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UP रोडवेज के 15 बस डिपो निजी कंपनियों के हवाले, लखनऊ का अवध डिपो भी शामिल

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने दी जानकारी, बसों के मेंटेनेंस का कार्य निजी कंपनियों को दिया गया, तकनीकी कर्मचारियों की कमी बनी वजह

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 4, 2024, 7:58 PM IST

Updated : Nov 4, 2024, 10:48 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने अपने 15 डिपो को निजी हाथों के हवाले कर दिया है. अब इन डिपो में बसों की मरम्मत का काम प्राइवेट फर्में संभालेंगी. इन 15 डिपो में परिवहन निगम मुख्यालय के ठीक पीछे का अवध डिपो भी शामिल है.

कार्यशालाओं में कर्मचारियों की कमीः उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि परिवहन निगम की कार्यशालाओं की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से 19 डिपो के वर्कशॉप को आउटसोर्सिंग के माध्यम से निविदा पर दिए जाने के लिए टेंडर किया गया था. इनमें से 15 डिपो की निविदा का अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि 15 डिपो में कुल 1,255 बसों के लिए दरें तीन रुपए 57 पैसे प्रति किलोमीटर से लेकर 5.48 पैसे तक प्राप्त हुई हैं. इस निविदा के जरिये इन डिपो के वर्कशॉप में बसों के मेंटेनेंस का कार्य निजी कंपनियों को दे दिया जाएगा. इनमें मुख्य रूप से श्याम इंटरप्राइजेज, एसडीएल एंटरप्राइजेज, आर के ऑटोमोबाइल हैं. इनकी कार्यप्रणाली को देखने के बाद बाकी के 100 डिपो का भी मेंटेनेंस का कार्य निजी कंपनियों को सौंप दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कार्यशालाओं में तकनीकी कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी के कारण परिवहन निगम की बसों में मेंटेनेंस की समस्या देखने को मिल रही है. प्राइवेट कंपिनयां अच्छी गुणवत्ता के साथ बसों को मेंटेन करेंगी.

यूपी रोडवेज के फैक्ट तथ्य.
यूपी रोडवेज के फैक्ट तथ्य. (ETV Bharat Gfx)
निजी हाथों में सौंपे गए ये डिपोः लखनऊ का अवध डिपो, नजीबाबाद डिपो, हरदोई डिपो, जीरो रोड डिपो, ताज डिपो, साहिबाबाद डिपो, देवरिया डिपो, वाराणसी कैंट डिपो, सुल्तानपुर डिपो, झांसी डिपो, बलिया डिपो, बांदा डिपो, बदायूं डिपो, इटावा डिपो और बलरामपुर डिपो शामिल हैं.

यूपीएसआरटीसी में 56 हजार कर्मचारीः बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में कुल 56 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें नियमित और संविदा कर्मचारी दोनों शामिल हैं. संविदा के ड्राइवर और कंडक्टर की संख्या लगभग 32000 है. इसके अलावा अन्य नियमित कर्मचारी हैं. वहीं, साढ़े 12 हजार रोडवेज बसों का बेड़ा है. इनमें रोडवेज की वातानुकूलित पवन हंस, अनुबंधित एसी वॉल्वो, एसी जनरथ और एसी शताब्दी शामिल हैं. सबसे अधिक गाजियाबाद रीजन में बसों की मरम्मत होती है. वहीं, पहले से ही साहिबाबाद डिपो प्राइवेट फर्म के हवाले है.

प्रतिदिन 16 लाख यात्री कर रहे सफरः वहीं, प्रतिदिन उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की साढ़े 12 हजार बसों से 16 लाख से ज्यादा यात्री सफर करते हैं. निगम अपने 23 बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर बना रहा है. लखनऊ का आलमबाग बस स्टेशन प्रदेश का पीपीपी मॉडल पर बना पहला बस स्टेशन है. इसके अलावा यूपी रोडवेज की बसें बसें देश के आठ राज्यों के बीच संचालित होती हैं. इनमें देहरादून, दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू एंड कश्मीर शामिल हैं. यूपीएसआरटीसी वर्तमान में डेढ़ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के फायदे में चल रहा है.

