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गोशाला में 12 गायों की मौत और 20 बीमार, ग्राम सचिव और पशु चिकित्सा अधिकारी सस्पेंड - Cows Died Shravasti

ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के खिलाफ एफआईआर दर्ज, चारे में दवा मिलाकर खिलाने के बाद बिगड़ी हालात, तीन सदस्यी जांच कमेटी गठित

गोशाला में 20 गायें बीमार.
गोशाला में 20 गायें बीमार. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 4, 2024, 8:18 PM IST

श्रावस्ती: जिले के काशीपुर मूसा गोशाला में 12 गायों की मौत हो गई है, जबकि 20 बीमार हैं. गायों की मौत होने की सूचना पर शुक्रवार को श्रावस्ती प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मौके पर जिले के आलाधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की.

जिलाधिकारी कुमार अजय द्विवेदी ने कार्रवाई करते हुए प्रधान प्रतिनिधि पर मुकदमा दर्ज कराते हुए ग्राम सचिव और पशु चिकित्साधिकारी को निलंबित कर दिया है. मृत गायों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि गुरुवार की रात चारे में दवा मिलाकर गायों को खिलाने से हालत गंभीर हो गई और मौत हो गई.

श्रावस्ती में 12 गायों की मौत. (Video Credit; ETV Bharat)

डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि ग्राम पंचायत कासीपुर मूसा विकास खंड गिलौला में स्थित गोशाला में 12 गायों के मौत होने की पुष्टि हुई है. इसकी सूचना शासन को दी गई है. बीमार 20 गायों को एंबुलेंस से उपचार के लिए भेजा गया है. बीमार गायों का उपचार सोनवां एवं गिलौला स्थित पशु चिकित्सालयों में कराया जा रहा है. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी श्रावस्ती को निर्देशित किया गया है कि बीमार गायों के उपचार के दौरान यदि किसी गाय की मृत्यु होती है तो उसका पोस्टमार्टम कराने के बाद ही शव का निस्तारण किया जाए. डीएम ने बताया कि गायों के बीमार होने के दूषित चारा दूषित पानी पीने की संभावना हो सकती है. चारा एवं पानी की सैंपलिंग कराकर जांच लैब भेजा जा रहा है. डीएम ने बताया कि कीड़ा मारने की दवा भी गोवंशों को खिलाई गई थी, जिसकी भी जांच करायी जा रही है. यदि दवाओं की खराबी के कारण पशुओं के मृत या बीमार होने का तथ्य जांच में पाया जाता है तो दवा सप्लायर को ब्लैक लिस्ट कर विधिक कार्रवाई की जाएगी.

जांच के लिए शासन स्तर से आ रही विशेषज्ञ टीम
डीएम ने बताया कि गायों के बीमार होने अथवा मृत्यु होने के कारणों की जांच के लिए शासन स्तर से विशेषज्ञ टीम आ रही है. इससे पहले 2 मृतक पशुओं को बिना सूचना के दफनाया गया है. पंचायत सचिव विकास कुमार मौर्य और पशु चिकित्साधिकारी डा. विनय कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बबलू के विरुद्ध बीडीओ ने रिपोर्ट दर्ज कराई है. प्रकरण की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी श्रावस्ती की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. जो प्रकरण की गहन जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट तीन दिन में प्रस्तुत करेंगे

गोशाला में चारे और पानी की उचित व्यवस्था नहीं
वहीं, ग्रामीण बराबर गोशाला में जाने की जिद करते रहे ,परंतु पुलिस उन्हें गोशाला के अंदर नहीं जाने दिए. ग्रामीण विजय, मुकेश, रमेश और सुमन का कहना है कि कई दर्जन गायें मर चुकी है और इसका जिम्मेदार विभाग, प्रधान और सचिव है. गोशाला में तकरीबन एक हजार गायें रहती हैं लेकिन कभी चारे, पानी का उचित व्यवस्था नहीं देखा गया. ग्रामीणों ने बताया कि इसका खुलासा भी नहीं होता, गोशाला में सुबह भोर कुछ लोग गांव से टहलने निकले थे तो गायों को दफनाते देखें. जिसकी सूचना दी गई तब जाकर प्रशासन की तंद्रा टूटी.

