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सरिस्का विस्थापन के नाम पर 13 लोगों ने फर्जी तरीके से उठाया लाभ, जांच करने पहुंची टीम

बहरोड़ के बानसूर के गांव नाथूसर में सरिस्का विस्थापन के नाम पर 13 लोगों के फर्जी लाभ उठाने की जांच करने टीम मौके पर पहुंची.

Sariska Displacement Fraud
फर्जीवाड़े की जांच करने पहुंची टीम (ETV Bharat Behror)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 13, 2024, 5:34 PM IST

बहरोड़: जिले के बानसूर के गांव नाथूसर में सरिस्का से ग्रामीणों के विस्थापन पैकेज में फर्जी तरीके से पैकेज वितरण का लाभ उठाने की शिकायत पर रविवार को अलवर से जांच करने टीम मौके पर पहुंची. कल्याणपुरा पंचायत के गुढा के ग्रामीणों ने कुछ दिन पहले वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक को ज्ञापन देकर मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की थी. जिसको लेकर रविवार को विभाग के अधिकारी नाथूसर गांव पहुंचे और ग्रामीणों से लोगों की जांच की पड़ताल की गई.

इस दौरान वन विभाग के डीएफओ अभिमन्यु सारण, एसीएफ संतोष कुमार, रेंजर दलीप गुर्जर, फारेस्टर मनोज नागा सहित विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों से मामले की जानकारी ली. ग्रामीण अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि सरिस्का विस्थापन को लेकर करीब 13 बाहरी लोगों ने फर्जी कागज पेश कर विस्थापन पैकेज उठा लिया. ग्रामीणों को जब इसकी भनक लगी, तो ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच करने और कार्रवाई करने की मांग की गई थी.

पढ़ें: Sariska Tiger Reserve: 14 साल के बराबर डेढ़ साल में खाली हुए सरिस्का के कोर एरिया में बसे गांव, अभी भी 4 गांवों का विस्थापन बाकी

ग्रामीणों ने जांच करने पहुंचे आए वन विभाग के डीएफओ अभिमन्यु ने बताया कि ग्रामीणों ने विभाग को शिकायत दी कि सरिस्का से विस्थापन पैकेज में करीब 13 लोग हैं, जिन्होंने फर्जी कागज पेश कर पैकेज उठा लिया. जिसमें 6 लोग कल्याणपुरा ग्राम पंचायत के गुढा गांव के रहने वाले हैं और अन्य कई लोग बाहरी हैं. उन्होंने बताया कि जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए. आपको बता दें कि सरिस्का से करीब 15 साल पहले बहरोड़ के नंगला रूध और तिजारा में सरिस्का के कई गांवों के लोगों को बसाया गया था. लेकिन राज्य सरकार के आदेश पर अब दोबारा से कई गांवों को सरिस्का से हटाकर अन्य जगह पर बसाया जायेगा. पिछले कई महीनों से जंगली जानवरों के ग्रामीण क्षेत्रों में आने के बाद सरकार ने ये फैसला लिया था.

बहरोड़: जिले के बानसूर के गांव नाथूसर में सरिस्का से ग्रामीणों के विस्थापन पैकेज में फर्जी तरीके से पैकेज वितरण का लाभ उठाने की शिकायत पर रविवार को अलवर से जांच करने टीम मौके पर पहुंची. कल्याणपुरा पंचायत के गुढा के ग्रामीणों ने कुछ दिन पहले वन विभाग के मुख्य वन संरक्षक को ज्ञापन देकर मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की थी. जिसको लेकर रविवार को विभाग के अधिकारी नाथूसर गांव पहुंचे और ग्रामीणों से लोगों की जांच की पड़ताल की गई.

इस दौरान वन विभाग के डीएफओ अभिमन्यु सारण, एसीएफ संतोष कुमार, रेंजर दलीप गुर्जर, फारेस्टर मनोज नागा सहित विभाग के अधिकारियों ने ग्रामीणों से मामले की जानकारी ली. ग्रामीण अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि सरिस्का विस्थापन को लेकर करीब 13 बाहरी लोगों ने फर्जी कागज पेश कर विस्थापन पैकेज उठा लिया. ग्रामीणों को जब इसकी भनक लगी, तो ग्रामीणों ने विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच करने और कार्रवाई करने की मांग की गई थी.

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ग्रामीणों ने जांच करने पहुंचे आए वन विभाग के डीएफओ अभिमन्यु ने बताया कि ग्रामीणों ने विभाग को शिकायत दी कि सरिस्का से विस्थापन पैकेज में करीब 13 लोग हैं, जिन्होंने फर्जी कागज पेश कर पैकेज उठा लिया. जिसमें 6 लोग कल्याणपुरा ग्राम पंचायत के गुढा गांव के रहने वाले हैं और अन्य कई लोग बाहरी हैं. उन्होंने बताया कि जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए. आपको बता दें कि सरिस्का से करीब 15 साल पहले बहरोड़ के नंगला रूध और तिजारा में सरिस्का के कई गांवों के लोगों को बसाया गया था. लेकिन राज्य सरकार के आदेश पर अब दोबारा से कई गांवों को सरिस्का से हटाकर अन्य जगह पर बसाया जायेगा. पिछले कई महीनों से जंगली जानवरों के ग्रामीण क्षेत्रों में आने के बाद सरकार ने ये फैसला लिया था.

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