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यूपी में लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन की 12 प्रमुख वजहें आईं सामने, 40 हजार कार्यकर्ताओं से लिया फीडबैक - Bharatiya Janata Part

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 3, 2024, 10:47 PM IST

लोकसभा चुनाव 2024 में यूपी में भाजपा का प्रदर्शन काफी खराब (Bharatiya Janata Part) रहा था. जिसके बाद बीजेपी विधानसभा चुनाव से पहले कमजोरी को ताकत बनाने में लगी हुई है. सूत्रों के मुताबिक, भाजपा के 40 हजार कार्यकर्ताओं से इसकी वजह जानने के लिए बात भी की गई है.

भाजपा
भाजपा (फोटो क्रेडिट : Etv Bharat)

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 में हार को लेकर रिपोर्ट से पर्दा अब धीरे-धीरे हट रहा है. पहले जो मजबूत तथ्य सामने आया था, उसमें यह कहा गया था कि लगभग डेढ़ सौ विधायकों ने पार्टी के साथ गद्दारी की. इन विधायकों का समर्थन क्षेत्र में न मिलने से बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार को पराजय का सामना करना पड़ा था. इसके बाद में अब 12 नए बिंदु सामने आए हैं. जिसमें भाजपा के खराब प्रदर्शन को लेकर बात कही जा रही.

भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कल 12 बिंदुओं पर 40 हजार कार्यकर्ताओं से बात करके लोकसभा चुनाव 2024 में हार को लेकर निचोड़ निकाला गया है. जिसके आधार पर बीजेपी विधानसभा चुनाव से पहले कमजोरी को ताकत बनाने में लगी हुई है. इसी आधार पर अगले ढाई साल भारतीय जनता पार्टी सुधार करेगी. संविधान संशोधन को लेकर बीजेपी नेताओं की टिप्पणी, विपक्ष का 'आरक्षण हटा देंगे' का नैरेटिव बना देना, प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक का मुद्दा, सरकारी विभागों में संविदा कर्मियों की भर्ती और आउटसोर्सिंग का मुद्दा, बीजेपी के कार्यकर्ताओं में सरकारी अधिकारियों को लेकर असंतोष की भावना, सरकारी अधिकारियों का बीजेपी कार्यकर्ताओं को सहयोग नहीं मिलना, निचले स्तर पर पार्टी का विरोध, बीएलओ द्वारा बड़ी संख्या में मतदाता सूची से नाम हटाना, दलितों का बीजेपी से दूर जाना, बसपा का कमजोर चुनाव लड़ना है.

भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि टिकट वितरण में जल्दबाजी की गई, जिसके कारण बीजेपी नेताओं व कार्यकर्ताओं का उत्साह कम हुआ. राज्य सरकार के प्रति भी थाने और तहसीलों को लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी, ठाकुर मतदाता बीजेपी से दूर चले गए, पिछड़ों में कुर्मी, कुशवाहा, शाक्य का भी झुकाव नहीं रहा, अनुसूचित जातियों में दो जातियों के मतदाता का झुकाव सपा-कांग्रेस की ओर चला गया. इसके अलावा बसपा के प्रत्याशियों ने मुस्लिम व अन्य के वोट नहीं काटे बल्कि जहां बीजेपी समर्थक वर्गों के प्रत्याशी उतारे गए वहां वोट काटने में सफल रहे. बीजेपी से कोर से लेकर छोर तक के मतदाता दूर रहे, जिसकी वजह से यूपी में बीजेपी की हार तय हो गई.

यह भी पढ़ें : हिंसा और नफरत के पीछे भाजपा के लोग, हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों को नहीं समझते: राहुल गांधी - Rahul Gandhi on Social Media

यह भी पढ़ें : भाजपा नेता के घर हुई लूट का खुलासा; शेयर मार्केट में हुए नुकसान की भरपाई के लिए दो युवकों ने की थी लूट - Robbers Arrested Meerut

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2024 में हार को लेकर रिपोर्ट से पर्दा अब धीरे-धीरे हट रहा है. पहले जो मजबूत तथ्य सामने आया था, उसमें यह कहा गया था कि लगभग डेढ़ सौ विधायकों ने पार्टी के साथ गद्दारी की. इन विधायकों का समर्थन क्षेत्र में न मिलने से बीजेपी के लोकसभा उम्मीदवार को पराजय का सामना करना पड़ा था. इसके बाद में अब 12 नए बिंदु सामने आए हैं. जिसमें भाजपा के खराब प्रदर्शन को लेकर बात कही जा रही.

भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि कल 12 बिंदुओं पर 40 हजार कार्यकर्ताओं से बात करके लोकसभा चुनाव 2024 में हार को लेकर निचोड़ निकाला गया है. जिसके आधार पर बीजेपी विधानसभा चुनाव से पहले कमजोरी को ताकत बनाने में लगी हुई है. इसी आधार पर अगले ढाई साल भारतीय जनता पार्टी सुधार करेगी. संविधान संशोधन को लेकर बीजेपी नेताओं की टिप्पणी, विपक्ष का 'आरक्षण हटा देंगे' का नैरेटिव बना देना, प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक का मुद्दा, सरकारी विभागों में संविदा कर्मियों की भर्ती और आउटसोर्सिंग का मुद्दा, बीजेपी के कार्यकर्ताओं में सरकारी अधिकारियों को लेकर असंतोष की भावना, सरकारी अधिकारियों का बीजेपी कार्यकर्ताओं को सहयोग नहीं मिलना, निचले स्तर पर पार्टी का विरोध, बीएलओ द्वारा बड़ी संख्या में मतदाता सूची से नाम हटाना, दलितों का बीजेपी से दूर जाना, बसपा का कमजोर चुनाव लड़ना है.

भारतीय जनता पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि टिकट वितरण में जल्दबाजी की गई, जिसके कारण बीजेपी नेताओं व कार्यकर्ताओं का उत्साह कम हुआ. राज्य सरकार के प्रति भी थाने और तहसीलों को लेकर कार्यकर्ताओं में नाराजगी, ठाकुर मतदाता बीजेपी से दूर चले गए, पिछड़ों में कुर्मी, कुशवाहा, शाक्य का भी झुकाव नहीं रहा, अनुसूचित जातियों में दो जातियों के मतदाता का झुकाव सपा-कांग्रेस की ओर चला गया. इसके अलावा बसपा के प्रत्याशियों ने मुस्लिम व अन्य के वोट नहीं काटे बल्कि जहां बीजेपी समर्थक वर्गों के प्रत्याशी उतारे गए वहां वोट काटने में सफल रहे. बीजेपी से कोर से लेकर छोर तक के मतदाता दूर रहे, जिसकी वजह से यूपी में बीजेपी की हार तय हो गई.

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