रांची : राज्य के अधिवक्ताओं को बड़ी सौगात देते हुए हेमंत सरकार ने अधिवक्ता कल्याण कोष के माध्यम से दी जाने वाली पेंशन राशि का पचास प्रतिशत सरकार की ओर से देने का निर्णय लिया है. शुक्रवार 06 सितंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने अधिवक्ताओं से जुड़े कई फैसले लिए, जिसके तहत 65 वर्ष की आयु के बाद अपना लाइसेंस सरेंडर करने वाले अधिवक्ताओं को अब अधिवक्ता कल्याण कोष के माध्यम से वर्तमान में दी जा रही सात हजार रुपये की जगह 14 हजार रुपये मिलेंगे. इसमें सात हजार सरकार की ओर से दिए जाएंगे.
इसके अलावा नए लाइसेंसधारी अधिवक्ताओं को तीन वर्षों तक अधिवक्ता कल्याण कोष के माध्यम से सरकार की ओर से स्टाइपेंड दिया जाएगा. स्टाइपेंड की राशि पांच हजार होगी, जिसमें पचास प्रतिशत योगदान सरकार का होगा. इसके साथ ही सरकार ने पांच लाख तक मुफ्त स्वास्थ्य बीमा सुविधा देने का भी निर्णय लिया है. इसका लाभ राज्य के करीब 15 हजार पंजीकृत अधिवक्ताओं को मिलेगा.
अधिवक्ताओं ने सीएम का जताया आभार
राज्य के अधिवक्ताओं और कंप्यूटर ऑपरेटरों के लिए कैबिनेट द्वारा फैसला लिए जाने के बाद झारखंड मंत्रालय ढोल-नगाड़ों से गूंज उठा. महाधिवक्ता राजीव रंजन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अधिवक्ता झारखंड मंत्रालय पहुंचे और इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार जताया. इस अवसर पर अधिवक्ताओं ने सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह देश के लिए एक मिसाल बन गया है जहां अधिवक्ताओं के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा कई प्रकार के फैसले लिए गए हैं.
सरकार का यह ऐतिहासिक फैसला: सीएम
इस अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि आज का फैसला ऐतिहासिक फैसला है. आज सरकार उन सभी लोगों के लिए काम कर रही है जो सरकार का हिस्सा बनकर काम कर रहे हैं. आज मुझे लग रहा है कि अधिवक्ताओं के लिए लिए गए फैसले भी ऐतिहासिक हैं.
मंत्री इरफान अंसारी ने सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि अधिवक्ता दिन रात मेहनत करते हैं, अगर सरकार उनके बारे में नहीं सोचेगी तो कैसे चलेगा. कैबिनेट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए उनके लिए बीमा योजना से लेकर पेंशन तक सहायता का प्रावधान किया है. इधर, अधिवक्ताओं का आभार जताने झारखंड मंत्रालय पहुंचे महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि हेमंत सरकार का यह फैसला बड़ा फैसला है, जिसका लाभ झारखंड के हजारों अधिवक्ताओं को मिलेगा.
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