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संविधान को विकृत करने के लिए इसको बदलने की बातें करते हैं लोग, दिग्भर्मित होने की जगह इसे पढ़ें: कलराज मिश्र - governor on constitution - GOVERNOR ON CONSTITUTION

राजस्थान तकनीकी वि​श्वविद्यालय के 13वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि जो लोग संविधान को बदलने की बाते करतें हैं, उनका ध्येय इसे विकृत करना होता है. लोगों को भ्रमित होने की बजाय संविधान को पढ़ना चाहिए.

governor on constitution
राज्यपाल कलराज मिश्र (ETV Bharat Kota)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 6, 2024, 4:43 PM IST

संविधान बदलने के आरोपों पर राज्यपाल ने दिया जवाब (ETV Bharat Kota)

कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह शनिवार को यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित हुआ. समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि संविधान में साफ लिखा है कि इसे बदला नहीं जा सकता है. इसलिए लोगों को इससे दिग्भ्रमित नहीं होना चाहिए. संविधान का अध्ययन करना चाहिए.

समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आजकल संविधान की काफी चर्चा चलती है, लेकिन जब लोगों से पूछा जाता है कि संविधान का उद्देश्य क्या है व प्रस्तावना कैसी है? तो मुझे बड़ा दुख होता है. क्योंकि बहुत कम लोगों को ज्ञान है. मिश्र ने कहा कि संविधान के मौलिक अधिकार की बात करते हैं, लेकिन संविधान के मौलिक कर्तव्य की बात नहीं करते हैं. इसी संविधान के माध्यम से भारत का इतना बड़ा लोकतांत्रिक देश चल रहा है. कुछ लोग इसको विकृत करने की कोशिश करते हैं और कहते हैं कि संविधान बदल दिया जाएगा. जबकि डॉ भीमराव अंबेडकर व उनके सहयोगियों ने यह संविधान बड़े अध्ययन के साथ बनाया है. दुनिया के देशों व भारत में साम्राज्य के कानून और संविधान का अध्ययन करने के बाद इसे बनाया है.

पढ़ें: हंगामे के साथ विधानसभा के बजट सत्र का आगाज, टीकाराम जूली ने उठाया संविधान और माइक बंद करने का मुद्दा - Uproar In Rajasthan Assembly

उन्होंने कहा कि हमारे संविधान को कोई खंडित नहीं कर सकता है. यह संविधान पवित्र ग्रंथ है. इसमें संशोधन तो हो सकता है, संविधान की 368 धारा ऐसी है. जिसमें संशोधन की प्रक्रिया है, लेकिन बदला नहीं जा सकता है. साल 1973 में केशव भारती का केस आया था, उसमें संविधान को बदलने की विभिन्न प्रकार की चिंताएं हुई थीं. तब न्यायाधीशों ने कहा कि संविधान का बेसिक फीचर बदला नहीं जा सकता है. इसलिए अधिक भ्रम में नहीं आना चाहिए. मैं चाहता हूं कि लोग संविधान का अध्ययन करें. इसके साथ ही दीक्षांत अतिथि के रूप में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम शिरकत की.

पढ़ें: इमरजेंसी के दौरान संविधान को भूलकर डिक्टेटरशिप करने वाले आज संविधान की बात कर रहे : दीया कुमारी - Diya Kumari on Opposition

इन्हें मिला चांसलर गोल्ड मेडल: वाइस चांसलर प्रो एसके सिंह ने बताया कि समारोह में साल 2022 और 2023 के पास आउट विद्यार्थियों को उपाधियां का दी गई हैं. इसके साथ ही 2022 का कुलाधिपति पदक जयपुर के पोद्दार मैनेजमेंट एंड टेक्निकल कैंपस की एमबीए कोर्स की छात्रा नयाशी जैन और 2023 का जयपुर के एसएस जैन सुबोध पीजी कॉलेज की एमएससी की छात्रा नेहा सुराणा को दिया गया. इसके अलावा 2022 का कुलपति पदक जयपुर के आर्या इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की छात्रा दिव्यांशी यादव और 2023 का आर्या इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की छात्रा गजल लता को दिया. इसके अलावा 44 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल भी दिए गए हैं.

