञान में आने पर किसी भी स्वस्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्यकर्मी को बक्शा नहीं जाएगा. उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.