लखनऊ में पीपी मॉडल पर बनेंगे दो बस अड्डेः वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के लखनऊ में दो बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर निर्मित होने हैं. इनमें एक बस स्टेशन गोमती नगर स्थित विभूति खंड में तो दूसरा बस स्टेशन चारबाग में बनेगा. विभूति खंड में वर्तमान में यूपीएसआरटीसी लखनऊ की रीजनल वर्कशॉप है, जो 58000 वर्ग मीटर में फैली है. लेकिन अब बस स्टेशन बनने से 31000 वर्ग मीटर जगह बस स्टेशन में चली जाएगी और यह वर्कशॉप 27000 वर्ग मीटर में ही बचेगी. बता देंकि गोमतीनगर के विभूतिखंड स्थित लखनऊ परिक्षेत्र की क्षेत्रीय कार्यशाला में हर रोज सैकड़ो रोडवेज बसों की मरम्मत होती है. सड़क दुर्घटना में कंडम हो चुकीं बसों को लखनऊ परिक्षेत्र के सात डिपो से इस क्षेत्रीय कार्यशाला में मेजर फॉल्ट दुरुस्त करने के लिए भेजा जाता है. यहां से जब बसें दुरुस्त होती हैं तो फिर वापस सड़क पर संचालित होने लायक हो जाती हैं. अब रोडवेज की क्षेत्रीय कार्यशाला के साथ ही यहीं पर पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन भी बनकर तैयार हो जाएगा तो यात्रियों को आने वाले दिनों में इसी बस अड्डे से प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए बसें भी मिलेंगी.

सिटी बस की कार्यशाला होगी खत्मः रोडवेज की कार्यशाला में ही लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की भी कार्यशाला है. यह वर्कशॉप जल्द ही पूरी तरह से खत्म हो जाएगी, क्योंकि सिटी बस की कार्यशाला की पूरी जगह पीपीपी मॉडल पर बनने वाले विभूतिखंड बस स्टेशन में चली गई है. इस भूमि पर अब बस स्टेशन का निर्माण होने लगा है. यह कार्यशाला जल्द ही बस स्टेशन में तब्दील हो जाएगी. इसके साथ ही चारबाग बस स्टेशन पर भी पीपीपी मॉडल पर काम होना है. लिहाजा, यहां पर भी लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के एमडी का जो कैंप ऑफिस है उसे भी हटा दिया जाएगा. सिटी बस की वर्कशॉप और एमडी का कैंप ऑफिस वृंदावन P4 पार्किंग में स्थापित किया जाएगा. यहीं पर बसों का रखरखाव कराया जाएगा और सिटी बसों का संचालन भी होगा.

वृंदावन P4 में स्थापित किया जाएगा वर्कशॉप और एमडी ऑफिसः लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आरके त्रिपाठी का कहना है कि विभूति खंड स्थित रोडवेज की क्षेत्रीय कार्यशाला 58000 वर्ग मीटर में फैली है. इसमें पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन का निर्माण हो रहा है तो 31000 वर्ग मीटर जगह अब बस स्टेशन के निर्माण के लिए दे दी गई है. इसी 31000 वर्ग मीटर में सिटी बस की कार्यशाला भी थी जो अब वहां पर नहीं रहेगी. पहले परिवहन निगम ही सिटी बसों का भी संचालन करता था इसीलिए परिवहन निगम की कार्यशाला में ही सिटी बस की भी कार्यशाला थी. अब इस कार्यशाला को वृंदावन P4 पार्किंग में शिफ्ट किया जाएगा. इसके अलावा चारबाग स्थित सिटी बस एमडी के कैंप ऑफिस को भी P4 पार्किंग में ही स्थापित किया जाएगा, क्योंकि चारबाग बस स्टेशन का भी पीपीपी मॉडल पर ही निर्माण होना है. नगर विकास विभाग की तरफ से सिटी ट्रांसपोर्ट को P4 पार्किंग में स्थान उपलब्ध कराया जा रहा है. चारबाग बस स्टेशन से संचालित होने वाली बसों के लिए भी स्थान की खोज की जा रही है.