पढ़ें: इमरजेंसी के 50 साल पर पीएम मोदी का ट्वीट- कांग्रेस ने भारत के संविधान को रौंद दिया था - 50 years of emergency

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि स्वर्ण पदक लेने वाले 44 कैंडिडेट में 22-22 छात्र-छात्राएं शामिल हैं. संकाय के अनुसार साल 2022 के बीटेक के 12 और एमटेक के 8 स्टूडेंट हैं. इसके अलावा एमबीए, एमसीए और बीआर्क के एक-एक कैंडिडेट को गोल्ड मेडल दिया जाएगा. इन 24 कैंडिडेट में 13 छात्र और 11 छात्रा हैं. इसी तरह से साल 2023 में बीटेक के 10 और एमटेक के 7 स्टूडेंट हैं. इसके अलावा एमबीए, एमसीए और बीआर्क के एक-एक कैंडिडेट को गोल्ड मेडल दिया है. इन 10 कैंडिडेट में 9 छात्र और 11 छात्राएं हैं.

47 को डॉक्टरेट की उपाधि: उपाधियों में 2022 और 2023 में इंजीनियरिंग की 35, मैनेजमेंट की 8 और कंप्यूटर एप्लीकेशन के 4 कैंडिडेट्स को पीएचडी की डिग्री दी गई. इन 47 कैंडिडेट्स में 34 छात्र व 13 छात्राएं हैं. इसके साथ ही दोनों सालों के 18257 कैंडिडेट्स को उपाधियां दी गईं. जिनमें बीटेक के 15073, एमबीए के 1610, एमसीए के 896, एमटेक के 428, बीआर्क के 197, एमआर्क के 5 व बीएचएमसीटी के 1 विद्यार्थी को उपाधि मिली है. छात्र-छात्राओं का अनुपात देखा जाए तो 4116 छात्र और 4141 छात्राओं को उपाधि मिली.

संविधान बदलने के आरोपों पर राज्यपाल ने दिया जवाब (ETV Bharat Kota)

कोटा. राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय का 13वां दीक्षांत समारोह शनिवार को यूनिवर्सिटी परिसर में आयोजित हुआ. समारोह की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि संविधान में साफ लिखा है कि इसे बदला नहीं जा सकता है. इसलिए लोगों को इससे दिग्भ्रमित नहीं होना चाहिए. संविधान का अध्ययन करना चाहिए.

समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आजकल संविधान की काफी चर्चा चलती है, लेकिन जब लोगों से पूछा जाता है कि संविधान का उद्देश्य क्या है व प्रस्तावना कैसी है? तो मुझे बड़ा दुख होता है. क्योंकि बहुत कम लोगों को ज्ञान है. मिश्र ने कहा कि संविधान के मौलिक अधिकार की बात करते हैं, लेकिन संविधान के मौलिक कर्तव्य की बात नहीं करते हैं. इसी संविधान के माध्यम से भारत का इतना बड़ा लोकतांत्रिक देश चल रहा है. कुछ लोग इसको विकृत करने की कोशिश करते हैं और कहते हैं कि संविधान बदल दिया जाएगा. जबकि डॉ भीमराव अंबेडकर व उनके सहयोगियों ने यह संविधान बड़े अध्ययन के साथ बनाया है. दुनिया के देशों व भारत में साम्राज्य के कानून और संविधान का अध्ययन करने के बाद इसे बनाया है.