इसे भी पढ़ें-देखें VIDEO; सरयू के दलदल में फंसी 10 गायें, तीन दिन तक तड़पती रहीं, ऐसे हुआ रेस्कयू

श्रावस्ती: जिले के काशीपुर मूसा गोशाला में 12 गायों की मौत हो गई है, जबकि 20 बीमार हैं. गायों की मौत होने की सूचना पर शुक्रवार को श्रावस्ती प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मौके पर जिले के आलाधिकारी मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की.

जिलाधिकारी कुमार अजय द्विवेदी ने कार्रवाई करते हुए प्रधान प्रतिनिधि पर मुकदमा दर्ज कराते हुए ग्राम सचिव और पशु चिकित्साधिकारी को निलंबित कर दिया है. मृत गायों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. बताया जा रहा है कि गुरुवार की रात चारे में दवा मिलाकर गायों को खिलाने से हालत गंभीर हो गई और मौत हो गई.

श्रावस्ती में 12 गायों की मौत. (Video Credit; ETV Bharat)

डीएम अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि ग्राम पंचायत कासीपुर मूसा विकास खंड गिलौला में स्थित गोशाला में 12 गायों के मौत होने की पुष्टि हुई है. इसकी सूचना शासन को दी गई है. बीमार 20 गायों को एंबुलेंस से उपचार के लिए भेजा गया है. बीमार गायों का उपचार सोनवां एवं गिलौला स्थित पशु चिकित्सालयों में कराया जा रहा है. मुख्य पशु चिकित्साधिकारी श्रावस्ती को निर्देशित किया गया है कि बीमार गायों के उपचार के दौरान यदि किसी गाय की मृत्यु होती है तो उसका पोस्टमार्टम कराने के बाद ही शव का निस्तारण किया जाए. डीएम ने बताया कि गायों के बीमार होने के दूषित चारा दूषित पानी पीने की संभावना हो सकती है. चारा एवं पानी की सैंपलिंग कराकर जांच लैब भेजा जा रहा है. डीएम ने बताया कि कीड़ा मारने की दवा भी गोवंशों को खिलाई गई थी, जिसकी भी जांच करायी जा रही है. यदि दवाओं की खराबी के कारण पशुओं के मृत या बीमार होने का तथ्य जांच में पाया जाता है तो दवा सप्लायर को ब्लैक लिस्ट कर विधिक कार्रवाई की जाएगी.

जांच के लिए शासन स्तर से आ रही विशेषज्ञ टीम
डीएम ने बताया कि गायों के बीमार होने अथवा मृत्यु होने के कारणों की जांच के लिए शासन स्तर से विशेषज्ञ टीम आ रही है. इससे पहले 2 मृतक पशुओं को बिना सूचना के दफनाया गया है. पंचायत सचिव विकास कुमार मौर्य और पशु चिकित्साधिकारी डा. विनय कुमार सिंह को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बबलू के विरुद्ध बीडीओ ने रिपोर्ट दर्ज कराई है. प्रकरण की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी श्रावस्ती की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है. जो प्रकरण की गहन जांच करते हुए अपनी रिपोर्ट तीन दिन में प्रस्तुत करेंगे

गोशाला में चारे और पानी की उचित व्यवस्था नहीं
वहीं, ग्रामीण बराबर गोशाला में जाने की जिद करते रहे ,परंतु पुलिस उन्हें गोशाला के अंदर नहीं जाने दिए. ग्रामीण विजय, मुकेश, रमेश और सुमन का कहना है कि कई दर्जन गायें मर चुकी है और इसका जिम्मेदार विभाग, प्रधान और सचिव है. गोशाला में तकरीबन एक हजार गायें रहती हैं लेकिन कभी चारे, पानी का उचित व्यवस्था नहीं देखा गया. ग्रामीणों ने बताया कि इसका खुलासा भी नहीं होता, गोशाला में सुबह भोर कुछ लोग गांव से टहलने निकले थे तो गायों को दफनाते देखें. जिसकी सूचना दी गई तब जाकर प्रशासन की तंद्रा टूटी.

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