इसे भी पढ़ें-अरे! यूपी रोडवेज को हर महीने डेढ़ करोड़ का लग रहा फटका, आखिर कैसे जानिए

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने अपने 15 डिपो को निजी हाथों के हवाले कर दिया है. अब इन डिपो में बसों की मरम्मत का काम प्राइवेट फर्में संभालेंगी. इन 15 डिपो में परिवहन निगम मुख्यालय के ठीक पीछे का अवध डिपो भी शामिल है.

कार्यशालाओं में कर्मचारियों की कमीः उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि परिवहन निगम की कार्यशालाओं की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से 19 डिपो के वर्कशॉप को आउटसोर्सिंग के माध्यम से निविदा पर दिए जाने के लिए टेंडर किया गया था. इनमें से 15 डिपो की निविदा का अनुमोदन प्रदान कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि 15 डिपो में कुल 1,255 बसों के लिए दरें तीन रुपए 57 पैसे प्रति किलोमीटर से लेकर 5.48 पैसे तक प्राप्त हुई हैं. इस निविदा के जरिये इन डिपो के वर्कशॉप में बसों के मेंटेनेंस का कार्य निजी कंपनियों को दे दिया जाएगा. इनमें मुख्य रूप से श्याम इंटरप्राइजेज, एसडीएल एंटरप्राइजेज, आर के ऑटोमोबाइल हैं. इनकी कार्यप्रणाली को देखने के बाद बाकी के 100 डिपो का भी मेंटेनेंस का कार्य निजी कंपनियों को सौंप दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कार्यशालाओं में तकनीकी कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी के कारण परिवहन निगम की बसों में मेंटेनेंस की समस्या देखने को मिल रही है. प्राइवेट कंपिनयां अच्छी गुणवत्ता के साथ बसों को मेंटेन करेंगी.

यूपी रोडवेज के फैक्ट तथ्य.
यूपी रोडवेज के फैक्ट तथ्य. (ETV Bharat Gfx)
निजी हाथों में सौंपे गए ये डिपोः लखनऊ का अवध डिपो, नजीबाबाद डिपो, हरदोई डिपो, जीरो रोड डिपो, ताज डिपो, साहिबाबाद डिपो, देवरिया डिपो, वाराणसी कैंट डिपो, सुल्तानपुर डिपो, झांसी डिपो, बलिया डिपो, बांदा डिपो, बदायूं डिपो, इटावा डिपो और बलरामपुर डिपो शामिल हैं.

यूपीएसआरटीसी में 56 हजार कर्मचारीः बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में कुल 56 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें नियमित और संविदा कर्मचारी दोनों शामिल हैं. संविदा के ड्राइवर और कंडक्टर की संख्या लगभग 32000 है. इसके अलावा अन्य नियमित कर्मचारी हैं. वहीं, साढ़े 12 हजार रोडवेज बसों का बेड़ा है. इनमें रोडवेज की वातानुकूलित पवन हंस, अनुबंधित एसी वॉल्वो, एसी जनरथ और एसी शताब्दी शामिल हैं. सबसे अधिक गाजियाबाद रीजन में बसों की मरम्मत होती है. वहीं, पहले से ही साहिबाबाद डिपो प्राइवेट फर्म के हवाले है.

प्रतिदिन 16 लाख यात्री कर रहे सफरः वहीं, प्रतिदिन उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की साढ़े 12 हजार बसों से 16 लाख से ज्यादा यात्री सफर करते हैं. निगम अपने 23 बस स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर बना रहा है. लखनऊ का आलमबाग बस स्टेशन प्रदेश का पीपीपी मॉडल पर बना पहला बस स्टेशन है. इसके अलावा यूपी रोडवेज की बसें बसें देश के आठ राज्यों के बीच संचालित होती हैं. इनमें देहरादून, दिल्ली, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू एंड कश्मीर शामिल हैं. यूपीएसआरटीसी वर्तमान में डेढ़ सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के फायदे में चल रहा है.