पढ़ें: हंगामे के साथ विधानसभा के बजट सत्र का आगाज, टीकाराम जूली ने उठाया संविधान और माइक बंद करने का मुद्दा - Uproar In Rajasthan Assembly

उन्होंने कहा कि हमारे संविधान को कोई खंडित नहीं कर सकता है. यह संविधान पवित्र ग्रंथ है. इसमें संशोधन तो हो सकता है, संविधान की 368 धारा ऐसी है. जिसमें संशोधन की प्रक्रिया है, लेकिन बदला नहीं जा सकता है. साल 1973 में केशव भारती का केस आया था, उसमें संविधान को बदलने की विभिन्न प्रकार की चिंताएं हुई थीं. तब न्यायाधीशों ने कहा कि संविधान का बेसिक फीचर बदला नहीं जा सकता है. इसलिए अधिक भ्रम में नहीं आना चाहिए. मैं चाहता हूं कि लोग संविधान का अध्ययन करें. इसके साथ ही दीक्षांत अतिथि के रूप में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. टीजी सीताराम शिरकत की.

पढ़ें: इमरजेंसी के दौरान संविधान को भूलकर डिक्टेटरशिप करने वाले आज संविधान की बात कर रहे : दीया कुमारी - Diya Kumari on Opposition

इन्हें मिला चांसलर गोल्ड मेडल: वाइस चांसलर प्रो एसके सिंह ने बताया कि समारोह में साल 2022 और 2023 के पास आउट विद्यार्थियों को उपाधियां का दी गई हैं. इसके साथ ही 2022 का कुलाधिपति पदक जयपुर के पोद्दार मैनेजमेंट एंड टेक्निकल कैंपस की एमबीए कोर्स की छात्रा नयाशी जैन और 2023 का जयपुर के एसएस जैन सुबोध पीजी कॉलेज की एमएससी की छात्रा नेहा सुराणा को दिया गया. इसके अलावा 2022 का कुलपति पदक जयपुर के आर्या इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की छात्रा दिव्यांशी यादव और 2023 का आर्या इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी की छात्रा गजल लता को दिया. इसके अलावा 44 स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल भी दिए गए हैं.

पढ़ें: इमरजेंसी के 50 साल पर पीएम मोदी का ट्वीट- कांग्रेस ने भारत के संविधान को रौंद दिया था - 50 years of emergency

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि स्वर्ण पदक लेने वाले 44 कैंडिडेट में 22-22 छात्र-छात्राएं शामिल हैं. संकाय के अनुसार साल 2022 के बीटेक के 12 और एमटेक के 8 स्टूडेंट हैं. इसके अलावा एमबीए, एमसीए और बीआर्क के एक-एक कैंडिडेट को गोल्ड मेडल दिया जाएगा. इन 24 कैंडिडेट में 13 छात्र और 11 छात्रा हैं. इसी तरह से साल 2023 में बीटेक के 10 और एमटेक के 7 स्टूडेंट हैं. इसके अलावा एमबीए, एमसीए और बीआर्क के एक-एक कैंडिडेट को गोल्ड मेडल दिया है. इन 10 कैंडिडेट में 9 छात्र और 11 छात्राएं हैं.

47 को डॉक्टरेट की उपाधि: उपाधियों में 2022 और 2023 में इंजीनियरिंग की 35, मैनेजमेंट की 8 और कंप्यूटर एप्लीकेशन के 4 कैंडिडेट्स को पीएचडी की डिग्री दी गई. इन 47 कैंडिडेट्स में 34 छात्र व 13 छात्राएं हैं. इसके साथ ही दोनों सालों के 18257 कैंडिडेट्स को उपाधियां दी गईं. जिनमें बीटेक के 15073, एमबीए के 1610, एमसीए के 896, एमटेक के 428, बीआर्क के 197, एमआर्क के 5 व बीएचएमसीटी के 1 विद्यार्थी को उपाधि मिली है. छात्र-छात्राओं का अनुपात देखा जाए तो 4116 छात्र और 4141 छात्राओं को उपाधि मिली.

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