लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का गायों के संरक्षण पर विशेष फोकस है. गायों को अच्छा चारा मिल सके इसके लिए सरकार ने राशि 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दी है. सड़कों पर चलने के दौरान हादसों से बचने के लिए उनके गले में रेडियम पट्टी लगाई जा रही है. वहीं अब राज्य के सात जिलों के 48,00 गायों का संरक्षण करने के लिए भी सरकार कदम उठा रही है. मंगलवार को पशुधन और दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने पशुपालन निदेशालय में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए सात जिलों के 12 वृहद गो संरक्षण केन्द्रों का वर्चुअल लोकार्पण किया. आगरा, शाहजहांपुर, उन्नाव में दो-दो, संभल में तीन और अमेठी, गोंडा और झांसी में एक-एक वृहद गो संरक्षण केंद्रो का निर्माण पूरा हो चुका है. इन केंद्रों के निर्माण में राज्य सरकार ने प्रति केंद्र 160.12 लाख रुपए की राशि खर्च की है. हर केंद्र में करीब 400 गोवंश को संरक्षित किया जा सकता है.
लोकापर्ण के मौके पर मंत्री ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिया कि, गोवंश संरक्षण के कार्यों को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ किया जाए. केन्दों पर सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं. गोशालाओं में गाय भूखी न रहें और चारा, भूसा, प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था हो. राज्य सरकार निराश्रित गोवंशों के कारण गरीब किसानों की फसलों को नुकसान और सड़क हादसों के कारण जनहानि को रोकने के लिए प्रयास कर रही है.
उत्तर प्रदेश में बेसहारा गोवंशों के लिए अब तक ग्रामीण इलाकों में 6,672 अस्थायी, 321 वृहद गो संरक्षण केंद्र और 307 कांजी हाउस की स्थापना की गई है. वहीं शहरी क्षेत्र में 289 कान्हा गो आश्रय सहित कुल 7,589 गो आश्रय स्थलों की स्थापना की जा चुकी है. इसमें कुल 12,08,088 गोवंश संरक्षित हैं. अभी तक कुल 522 वृहद गो संरक्षण केंद्रों की स्वीकृति प्रदान की गई है, जिनमें से 321 केंद्रों की स्थापना हो चुकी है. इन केंद्रों में कुल 1,87,919 निराश्रित गोवंश संरक्षित हैं.
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