लखनऊ में पीपी मॉडल पर बनेंगे दो बस अड्डेः वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के लखनऊ में दो बस स्टेशन पीपीपी मॉडल पर निर्मित होने हैं. इनमें एक बस स्टेशन गोमती नगर स्थित विभूति खंड में तो दूसरा बस स्टेशन चारबाग में बनेगा. विभूति खंड में वर्तमान में यूपीएसआरटीसी लखनऊ की रीजनल वर्कशॉप है, जो 58000 वर्ग मीटर में फैली है. लेकिन अब बस स्टेशन बनने से 31000 वर्ग मीटर जगह बस स्टेशन में चली जाएगी और यह वर्कशॉप 27000 वर्ग मीटर में ही बचेगी. बता देंकि गोमतीनगर के विभूतिखंड स्थित लखनऊ परिक्षेत्र की क्षेत्रीय कार्यशाला में हर रोज सैकड़ो रोडवेज बसों की मरम्मत होती है. सड़क दुर्घटना में कंडम हो चुकीं बसों को लखनऊ परिक्षेत्र के सात डिपो से इस क्षेत्रीय कार्यशाला में मेजर फॉल्ट दुरुस्त करने के लिए भेजा जाता है. यहां से जब बसें दुरुस्त होती हैं तो फिर वापस सड़क पर संचालित होने लायक हो जाती हैं. अब रोडवेज की क्षेत्रीय कार्यशाला के साथ ही यहीं पर पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन भी बनकर तैयार हो जाएगा तो यात्रियों को आने वाले दिनों में इसी बस अड्डे से प्रदेश के विभिन्न जिलों के लिए बसें भी मिलेंगी.

सिटी बस की कार्यशाला होगी खत्मः रोडवेज की कार्यशाला में ही लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की भी कार्यशाला है. यह वर्कशॉप जल्द ही पूरी तरह से खत्म हो जाएगी, क्योंकि सिटी बस की कार्यशाला की पूरी जगह पीपीपी मॉडल पर बनने वाले विभूतिखंड बस स्टेशन में चली गई है. इस भूमि पर अब बस स्टेशन का निर्माण होने लगा है. यह कार्यशाला जल्द ही बस स्टेशन में तब्दील हो जाएगी. इसके साथ ही चारबाग बस स्टेशन पर भी पीपीपी मॉडल पर काम होना है. लिहाजा, यहां पर भी लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के एमडी का जो कैंप ऑफिस है उसे भी हटा दिया जाएगा. सिटी बस की वर्कशॉप और एमडी का कैंप ऑफिस वृंदावन P4 पार्किंग में स्थापित किया जाएगा. यहीं पर बसों का रखरखाव कराया जाएगा और सिटी बसों का संचालन भी होगा.

वृंदावन P4 में स्थापित किया जाएगा वर्कशॉप और एमडी ऑफिसः लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आरके त्रिपाठी का कहना है कि विभूति खंड स्थित रोडवेज की क्षेत्रीय कार्यशाला 58000 वर्ग मीटर में फैली है. इसमें पीपीपी मॉडल पर बस स्टेशन का निर्माण हो रहा है तो 31000 वर्ग मीटर जगह अब बस स्टेशन के निर्माण के लिए दे दी गई है. इसी 31000 वर्ग मीटर में सिटी बस की कार्यशाला भी थी जो अब वहां पर नहीं रहेगी. पहले परिवहन निगम ही सिटी बसों का भी संचालन करता था इसीलिए परिवहन निगम की कार्यशाला में ही सिटी बस की भी कार्यशाला थी. अब इस कार्यशाला को वृंदावन P4 पार्किंग में शिफ्ट किया जाएगा. इसके अलावा चारबाग स्थित सिटी बस एमडी के कैंप ऑफिस को भी P4 पार्किंग में ही स्थापित किया जाएगा, क्योंकि चारबाग बस स्टेशन का भी पीपीपी मॉडल पर ही निर्माण होना है. नगर विकास विभाग की तरफ से सिटी ट्रांसपोर्ट को P4 पार्किंग में स्थान उपलब्ध कराया जा रहा है. चारबाग बस स्टेशन से संचालित होने वाली बसों के लिए भी स्थान की खोज की जा रही है.

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Last Updated : Nov 4, 2024, 10:48 PM IST
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